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Gold Shopping: गोल्ड खरीदते वक्त हॉलमार्क ही नहीं, अपने बिल में जरूर चेक कर लें ये चीजें, वर्ना फंस जाएंगे

Gold Jewellery: गोल्ड खरीदते वक्त पक्की रसीद भी उतनी ही जरूरी होती है, जितनी हॉलमार्क का निशान चेक करना. अगर आप भविष्य में वो सोना खरीदने का फैसला करते हैं तो ये रसीद ही सबकुछ तय करता है.
Updated on: April 27, 2023, 12.33 PM IST
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1. गोल्ड खरीद के बिल को लेकर क्या है नियम?

गोल्ड की शुद्धता और बिलिंग जैसे दूसरे नियमन के लिए ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) नियम तय करता है. BIS कहता है कि आपको हॉलमार्क ज्वैलरी ही खरीदनी चाहिए और खरीदने के बाद ज्वैलर से ऑथेंटिक बिल या रसीद लेनी चाहिए. ये काफी जरूरी है. अगर आपकी खरीद पर किसी तरह की दिक्कत आती है, या कोई मामला फंसता है, कोई शिकायत आती है, तो रसीद का होना जरूरी होता है.

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2. सोने की खरीद पर बिल में क्या होना चाहिए?

BIS के मुताबिक, आपके बिल में हालमार्क ज्वैलरी की जानकारी होनी चाहिए. जितने आइटम हैं, उनकी संख्या, सबका अलग-अलग वजन, कैरेट की जानकारी, हॉलमार्क की जानकारी होनी चाहिए.

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3. बिल में दिखेंगी आपको कई चीजें

आपके बिल में आर्टिकल का नाम, जैसे अंगूठी खरीदी है तो अंगूठई. साथ ही उसका वजन, प्योरिटी कितनी है, जैसे 22 कैरेट है, 24 कैरेट है वगैरह. इसके साथ कैरेट के हिसाब से गोल्ड का मौजूदा रेट, मेकिंग चार्ज, हॉलमार्क चार्ज और जीएसटी वगैरह, कुल इसमें होना चाहिए.

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4. इसका भी रखें ध्यान

अगर आपके गोल्ड ज्वैलरी में अलग से कोई स्टोन वगैरह लगा है तो ज्वैलर को अलग से बिल में इसकी जानकारी देनी होगी. स्टोन कितनी है, कौन सा है, इसका वजन क्या है, जैसी जानकारियां इसमें होनी चाहिए.

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5. गोल्ड की प्योरिटी चेक कराएं

अगर आपको गोल्ड की शुद्धता को लेकर शंका है तो BIS आपको इसकी प्योरिटी चेक कराने की सुविधा भी देता है. आप BIS से समर्थित किसी भी एसेंइग एंड हॉलमार्किंग सेंटर (A&H Center) पर जाकर इसे चेक करा सकते हैं. आपको इसके लिए टेस्टिंग चार्ज देना होगा. इन सेंटर्स के लिए BIS ने एक लिस्ट भी जारी की है-  https://www.bis.gov.in/wp-content/uploads/2022/04/List-of-89-Centres-provided-Central-Assistance-with-amount.pdf