New wage code latest news: न्यू वेज कोड (New wage Code) यानि नए श्रम कानून को लागू करने में अभी थोड़ी देरी लग सकती है. फिलहाल, इसकी अंतिम प्रक्रिया चल रही है. इसी वित्त वर्ष में इसे लागू किया जाना है. पहले चर्चा थी कि अक्टूबर में ये लॉन्च हो सकता है. लेकिन, सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, राज्य से मिले इनपुट पर अभी विचार किय जा रहा है. इसलिए 1 अक्टूबर की डेडलाइन भी निकल जाएगी. नए श्रम कानून (New wage Code) में कुछ बदलाव को लेकर भी लेबर मिनिस्ट्री (Labour Ministry) और लेबर यूनियन (Labour Union) के बीच चर्चा है. सूत्रों के मुताबिक, जल्द ही इसकी ड्राफ्ट लाइन जारी हो सकती है. इसके बाद ही इसे नोटिफाई किया जाएगा.

EPF, सैलरी, पेंशन पर हो सकता है फैसला

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EPFO बोर्ड मेंबर और भारतीय मजदूर संघ के जनरल सेक्रेटरी विरजेश उपाध्याय के मुताबिक, नए श्रम कानूनों (New labor law) में कुछ जरूरी बदलाव होने हैं. राज्यों की तरफ से हुई देरी के चलते इसे लागू करने में देरी हो रही है. कर्मचारियों के लिए सोशल सिक्योरिटी (Social Security) अहम मुद्दा है. बता दें, कर्मचारियों के काम के घंटे, सालाना छुट्टियों, पेंशन, PF, टेक होम सैलरी, रिटायरमेंट जैसे अहम मुद्दे पर नियमों लागू होने हैं. नए नियमों को लागू करने के लिए राज्यों की सहमति भी जरूरी है. इसलिए इसमें अभी देरी होगी. लागू करने से पहले न्यू वेज कोड (New wage code) की ड्राफ्टलाइन और नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा.

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छुट्टियों की लिमिट बढ़ाने की डिमांड

लेबर मिनिस्ट्री की लेबर रिफॉर्म्स सेल (Labour Reform cell) के एक अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि लेबर यूनियन की तरफ से PF और सालाना छुट्टियों को लेकर डिमांड रखी गई है. इस मुद्दे को लेकर पहले भी कई मीटिंग हो चुकी हैं. यूनियन चाहती है कि अर्जित अवकाश (Earned leave) की सीमा को 240 दिन से बढ़ाकर 300 दिन किया जाए. बिल्डिंग एंड कंस्ट्रक्शन सेक्टर, बीड़ी वर्कर्स, पत्रकारों और सिनेमा के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए भी अलग नियम बनाए हो सकते हैं.

EPF के बदलेंगे नियम

विरजेश उपाध्याय के मुताबिक, सरकार से मांग की गई है कि कर्मचारी राज्य बीमा योजना की तरह कर्मचारी भविष्य निधि योजना (EPF) की एलिजिबिलिटी 15,000 रुपए मासिक वेतन से बढ़ाकर 25,000 रुपए या कम से कम 21000 रुपए किया जाना चाहिए. कानूनों पर अंतिम दौर की चर्चा चल रही है. सभी मुद्दों का समाधान निकालने की कोशिश की जा रही है और इसके बाद ही नियमों को नोटिफाई किया जाएगा.

क्या है नया वेज कोड?

केंद्र सरकार ने 29 केंद्रीय लेबर कानूनों को मिलाकर 4 नए कोड (New wage Code) बनाए हैं. इनमें इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड, कोड ऑन ऑक्‍यूपेशनल सेफ्टी, हेल्‍थ एंड वर्किंग कंडीशंस कोड (OSH), सोशल सिक्‍योरिटी कोड और कोड ऑन वेजेज शामिल हैं. लेबर कोड्स में कुछ नए कॉन्सेप्ट लाए गए हैं. लेकिन, सबसे बड़ा बदलाव ‘वेज’ की परिभाषा (Wage defination) के विस्तार का है. नए लेबर कोड का मकसद कंसोलिडेशन पर है. सैलरी का 50 फीसदी सीधे तौर पर वेजेज में शामिल होगा.

नए वेज कोड में क्या?

वेज कोड एक्ट के मुताबिक, किसी कर्मचारी का मूल वेतन (Basic Salary) कंपनी की लागत (CTC) का 50 परसेंट से कम नहीं हो सकता है. अभी कई कंपनियां बेसिक सैलरी को काफी कम करके ऊपर से भत्ते ज्यादा देती हैं ताकि कंपनी पर बोझ कम पड़े.

टेक होम सैलरी घटेगी, रिटायरमेंट सुधरेगा

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, मूल वेतन (Basic Pay) बढ़ने से कर्मचारियों (Employees) का पीएफ (PF) ज्यादा कटेगा, तो उनकी टेक-होम सैलरी भले ही कम होगी, लेकिन उनका भविष्य ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा. इससे उनकी सेवानिवृत्ति (Retirement) पर ज्यादा लाभ मिलेगा, क्योंकि भविष्य निधि (PF) और मासिक ग्रेच्युटी (Monthly Gratuity) में उनका योगदान बढ़ जाएगा.