1 फरवरी 2020 को बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्सपेयर्स के लिए नया टैक्स स्लैब इंट्रोड्यूस किया था. नए टैक्स स्लैब में टैक्सपेयर को कुछ अतिरिक्त छूट दी गई हैं. 1 अप्रैल 2020 से नया टैक्स स्लैब लागू हो गया है. अब ये स्लैब आपको चुनना है या नहीं, इसका फैसला तभी कर सकते हैं, जब इसके फायदे-नुकसान पता होंगे. इसलिए जरूरी है कि नया टैक्स स्लैब ऑप्ट करने से पहले इससे जुड़ी बातें जरूर समझनी चाहिए. टैक्स एक्सपर्ट सुनील गर्ग टैक्स ने इस नए स्लैब और इससे मिलने वाले फायदे के बारे में विस्तार से बताया है.

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नए टैक्स स्लैब में टैक्सपेयर्स किस तरह ज्यादा से ज्यादा फायदा ले सकते हैं, यह उनके स्लैब चुनने पर निर्भर करता है. टैक्स स्लैब को अलग-अलग फायदे के लिए अलग-अलग तरीके से चुना जा सकता है. पहले समझें नए स्लैब में क्या है.

नया टैक्स स्लैब

इनकम (रुपए) टैक्स (प्रतिशत)
2.5 लाख 0
2.5-5 लाख 5
5.-7.5 लाख 10
7.5-10 लाख 15
10-12.5 लाख 20
12.5-15 लाख 25
15 से ज्यादा 30

पहले किन इंस्ट्रूमेंट पर मिलती है छूट

  1. हाउसिंग लोन का प्रिसिंपल और ब्याज
  2. PPF और EPF में निवेश
  3. डिपॉजिट पर होने वाली ब्याज आय (80TTA)
  4. FD यानी फिक्सड डिपॉजिट
  5. बच्चों की ट्यूशन फीस
  6. नौकरी करने वालों का स्टैंडर्ड डिडक्शन (50 हजार रुपये)
  7. LTA यानी लीव ट्रैवल अलाउंस
  8. HRA यानी हाउस रेंट अलाउंस
  9. मेडिकल और इंश्योरेंस के खर्च
  10. 80DD दिव्यांगों के इलाज पर टैक्स छूट
  11. 80U में दिव्यांगों के खर्चें पर टैक्स छूट
  12. 80E एजुकेशन लोन पर टैक्स छूट
  13. सेक्शन 16-इंटरटेनमेंट अलाउंस
  14. 80GG मकान के किराए पर छूट
  15. 80G-डोनेशन (दान पर छूट)
  16. 80EEB-इलेक्ट्रिक व्हीकल पर टैक्स छूट

नई टैक्स स्लैब में मिलेंगी ये राहत

  1. किराए पर स्टैंडर्ड डिडक्शन
  2. खेती से होने वाली आमदनी
  3. पीपीएफ पर मिलने वाले ब्याज
  4. बीमा की मैच्योरिटी की रकम
  5. मृत्यु पर बीमा से मिली रकम
  6. छंटनी पर मिला मुआवजा
  7. रिटायरमेंट पर लीव इनकैशमेंट
  8. VRS- वॉलेंट्री रिटायरमेंट
  9. सुकन्या समृद्धि खाते पर मिली रकम

स्विच कर सकते हैं टैक्स स्लैब

खास बात ये है कि करदाता पुराने टैक्स स्लैब से नए स्लैब में जा सकते हैं और वे नए स्लैब से फिर पुराने स्लैब में वापस आ सकते हैं. हालांकि यह छूट कुछ खास वर्ग के टैक्सपेयर्स के लिए ही है. नौकरीपेशा नये स्लैब में जाकर वापस आ सकते हैं. नौकरीपेशा हर वित्त वर्ष में टैक्स स्लैब स्विच कर सकते हैं. जिनकी सैलेरी, किराये या अन्य सोर्स से आय है, वे हर बार टैक्स स्लैब बदल सकते हैं. अगर आपकी बिजनेस से इनकम है तो आप सिर्फ एक बार शिफ्ट कर सकते हैं. बिजनेसमैन एक बार स्विच करने पर वापस नहीं आ सकते. 

सीनियर सिटीजन को किसमें फायदा

सीनियर सिटीजन अगर विशेष छूट ले रहे तो मौजूदा स्लैब सही है. पेंशन इनकम पर 50 हजार की छूट ले रहें हैं तो मौजूदा स्लैब में रहना ही ठीक है. अगर आप मेडिकल इंश्योरेस, मेडिकल खर्च की छूट ले रहे तो शिफ्ट न करें. 80TTB में 50,000 की छूट ली है तो स्विच न करें.

प्रोफेशनल के लिए

आप डॉक्टर, वकील, इंजीनियर या चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं तो नई स्कीम में आ सकते हैं. खास बात ये है कि आप हर साल नई या पुरानी स्कीम के बीच चुन सकते हैं.

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TDS नयी या पुरानी स्कीम से डिडक्ट होगा

- इम्पलॉई को साल की शुरूआत में स्कीम के बारे में बताना होगा.

- इम्पलॉयर टैक्स स्कीम के हिसाब से TDS कैलकुलेट करेगा.

- नई स्कीम के लिए अभी कोई फॉर्म नोटिफाई नहीं हुआ.

- ITR के साथ चुनी हुई स्कीम की डिक्लरेशन देनी होगी.

मौजूदा छूट का क्या करें

- नई स्कीम चुनते हैं तो मौजूदा निवेश न रोकें

- LIC प्रीमियम, PPF आदि जारी रखें

- नई टैक्स स्कीम में सिर्फ टैक्स रियायत नहीं मिलेगी

- बीमा जीवन की सुरक्षा के लिए जरूरी

- बाकी निवेश अन्य लक्ष्यों के लिए आएगा काम

- हाउसिंग लोन है तो मौजूदा स्कीम कारगर

- हाउसिंग लोन पर अभी 2 लाख तक की छूट

- 10 लाख तक की आय में हाउसिंग लोन की छूट लें

NPS, PF निकासी पर टैक्स लगेगा

- न्यू पेंशन स्कीम रकम निकासी पर कोई टैक्स नहीं

NPS रकम निकासी पर टैक्स नियम में कोई बदलाव नहीं

PF निकासी पर भी पुराने ही टैक्स नियम

NPS, PF निवेश पर नये टैक्स सिस्टम में रियायत नहीं