National Pension Scheme: आप टैक्स बचाने के लिए कई निवेश विकल्पों में निवेश करते हैं. जानकारों का कहना है कि किसी भी व्यक्ति को टैक्स सेविंग साधनों की लिस्ट में नेशनल पेंशन स्कीम यानी एनपीएस (NPS) को जरूर शामिल करना चाहिए. यह सिर्फ टैक्स ही नहीं बचाता है, बल्कि रिटायरमेंट के लिए एक बड़ा कॉर्पस भी तैयार कर देता है. एचडीएफसी बैंक की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, एनपीएस स्कीम का पहला मकसद यह सुनिश्चित करना है कि अकाउंटहोल्डर रिटायरमेंट के बाद भी एक स्थिर आय अर्जित करते रहें. इसके अलावा अपने निवेश पर अच्छे रिटर्न हासिल करें.

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एनपीएन स्कीम कैस करता काम

एनपीएस अकाउंटहोल्डर अपने पेंशन अकाउंट में नौकरी करने के दौरान रेगुलर योगदान कर सकते हैं. इस स्कीम में किसी भी शख्स को कम से कम 6,000 रुपये का योगदान करना चाहिए. रिटायरमेंट के बाद, अकाउंट होल्डर अपने अकाउंट में जमा राशि का 60 प्रतिशत तक अमाउंट निकाल सकते हैं. इस राशि का इस्तेमाल किसी बड़ी जिम्मेदारी या जरूरी खर्च में कर सकते हैं. बाकी बची हुई 40 प्रतिशत रकम का इस्तेमाल एन्युटी लेने में करना चाहिए, ताकि रिटायरमेंट के बाद एक रेगुलर इनकम सुनिश्चित हो सके.

एनपीएस में निवेश के बेनिफिट

एनपीएस (National Pension Scheme) में निवेश करने वाले इसके लिए स्वतंत्र हैं कि वह कहां निवेश करना चाहते हैं. एनपीएस के तहत निवेश का मैनेजमेंट पेंशन फंड मैनेजर (पीएफएम) की तरफ से किया जाता है. हर महीने के योगदान की राशि अकाउंटहोल्डर की तरफ से की जाती है. आप अपने एनपीएस अकाउंट को देश के किसी भी हिस्से से ऑपरेट कर सकते हैं. एनपीएस पर टैक्स बेनिफिट (National Pension Scheme benefits) भी मिलता है.

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टैक्स बेनिफिट को समझ लीजिए

एनपीएस (National Pension Scheme) में निवेश पर इनकम कानून की धारा 80सीसीडी (1) के तहत 1.5 लाख रुपये तक कर छूट मिलती है. एनपीएस में नियोक्ता का योगदान आयकर कानून की धारा 80सीसीडी(2) के तहत सैलरी (बेसिक + डीए) के सिर्फ 10% तक कर कटौती के योग्य है. आप किसी बैंक में भी अपना एनपीएस अकाउंट ओपन करा सकते हैं. एनपीएस में निवेश सैलरी पाने वाले और अपना कोई कारोबार करने वाले दोनों ही कर सकते हैं.