Mutual Fund SIP: शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद म्‍यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेशकों का भरोसा मजबूत बना हुआ है. इसमें निवेशक एकमुश्‍त निवेश की बजाय सिस्‍टमैटिक इन्‍वेस्‍ट प्‍लान यानी SIP ज्‍यादा पसंद कर रहे हैं. दिसंबर 2021 के आंकड़े देखें, तो मंथली SIP कंट्रीब्‍यूशन 11,305 करोड़ रुपये रहा और SIP अकाउंट्स की संख्‍या बढ़कर 4.91 करोड़ हो गई. एक्‍सपर्ट मान रहे हैं कि निवेशक बाजार की गिरावट का फायदा उठा रहे हैं और SIP के जरिए निवेश को बेहतर मान रहे हैं. दरअसल, SIP में निवेश करना और कॉपर्स का अंदाजा लगाना आसान है. डिजिटाइजेशन से भी बूस्‍ट मिल रहा है. छोटे शहरों-कस्‍बों में SIP की यह खासियत निवेशकों को पसंद आ रही है. वे मोबाइल के जरिए म्‍यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं. 

100 रु की SIP से शुरू कर सकते हैं निवेश 

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अगर आपको म्‍यूचुअल फंड (Mutual Fund) समझ नहीं आ रहा है, लेकिन आप इक्विटी मार्केट से मिलने वाले रिटर्न का फायदा भी चाहते हैं, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है. आप SIP के जरिए निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. इसमें खासियत यह है कि महज 100 रुपये से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. इसके जरिए आप निवेश की आदत, रिस्‍क और उस पर मिलने वाले रिटर्न का आकलन आसानी से समझ सकते हैं. जैसेकि आपने अगर 1 साल तक मंथली 100-100 रुपये की एसआईपी की, तो आप अपने फंड के प्रदर्शन का एक अंदाजा लगा सकते हैं कि आपका निवेश कैसे काम कर रहा है.

रेग्‍युलर, अनुशासित निवेश की आदत  

म्‍यूचुअल फंड में SIP के जरिए आपको रेग्‍युलेर सेविंग और इन्‍वेस्‍टमेंट की आदत पड़ती है. ऐसा इसलिए क्‍योंकि, आपको एक निश्चित अमाउंट एक तय तारीख पर जमा करनी होती है, इसलिए आप उसकी तैयारी पहले से कर लेते हैं. यानी, वो आपकी एक रेग्‍युलर आदत हो जाती है. आपका निवेश अनुशासित तरीके से होता है. 

ऑटो डिपॉजिट की सुविधा 

SIP के जरिए निवेश शुरू करना आसान इसलिए भी है, क्‍योंकि इससे आपका बैंक अकाउंट आपके इन्‍वेस्‍टमेंट से लिंक्‍ड हो जाता है. इससे एक प्री-डिसाइडेड अमाउंट आपके अकाउंट से एक निर्धारित तारीख को ऑटोमैटिक कट जाती है. इससे आप एक अनुशासित निवेशक बनते हैं. म्‍यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले हमेशा निवेशक यह जानना चाहते हैं कि क्‍या-क्‍या डॉक्‍यूमेंट्स देना होगा.  म्‍यूचुअल फंड में निवेश के लिए भी नो यार कस्‍टमर (KYC) प्रॉसेस पूरा करना होता है. इसमें आईडेंटिटी प्रूफ और एड्रेस प्रूफ होना चाहिए. पैन और आधार की भी जरूरत पड़ेगी.

फंड का लगा सकते हैं अंदाजा 

SIP के जरिए निवेश शुरू करने से पहले आप SIP कैलकुलेटर की मदद से फंड की सालाना ग्रोथ और परफॉर्मेंस का अंदाजा लगा सकता हैं. जैसेकि, अगर किसी निवेशक ने किसी फंड में 5 साल पहले SIP शुरू की है, तो आज उसकी वैल्‍यू क्‍या है. फंड की सालाना ग्रोथ कैसी रही. इससे आपको पूरे म्‍यूचुअल फंड में निवेश का एक मैट्रिक्‍स भी समझ में आएगा. 

 

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SIP  पर क्‍या कहते हैं एक्‍सपर्ट 

बीपीएफ फिनकैप के डायरेक्‍टर एके निगम का कहना है कि SIP निवेश का एक सिस्‍टमेटिक तरीका है. इसमें निवेशक को सीधे बाजार के रिस्‍क का सामना नहीं करना पड़ता है. वहीं, रिटर्न भी ट्रेडिशनल प्रॉडक्‍ट से ज्‍यादा मिलता है. हालांकि, इसमें भी रिस्‍क रहता है. इसलिए निवेशक को अपनी इनकम, टारगेट और रिस्‍क प्रोफाइल देखकर निवेश का फैसला करना चाहिए. लंबी अवधि तक एसआईपी को बनाए रखने पर इसका वेल्‍थ गेन पर जबरदस्‍त असर देखने को मिलता है. 

एडलवाइस म्‍यूचुअल फंड के हेड (सेल्‍स) दीपक जैन का कहना है, रिटेल निवेशक मान रहे हैं कि सिस्‍टमैटिक या अनु‍शासित तरीके से निवेश लंबी अवधि में ज्‍यादा फायदा और कम अस्थिर होता है. इसलिए वे रेग्‍युलअर निवेश के लिए SIPs को तरजीह दे रहे हैं. अब निवेशकों का फोकस सिर्फ रिटर्न नहीं बल्कि रिस्‍क एडजस्‍टेड रिटर्न पर है. इसके लिए SIP एक बेहतर ऑप्‍शन है.