आज के समय में म्‍यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) निवेश का लोकप्रिय साधन बन गया है. इसकी वजह है कि म्‍यूचुअल फंड्स कई मायनों में फ्लैक्सिबल है. म्‍यूचुअल फंड्स में आप SIP के जरिए निवेश छोटी रकम से भी शुरू कर सकते हैं और इनकम के हिसाब से बढ़ा-घटा सकते हैं. साथ ही इसमें लंबे समय का निवेश बेहतर रिटर्न देता है, जो किसी भी अन्‍य स्‍कीम के मुकाबले काफी अच्‍छा होता है.

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हालांकि मार्केट लिंक्‍ड होने के कारण इसमें रिटर्न की गारंटी नहीं होती, लेकिन लंबे समय में इसका औसतन रिटर्न 12 फीसदी माना जाता है. अगर आप भी एसआईपी के जरिए म्‍यूचुअल फंड्स में निवेश शुरू करना चाहते हैं तो आपको कुछ बातों को अच्‍छे से समझ लेना चाहिए ताकि बाद में पछतावे की कहीं कोई गुंजाइश न रहे.

बिना रिसर्च के शुरू न करें

एसआईपी में निवेश शुरू करने से पहले एक बार अच्‍छी तरह से रिसर्च जरूर कर लें. बिना रिसर्च के शुरू किया गया निवेश नुकसान की वजह बन सकता है. अगर आपको आइडिया नहीं है, तो आर्थिक मामलों के जानकार की मदद ले सकते हैं. साथ ही ध्‍यान रखें कि कोई भी व्‍यक्ति आपको इसमें रिटर्न की गारंटी नहीं दे सकता. बेशक एसआईपी के जरिए बेहतर रिटर्न मिल जाता है, लेकिन मार्केट लिंक्‍ड होने के कारण इसमें थोड़ा जोखिम होता है. एसआईपी को लेकर जो भी कैलकुलेशन की जाती है, वो इसके औसतन रिटर्न के आधार पर अनुमानित गणना होती है.

टारगेट के साथ शुरू करें SIP

अगर आप SIP शुरू कर रहे हैं तो इसे एक टारगेट के साथ शुरू करें. मसलन आप बच्‍चे की शादी, एजुकेशन, अपने रिटायरमेंट फंड, किस मकसद से इसे शुरू कर रहे हैं, इसके लिए आपको माइंड से क्‍लीयर होना होगा. उस मकसद को पूरा करने के लिए कितना पैसा जमा करना होगा, कितने साल तक एसआईपी चलानी होगी, इन सबको कैलकुलेट करें और फिर एसआईपी शुरू करें. अगर आप लक्ष्‍य के साथ इसे शुरू नहीं करते, तो जरूरत पड़ने पर कभी भी इसका पैसा बीच में निकाल सकते हैं और इससे आपको नुकसान होगा.

अचानक बंद न करें

अगर आपने एसआईपी शुरू कर दी है तो इसे अचानक से बंद न करें. तमाम लोग बाजार में तेजी देखते हैं तो उत्‍साहित होकर एसआईपी में निवेश शुरू कर देते हैं और अगर मंदी होती है तो निराश होकर इसे बंद कर देते हैं. लेकिन आपको बता दें कि एसआईपी को कभी शुरू करने और कभी रोक देने से आप कभी अपने लक्ष्‍य तक नहीं पहुंच पाएंगे. इससे आपको बेहतर रिटर्न भी नहीं मिल पाएगा और आपको नुकसान उठाना पड़ेगा. इसलिए एक बार एसआईपी को शुरू करें, तो इसे अपना लक्ष्‍य पूरा होने तक लगातार जारी रखें.

बड़ी रकम से न शुरू करें SIP

SIP को बड़ी रकम के साथ शुरू न करें. बड़ी रकम की एसआईपी का सीधेतौर पर कोई नुकसान तो नहीं है, लेकिन भविष्‍य में अगर कभी आर्थिक चुनौतियां आईं, तो बड़ी एसआईपी को जारी रखना मुश्किल हो सकता है. ऐसे में निवेश का क्रम टूटेगा और इसका नुकसान आपको उठाना पड़ सकता है. इसलिए बड़ी रकम की एसआईपी शुरू करने से बेहतर है कि आप छोटी-छोटी रकम की दो या तीन एसआईपी शुरू करें.

(डिस्‍क्‍लेमर: म्‍यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन हैं. निवेश से पहले स्‍वयं पड़ताल कर लें या अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)