पॉपुलर रिटायरमेंट स्कीम NPS (National Pension System) के निवेशकों के लिए अच्छी खबर आई है. पेंशन नियामक PFRDA (pension fund regulatiry and development authority) ने एनपीएस सब्सक्राइबर्स के लिए एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि अब निवेशक अलग-अलग असेट क्लास के लिए तीन पेंशन फंड मैनेजर तक चुन सकते हैं.

अलग असेट्स में निवेश कर सकते हैं NPS

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NPS सब्सक्राइबर्स इस निवेश के तहत अलग-अलग असेट क्लास में निवेश कर सकते हैं, जिसमें- इक्विटी (E), गवर्न्मेंट बॉन्ड (G), कॉरपोरेट बॉन्ड (C) और अल्टरनेट असेट क्लास (A) होते हैं. 

क्या हैं नये नियम?

अभी तक एनपीएस सब्सक्राइबर्स के पास मल्टीपल फंड मैनेजर चुनने की सुविधा नहीं मिलती थी. जब सब्सक्राइबर एक पेंशन फंड मैनेजर चुन लेता था, तो जो पैसे एनपीएस के अलग-अलग असेट क्लास में डाले गए थे, वो उसी फंड मैनेजर की ओर से मैनेज किया जाता था. यानी एक फंड मैनेजर हर असेट को मैनेज करता था, लेकिन अब सब्सक्राइबर्स हर असेट क्लास के लिए अलग-अलग फंड मैनेजर चुन सकता है.

याद रखनी होंगी ये शर्तें

PFRDA ने नई सुविधा के साथ कुछ शर्तें भी रखी हैं. जैसे कि- 

1. सब्सक्राइबर्स को इस सुविधा का इस्तेमाल करने के लिए असेट अलोकेशन के लिए एक्टिव चॉइस का ऑप्शन चुनना होगा, ऑटो मोड का नहीं. 

2. ये सुविधा अल्टरनेट असेट क्लास में नहीं मिलेगी, बस इक्विटी, गवर्न्टमेंट सिक्योरिटी और कॉरपोरेट बॉन्ड के असेट में ही मिलेगी.

3. ये सुविधा मौजूदा All Citizen Model (Tier-I), NPS corporate model (Tier-I) and Tier-II (All subscribers) की कैटेगरी में ही मिलेगी. यानी कि टियर-1 एनपीएस अकाउंट रखने वाले सरकारी कर्मचारी इस सुविधा का फायदा नहीं उठा सकते, अगर उनके पास टियर-2 अकाउंट है, तभी फायदा मिलेगा.

4. योजना में जो नए निवेशक आएंगे, वो रजिस्ट्रेशन के तीन महीनों बाद ही मल्टीपल पेंशन फंड मैनेजर चुनने की सुविधा ले पाएंगे.

कैसे होगा फायदा?

जैसे कि मान लीजिए आपने अपने NPS निवेश के लिए HDFC Pension Fund को फंड मैनेजर के तौर पर चुना है और आप इक्विटी और बॉन्ड में निवेश करते हैं, तो यही फंड आपके दोनों फंड मैनेज कर रहा होगा. लेकिन अब आप इक्विटी के लिए अलग और बॉन्ड के लिए अलग फंड मैनेजर चुन सकेंगे. इससे फायदा ये होगा कि आप अपने असेट के हिसाब से ज्यादा बेहतर फंड मैनेजर चुन पाएंगे.

किस्तों में पैसे निकालने की मिली है सुविधा

PFRDA (पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण) ने पिछले दिनों एक सर्कुलर जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि सब्सक्राइबर को चरणबद्ध तरीके से लमसम निकालने की सिस्टेमैटिक लमसम विदड्रॉल सुविधा मिलेगी. अब सब्सक्राइबर्स अपने पेंशन कॉर्पस का 60 फीसदी हिस्सा 75 साल की उम्र तक मासिक, तिमाही, अर्धवार्षिक या सालाना तौर पर निकालने का विकल्प चुन सकते हैं.