इन्‍वेस्‍टमेंट वो जरिया है जो आपके भविष्‍य को सुरक्षित बनाने में मददगार होता है. यही वजह है कि ज्‍यादातर फाइनेंशियल सलाह देते हैं कि निवेश करने की आदत अपनी प‍हली सैलरी के साथ ही डाल लेनी चाहिए और जैसे-जैसे आमदनी बढ़ती जाए, कई तरह के निवेश को अपने पोर्टफोलियो में एड करना चाहिए. अगर आपने अब तक इन्‍वेस्‍टमेंट शुरू नहीं किया है, तो इस नए साल से निवेश की शुरुआत कर दें.

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निवेश के मामले में वैसे तो कई तरह के ऑप्‍शंस अब मौजूद हैं, लेकिन अगर आपको आने वाले सालों में तेजी से पैसा बनाना है, तो अपने पोर्टफोलियो में म्‍यूचुअल फंड्स एसआईपी (Mutual Funds-SIP) को जरूर शामिल करें. मार्केट लिंक्‍ड होने के कारण इसमें गारंटीड रिटर्न के बारे में तो नहीं बताया जा सकता, लेकिन ज्‍यादातर एक्‍सपर्ट इसमें औसतन 12 फीसदी का रिटर्न मिलने की बात कहते हैं. लंबे समय की एसआईपी के जरिए आप अपने भविष्‍य के लिए काफी मोटा फंड तैयार कर सकते हैं. यहां जानिए इसके 4 बड़े फायदे-

1- फ्लैक्सिबिलिटी

SIP का पहला फायदा तो ये है कि SIP के जरिए निवेश करने में इन्‍वेस्‍टमेंट पीरियड और अमाउंट को लेकर फ्लैक्सिबिलिटी रहती है. यानी, आप अपनी सुविधा अनुसार निवेश की अवधि मासिक, तिमाही या छमाही का ऑप्‍शन चुन सकते हैं. इसके अलावा जब भी आपको जरूरत पड़े आप इसे रोक सकते हैं और अपनी एसआईपी से पैसा निकाल सकते हैं, साथ ही अपनी इनकम बढ़ने के साथ आप इसमें निवेश को बढ़ा सकते हैं. विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर एसआईपी में हर साल 5 या 10 प्रतिशत के हिसाब से थोड़ा-थोड़ा पैसा भी एड किया जाए तो लंबे समय में इसका काफी बड़ा फायदा मिलता है.

2- ब्‍याज पर भी ब्‍याज

SIP में कम्‍पाउंडिंग का फायदा जबरदस्‍त मिलता है यानी आपके निवेश पर तो ब्‍याज मिलता ही है, साथ ही उस ब्‍याज पर भी ब्‍याज मिलता है. इसलिए SIP लंबे समय के लिए की जानी चाहिए, ये जितना लंबे समय के लिए होगी कम्‍पाउंडिंग का फायदा उतना ज्‍यादा होगा. 

3-  रुपी कॉस्‍ट एवरेजिंग 

एसआईपी में आपको रुपी कॉस्‍ट एवरेजिंग का फायदा मिलता है. यानी अगर मार्केट गिरावट में है और आपने पैसा निवेश किया तो आपको ज्‍यादा यूनिट्स अलॉट होंगे और मार्केट में तेजी आने पर अलॉट होने वाले यूनिट्स की संख्या कम होगी. ऐसे में मार्केट में उतार-चढ़ाव की स्थिति में भी आपका खर्च औसत बना रहता है. यानी मार्केट में गिरावट आने पर भी आप लॉस में नहीं जाते. ऐसे में जब मार्केट में तेजी आती है, तो आपको अपने औसत निवेश पर ही बेहतर रिटर्न पाने का मौका मिलता है. 

4- अनुशासित निवेश की आदत

SIP के जरिए आप निश्चित समय के लिए बचत करना सीखते हैं, यानी आपको मासिक, तिमाही या छमाही पर जो भी पैसा निवेश करना है, उस रकम की बचत करने के बाद ही आप बाकी खर्च करते हैं. इस तरह आपको अनुशासित निवेश की आदत पड़ती है. 

5 गलतियां जिनसे बचना जरूरी, वरना हो सकता है नुकसान

एसआईपी के फायदे जानकर अगर आपने इसे शुरू करने का मन बना लिया है, तो उन गलतियों के बारे में भी समझ लें जो लोग अनजाने में कर बैठते हैं और इसके कारण बाद में उन्‍हें नुकसान उठाना पड़ जाता है-

1-  एसआईपी जब भी शुरू करें तो पहले अच्‍छे से रिसर्च जरूर कर लें. बिना रिसर्च के शुरू किया गया निवेश नुकसान की वजह बन सकता है. अगर आपको आइडिया नहीं है, तो आर्थिक मामलों के जानकार की मदद ले सकते हैं.

2-  अगर एसआईपी को शुरू किया है तो इसे बीच में रोकने की गलती न करें और न ही इसे बीच में बंद करें. इससे आपको वो मुनाफा फिर नहीं मिलेगा, जिसकी आप उम्‍मीद लगाए बैठे हैं.

3-  ज्‍यादा पैसा बनाने के चक्‍कर में बड़ी रकम निवेश न करें. कई बार लोग बड़े इन्‍वेस्‍टमेंट को तमाम कारणों के चलते जारी नहीं रख पाते और उन्‍हें बाद में नुकसान उठाना पड़ता है.

4- बाजार में अस्‍थायी उतार-चढ़ाव को देखकर SIP में तुरंत-तुरंत बदलाव न करें. अपनी लॉन्‍ग टर्म इन्‍वेस्‍टमेंट स्‍ट्रेटजी पर अडिग रहे.

5-  सारा पैसा किसी एक जगह पर ही इन्‍वेस्‍ट न करें. अपने पोर्टफोलियो को विविधतापूर्वक तैयार करें. इसके लिए पोर्टफोलियो में लार्जकैप, मिडकैप और स्‍मॉलकैप फंड्स तीनों को शामिल करें.