पेंशन रेगुलेटर पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी या PFRDA धारा 80 सी के तहत नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) tier-II इनकम टैक्स सेविंग स्कीम के दिशानिर्देशों के साथ सामने आया है. एनपीएस tier-II योजना के तहत केवल केंद्र सरकार के कर्मचारी इनकम टैक्स बेनेफिट के लिए पात्र हैं. यह tier-I एनपीएस स्कीम के तहत उपलब्ध इनकम टैक्स बेनेफिट से अलग है.

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प्रति वर्ष इनकम टैक्स कटौती (upto 1.5 लाख तक) के लिए एनपीएस के tier-II अकाउंट के लिए केंद्र सरकार के कर्मचारी का 3 साल का लॉक-इन पीरियड होगा.

तीन साल की लॉक-इन पीरियड के दौरान किसी भी प्रकार की विड्राल की अनुमति नहीं होगी. हालाँकि, सब्सक्राइबर की मृत्यु के मामले में, नामांकित व्यक्ति / कानूनी वारिस के जरिए धन वापस लिया जा सकता है.

केंद्र सरकार के कर्मचारी जो इस टैक्स  बेनेफिट का लाभ उठाना चाहते हैं, उनके तीन एनपीएस अकाउंट हो सकते हैं:

tier-I (जो अनिवार्य खाता है), tier-II (ऑप्शनल और स्वतंत्र रूप से निकासी योग्य) और tier-II(धारा 80 सी लाभ के साथ ऑप्शनल अकाउंट लेकिन, तीन साल का लॉक-इन).

एनपीएस  इनकम टैक्स बेनेफिट  - प्राईवेट सेक्टर के कर्मचारियों और सरकारी कर्मचारियों दोनों के लिए-

एनपीएस tier-II अकाउंट के लिए योगदान धारा 80 सीसीडी (1 बी) के तहत  50,000 रुपय की विशेष कटौती की अनुमति देता है.

यह NPS की ओर निवेश के लिए धारा 80CCD (1) के तहत अनुमत 1.5 लाख  रुपय के अतिरिक्त है. लेकिन यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि धारा 80 सी, 80CCC (एक बीमाकर्ता द्वारा दी गई पेंशन योजना में निवेश) और धारा 80CCD (1) (NPS के लिए) के तहत कटौती की कुल राशि एक वित्तीय वर्ष में 1.5 लाख रुपये से ज्यादा नहीं हो सकती है.

पुरानी आयकर दर शासन के तहत, इन बेनेफिट का लाभ पहले की तरह लिया जा सकता है. लेकिन अगर आप नई कर दरों का ऑप्शन चुनते हैं, तब भी आप कर्मचारी के एनपीएस अकाउंट के लिए एम्प्लॉयर के योगदान पर आयकर कटौती का दावा कर सकते हैं.

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अगर आपका एम्प्लॉयर आपके एनपीएस अकाउंट में योगदान दे रहा है, तो केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए धारा 80 सीसीडी (2) के तहत आयकर में कटौती के लिए किसी भी सीमा के बावजूद वेतन (मूल + डीए) के 14% तक की कटौती की जाती है. दूसरों के लिए, सीमा 10% है. यह लाभ तब भी मिलता है जब आप पुरानी आयकर व्यवस्था से काम करते हैं.