नेशनल पेंशन सिस्‍टम (National Pension System)  सरकार द्वारा चलाई जा रही यह एक कंट्रीब्‍यूटरी पेंशन स्‍कीम है, ताकि रिटायरमेंट के बाद भी आमदनी को सुनिश्चित किया जा सके. इस योजना के तहत वर्किंग लाइफ में आपको लंबी अवधि तक निवेश करना होता है. एनपीएस में कुल जमा रकम का 60 फीसदी हिस्‍सा रिटायरमेंट के समय आप एकमुश्‍त निकाल सकते हैं, वहीं बची हुई 40 परसेंट राशि पेंशन योजना में चली जाती है. एनपीएस में निवेश की कोई सीमा नहीं है.

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40 परसेंट की एन्‍युटी की रकम जितनी ज्‍यादा होगी, बुढ़ापे में आपकी पेंशन उतनी अच्‍छी आएगी. लेकिन कई बार कुछ कारणों से आपके अकाउंट और PRAN (परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर) को डिएक्टिवेट या फ्रीज कर दिया जाता है. अगर आपके एनपीएस खाते में ऑनलाइन लॉगइन करने में परेशानी हो रही है, तो हो सकता है कि आपका खाता भी फ्रीज्‍ड हो. यहां जानिए ऐसा किस कारण से होता है और इसे दोबारा एक्टिवेट करने का तरीका क्‍या है?

 

अकाउंट डिएक्टिवेट होने की वजह

दरअसल NPS में आप दो तरीकों से पैसा डाल सकते हैं. पहला है टियर-1 और दूसरा टियर-2. टियर-1 एक रिटायरमेंट अकाउंट होता है, वहीं टियर-2 एक वॉलंटरी अकाउंट है. खाता खुलवाते समय आपको टियर 1 में 500 रुपए का निवेश करना होता है. इसके बाद में टियर 2 में 1000 रुपए डालने होते हैं. आपको हर फाइनेंशियल ईयर में ये कॉन्ट्रिब्यूशन हर हाल में करना होता है. लेकिन अगर आप किसी कारण से अपने खाते में सालाना न्यूनतम राशि जमा नहीं कर पाते है, तो आपके अकाउंट को डिएक्टिवेट कर दिया जाता है. 

कैसे करें एक्टिवेट

  • फ्रीज्‍ड अकाउंट को दोबारा एक्टिवेट करने के लिए आपको  UOS-S10-A फॉर्म फिल करना होता है. आपको ये फॉर्म पोस्ट ऑफिस से मिल जाता है. या फिर जहां आपका NPS चल रहा है आप वहां से इस फॉर्म को ले सकते हैं. 
  • आप फॉर्म को ऑनलाइन भी डाउनलोड कर सकते हैं. इसके लिए आपको एक लिंक पर क्लिक करना होगा. लिंक है- https://npscra.nsdl.co.in/download/non-government-sector/all-citizens-of-india/forms/UoS-S10A-Unfreezing%20of%20PRAN.pdf 
  • फॉर्म के साथ सब्‍सक्राइबर के PRAN कार्ड की कॉपी को भी लगाना होता है. साथ ही आपको अकाउंट में 500 रुपए जमा करने होते हैं और 100 रुपए पेनाल्टी भी देनी होती है. 
  • एप्‍लीकेशन को जमा करने के बाद ऑफिस के अधिकारियों से आपके खाते का वेरिफिकेशन किया जाता है. इसके बाद में आपके एप्‍लीकेशन को प्रोसेस किया जाता है और पीआरएएन को एक्टिवेट कर दिया जाता है.

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