आजकल SIP के जरिए म्‍यूचुअल फंड्स में निवेश का चलन काफी बढ़ा है. मार्केट से लिंक्‍ड होने के बावजूद म्‍युचुअल फंड्स को इन्‍वेस्‍टमेंट के काफी बेहतर ऑप्‍शंस में शामिल किया जाता है. लंबे समय तक निवेश करके आप इसके जरिए मोटा पैसा जमा कर सकते हैं. ज्‍यादातर विशेषज्ञ म्‍यूचुअल फंड्स का औसत रिटर्न 12 फीसदी मानते हैं, जो कि किसी भी स्‍कीम से बेहतर है. आप एसआईपी के जरिए हर महीने म्‍यूचुअल फंड्स में एक निश्चित रकम जमा कर सकते हैं. अगर आप 5000 रुपए की एसआईपी 15, 20, 25 और 30 सालों के लिए शुरू करते हैं, तो आपको कितना रिटर्न मिलेगा. यहां जानिए-

जानिए 15, 20, 25 और 30 सालों में रिटर्न

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- अगर आप 5000 रुपए महीने की एसआईपी 15 सालों तक लगातार जमा करते हैं तो 15 सालों में आप कुल 9,00,000 रुपए का‍ निवेश करेंगे. 12 फीसदी के हिसाब से आपको इस निवेश पर कुल 16,22,880 ब्‍याज के तौर पर मिलेंगे और 15 सालों में आपको कुल 25,22,880 रुपए मिलेंगे.

- SIP के जरिए म्‍यूचुअल फंड्स में लगातार 20 सालों तक निवेश जारी रखने पर आप कुल 12 लाख रुपए निवेश करेंगे, लेकिन 12 फीसदी के हिसाब से आपको इस पर दोगुने से भी ज्‍यादा रिटर्न मिलेगा. आपको ब्‍याज के तौर पर कुल 37,95,740 रुपए मिलेंगे और 20 साल बाद आप कुल 49,95,740 रुपए हासिल करेंगे.

- 25 सालों तक इसी निवेश को जारी रखने पर आपका निवेश कुल 15,00,000 का होगा, लेकिन आप इस पर 

79,88,175 रुपए का ब्‍याज सिर्फ 12 फीसदी रिटर्न के हिसाब से प्राप्‍त कर सकते हैं. 25 सालों बाद निवेशित रकम और ब्‍याज को मिलाकर कुल 94,88,175 रुपए मिलेंगे.

- वहीं अगर आप लगातार 30 सालों तक निवेश को जारी रखते हैं तो करीब पौने दो करोड़ से भी ज्‍यादा रकम जोड़ सकते हैं. 30 सालों में आपका कुल निवेश 18,00,000 का होगा, लेकिन आप 12 फीसदी के ब्‍याज से ही 1,58,49,569 रुपए कमा लेंगे. इस तरह 30 सालों में आप कुल 1,76,49,569 रुपए प्राप्‍त करेंगे.

SIP में क्‍यों करें निवेश? जानिए फायदे

1- SIP का पहला फायदा तो ये है कि SIP के जरिए निवेश करने में इन्‍वेस्‍टमेंट पीरियड और अमाउंट को लेकर फ्लैक्सिबिलिटी रहती है. यानी, आप अपनी सुविधा अनुसार निवेश की अवधि मासिक, तिमाही या छमाही का ऑप्‍शन चुन सकते हैं. इसके अलावा जब भी आपको जरूरत पड़े आप इसे रोक सकते हैं और अपनी एसआईपी से पैसा निकाल सकते हैं.

2- जब आप समय-समय पर निवेश करते हैं तो आपको रुपी कॉस्‍ट एवरेजिंग का फायदा मिलता है. यानी अगर मार्केट गिरावट में है और आपने पैसा निवेश किया तो आपको ज्‍यादा यूनिट्स अलॉट होंगे और मार्केट में तेजी आने पर अलॉट होने वाले यूनिट्स की संख्या कम होगी. मार्केट में उतार-चढ़ाव की स्थिति में भी आपका खर्च औसत बना रहता है. यानी मार्केट में गिरावट आने पर भी आप लॉस में नहीं जाते. ऐसे में जब मार्केट में तेजी आती है, तो आपको अपने औसत निवेश पर ही बेहतर रिटर्न पाने का मौका मिलता है. 

3- SIP में कम्‍पाउंडिंग का फायदा जबरदस्‍त मिलता है. इसलिए SIP लंबे समय के लिए की जानी चाहिए, ये जितना लंबे समय के लिए होगी कम्‍पाउंडिंग का फायदा उतना ज्‍यादा होगा. कम्पाउंडिंग के तहत आपको केवल उसी रकम पर रिटर्न नहीं मिलता, जिसे आपने निवेश किया है. बल्कि आपको पहले के मिले रिटर्न पर भी रिटर्न मिलता है.

4- SIP के जरिए आप निश्चित समय के लिए बचत करना सीखते हैं, यानी आपको मासिक, तिमाही या छमाही पर जो भी पैसा निवेश करना है, उस रकम की बचत करने के बाद ही आप बाकी खर्च करते हैं. इस तरह आपको अनुशासित निवेश की आदत पड़ती है.