Coronavirus mahamari के बीच पुरानी पेंशन योजना (Old pension Scheme) की डिमांड को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों के कर्मचारी Twitter पर आ गए हैं. न्‍यूज एजेंसी PTI के मुताबिक पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग को लेकर बड़े पैमाने पर कर्मचारी Twitter पर चलाये जा रहे अभियान से जुड़ गए हैं. 

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पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग को लेकरनेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) ने Twitter पर अभियान शुरू किया है. संगठन का दावा है कि 13 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी इसके सदस्य हैं. 

NMOPS की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष मनजीत सिंह पटेल के मुताबिक केन्द्र सरकार ने एक जनवरी 2004 से सरकारी नौकरी में आए कर्मचारियों के लिये नई पेंशन योजना (NPS) शुरू की है. इसे नयी पेंशन योजना (NPS) नाम दिया गया है. यह 1972 के केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम के स्थान पर लागू हुई है. लेकिन NPS कर्मचारी के अंतिम मूल वेतन (Last basic salary) के मुताबिक न्यूनतम पेंशन (Minimum Pension) की गारंटी नहीं देती.

पटेल ने बताया कि इसके अलावा NPS में कई और दिक्कतें हैं. इसमें महंगाई भत्ते (Dearness allowance) में होने वाली बढ़त के मुताबिक रिवजीन का कोई प्रावधान नहीं है. जबकि पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारी को साल में दो बार संशोधित DA का लाभ मिलता था. 

दिल्ली सरकार में कर्मचारी रह चुके पटेल ने बताया कि NMPOPS केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए शेयर बाजार से जुड़ी पेंशन योजना का समर्थन नहीं करता है. इन्हीं मांगों पर शुक्रवार से Twitter पर अभियान की शुरुआत की गई है. दिनभर में ‘रिस्टोर ओल्ड पेंशन’ को दो लाख से ज्यादा बार ट्वीट और रीट्वीट किया गया.

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पुरानी पेंशन के 3 बड़े फायदे

1- OPS वह पेंशन योजना थी जिसमें पेंशन अंतिम ड्रॉन सैलरी के आधार पर बनती थी.

2- OPS में महंगाई दर बढ़ने के साथ DA (महंगाई भत्‍ता) भी बढ़ जाता था.

3- जब सरकार नया वेतन आयोग लागू करती है तो भी इससे पेंशन में बढ़ोतरी होती है.

क्‍या है NPS में

केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2004 से नई पेंशन योजना (NPS) लागू की है. वहीं कई राज्‍यों में पहली अप्रैल 2004 से NPS लागू हुआ. खास बात यह है कि NPS में नए कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय पुराने कर्मचारियों की तरह पेंशन और पारिवारिक पेंशन के बेनिफिट नहीं मिलेंगे. इस योजना में नए कर्मचारियों से वेतन और महंगाई भत्ते का 10% Contribution लिया जाता है. जबकि सरकार 14% Contribution करती है.