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EPFO: हर मेम्‍बर को मिलता है 7 लाख का कवर, मुश्किल घड़ी में फैमिली को मिलेगी मदद

EPFO EDLI: प्राइवेट नौकरी करते हैं तो कोरोना महामारी के दौर में सरकार की उन योजनाओं के बारे में जरूर लान लेना चाहिए, जो बिना कुछ खर्च किए मिलती हैं.
Updated on: May 12, 2021, 05.29 PM IST
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कौन EDLI स्कीम में कर सकता है क्लेम

स्‍कीम के मुताबिक, EDLI के तहत क्लेम मेंबर इंप्लॉई के नॉमिनी की ओर से इंप्लॉई की बीमारी, दुर्घटना या स्वाभाविक मृत्यु होने के बाद किया जा सकता है. अब यह कवर उन कर्मचारियों के पीड़ित परिवार को भी मिलता है, जिसने मृत्यु से ठीक पहले 12 महीनों के अंदर एक से अधिक कंपनियों में नौकरी की हो. इसमें नॉमिनी को पेमेंट एकमुश्‍त किया जाता है.  EDLI में इम्‍प्‍लाइॅज को कोई रकम नहीं देनी होती है. अगर स्कीम के तहत कोई नॉमिनेशन नहीं हुआ है तो क्‍लेम कर्मचारी का जीवनसाथी, कुंवारी बच्चियां और नाबालिग बेटा/बेटे कर सकेंगे. कोरोना महामारी से भी अगर ईपीएफओ सब्‍सक्राइबर की मौत होती है तो नॉमिनी इंश्‍यारेंस क्‍लेम कर सकता है. 

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कंपनी करती है प्रीमियम का भुगतान 

दरअसल, इस स्‍कीम के तहत प्रीमियम का भुगतान कंपनी की ओर से किया जाता है. संगठित यानी ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों की बेसिक सैलरी+DA का 12 फीसदी इंप्लॉई प्रोविडेंट फंड (EPF) में जाता है. 12 फीसदी का ही योगदान कंपनी/एम्‍प्‍लायर की ओर से भी होता है. एम्‍प्‍लायर के 12 फीसदी योगदान में से 8.33 फीसदी इंप्लॉई पेंशन स्कीम EPS में और बाकी EPF में जाता है.  इसके अलावा,  EDLI स्कीम में केवल एम्‍प्‍लायर की ओर से प्रीमियम जमा होता है, जो कर्मचारी की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 0.50 फीसदी होता है. हालांकि, अधिकतम बेसिक सैलरी लिमिट 15 हजार रुपये ही काउंट होगी. 

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कैसे कैलकुलेट होगा क्लेम?

EDLI स्कीम में क्लेम का कैलकुलेशन इम्‍प्‍लाइज को मिली आखिरी 12 माह की बेसिक सैलरी+DA के आधार पर की जाती है. हाल में हुए संशोधन के तहत अब इस इंश्योरेंस कवर का क्लेम आखिरी बेसिक सैलरी+DA का 35 गुना होगा, जो पहले 30 गुना होता था. साथ ही अब 1.75 लाख रुपये का मैक्सिमम बोनस रहेगा, जो पहले 1.50 लाख रुपये मैक्सिमम था. यह बोनस आखिरी 12 माह के दौरान एवरेज पीएफ बैलेंस का 50 फीसदी माना जाता है. मसलन,  अगर ईपीएफओ मेम्‍बर की आखिरी 12 माह की बेसिक सैलरी+DA अगर 15000 रुपये है तो इंश्योरेंस क्लेम (35 x 15,000) + 1,75,000= 7 लाख रुपये हुआ. यह मैक्सिमम क्लेम अमाउंट है. 

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कैसे करना होता है क्‍लेम?

अगर EPF सब्सक्राइबर की असमय मृत्‍यु हो जाती है तो उसके नॉमिनी या लीगल उत्तराधिकारी इंश्योरेंस कवर के लिए क्लेम कर सकते हैं. क्लेम करने वाला 18 साल से कम उम्र का है तो उसकी तरफ से उसका अभिभावक क्लेम कर सकता है. इसके लिए इंश्योरेंस कंपनी को इंप्लॉई की डेथ सर्टिफिकेट, सक्सेशन सर्टिफिकेट, माइनर नॉमिनी की ओर से अभिभावक द्वारा दावा किए जाने पर गार्जियनशिप सर्टिफिकेट और बैंक डिटेल्स देने की जरूरत होगी. अगर PF खाते का कोई नॉमिनी नहीं है तो फिर कानूनी उत्तराधिकारी क्लेम कर सकता है. यहां एक बात और जान लेनी चाहिए कि PF खाते से पैसा निकालने के लि‍ए एम्‍प्‍लायर के पास जमा होने वाले फॉर्म के साथ इंश्योरेंस कवर का फॉर्म 5IF भी जमा करना होता है.