Hybrid Mutual Funds Inflow: हाइब्रिड म्यूचुअल फंड योजनाओं में 2023-24 में वापसी की है. इसमें बीते वित्त वर्ष 1.45 लाख करोड़ रुपये का निवेश आया. इससे पहले वित्त वर्ष 2022-23 में शुद्ध निकासी देखी गई थी. परिसंपत्ति में वृद्धि निवेशकों की संख्या बढ़ने के कारण हुई. मार्च, 2024 में इस खंड में निवेशकों की संख्या 1.35 करोड़ तक पहुंच गई, जो इससे एक साल पहले 1.21 करोड़ थी. इससे हाइब्रिड कोषों के प्रति निवेशकों के रुझान का पता चलता है. 

Hybrid Mutual Funds Inflow: मार्च में देखी गई 12,372 करोड़ रुपए की शुद्ध निकासी

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अप्रैल में वित्त वर्ष 2023-24 की शुरुआत से ही ऋण वाले कोषों के लिए कराधान में बदलाव के बाद से यह श्रेणी नियमित निवेश को आकर्षित कर रही है. इससे पहले,मार्च में इस खंड में 12,372 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी देखी गई थी. गौरतलब है कि जनवरी में निवेशकों ने  कुल 20,634 करोड़ रुपए हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स में निवेश किए थे. वित्त वर्ष 2024 में अप्रैल से दिसंबर तक म्यूचुअल फंड्स पर टोटल इनफ्लो 1.21 लाख रुपए था.  

Hybrid Mutual Funds Inflow: हाइब्रिड कैटेगरी में देखा गया था 1.45 लाख करोड़ रुपए का नेट इनफ्लो

एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के मुताबिक हाइब्रिड श्रेणी में बीते वित्त वर्ष में 1.45 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध प्रवाह देखा गया, जबकि वित्त वर्ष 202-23 में 18,813 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी. 1.45 लाख करोड़ रुपये में से 90,846 करोड़ रुपये आर्बिट्रेज कैटेगरी, 33 हजार करोड़ रुपए मल्टी एसेट एलोकेशन्स, 10,765 करोड़ रुपए बैलेंस एडवांटेज फंड और  10,327 करोड़ रुपए इक्विटी सेविंग्स फंड्स में निवेश किए गए हैं

Hybrid Mutual Funds Inflow: म्युचुअल फंड के टैक्स के नियमों में हुए थे ये बदलाव 

1 अप्रैल, 2023 से लागू हुए नए नियमों के तहत तीन साल से अधिक समय तक रखे गए डेट म्यूचुअल फंडों को अब इंडेक्सेशन लाभ नहीं मिलेगा. इंडेक्सेशन म्यूचुअल फंड यूनिट की होल्डिंग अवधि के दौरान महंगाई को ध्यान में रखता है. इसके परिणामस्वरूप परिसंपत्ति की खरीद मूल्य बढ़ जाती है और इससे टैक्स कम हो जाता है. आपको बता दें कि हाइब्रिड फंड,म्यूचुअल फंड योजनाएं हैं जो आमतौर पर इक्विटी और ऋण प्रतिभूतियों के संयोजन में और कभी-कभी सोने जैसी अन्य परिसंपत्ति श्रेणियों में निवेश करती हैं.