Mutual Funds: अगर आप अपनी फाइनेंशियल जर्नी को आसान और सुविधाजनक बनाना चाहते हैं तो आपको निवेश जल्दी शुरू कर देना चाहिए. इसके लिए आपको एक अनुशासित तरीके से डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो को साथ लेकर चलना होगा. हालांकि, इसको अमल में लाना थोड़ा नए इक्विटी इन्वेस्टर्स के लिए आसान नहीं होता है. पहली बार इक्विटी निवेशकों को अपनी इक्विटी निवेश की शुरुआत में कुछ चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है. 

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नए निवेशक को आती हैं कुछ ऐसी परेशानी

खबर के मुताबिक, कई बार सही स्टॉक या बाजार के उतार-चढ़ाव के हिसाब से फैसला लेने में नए निवेशक को परेशानी आती है. इसी तरह, अलग-अलग क्षेत्रों और इंडस्ट्री के हिसाब से इक्विटी पोर्टफोलियो में विविधता लाने में भी परेशानी आती है. यह भी तर्क दिया जा सकता है कि ऐसी दिक्कतें करीब-करीब सभी निवेशकों के साथ हो सकती हैं. 

आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी के (हेड-प्रोडक्ट डेवलपमेंट एंड स्ट्रैटेजी) चिंतन हरिया कहते हैं कि हालांकि, पहली बार निवेश करने वालों के लिए ये चुनौतियां और बढ़ जाती हैं. सबसे अच्छी बात यह है कि इंडेक्स फंड (Index Funds) नए इक्विटी निवेशकों के लिए एक बेहतर विकल्प साबित हो सकते हैं. इसमें निवेशक इक्विटी निवेश के फायदे को बेहतर ढंग से हासिल किया जा सकता है.

क्या है इडेक्स फंड

इंडेक्स फंड (Index Funds) सिर्फ एक अंडरलाइंग इंडेक्स (अंतर्निहित इंडेक्स) की संरचना को दोहराते हैं. इसका मतलब यह है कि वे सभी प्रतिभूतियों (securities) को खरीदते हैं जो एक अंडरलाइंग इंडेक्स (अंतर्निहित इंडेक्स) में मौजूद हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि इन्हें अंडरलाइंग इंडेक्स के समान अनुपात में खरीदा जाता है.

उदाहरण के लिए एक इंडेक्स फंड (Index Funds) लें जो निफ्टी 50 इंडेक्स पर आधारित हो. ऐसा इंडेक्स फंड निफ्टी के सभी 50 शेयरों को निफ्टी 50 इंडेक्स के समान वेटेज में खरीदेगा. अगर निफ्टी 50 में दोबारा कोई संतुलन देखने को मिलता है तो तो इंडेक्स फंड उसी के मुताबिक, वेटेज में बदलाव की नकल करेगा. ऐसा करने से, इंडेक्स फंड अंतर्निहित इंडेक्स से जेनरेट रिटर्न को बारीकी से दोहरा सकते हैं. इसके अलावा, एक निवेशक के पास आज निफ्टी, सेंसेक्स 30, निफ्टी नेक्स्ट 50, मिडकैप 150, स्मॉलकैप 250 और NASDAQ 100 जैसे इंटरनेशनल ऑप्शंस पर आधारित इंडेक्स फंडों में से चुनने का भी विकल्प है.

इंडेक्स फंड आपके निवेश पोर्टफोलियो में मूल्य कैसे जोड़ सकते हैं?

इंडेक्स फंड (Index Funds) कुछ खास बेनिफिट प्रदान करते हैं जो पहली बार निवेशकों को इक्विटी की लंबी अवधि की ग्रोथ क्षमता को आसान तरीके से इस्तेमाल करने में मदद कर सकते हैं. इनमें से कुछ ये भी शामिल हैं:

डाइवर्सिफिकेशन (विविधीकरण): इक्विटी असेट क्लास के अन्दर पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई करना एक चुनौतीपूर्ण काम हो सकता है. हालांकि, बेंचमार्क इंडेक्स आमतौर पर व्यापक-आधारित होते हैं और कई क्षेत्रों और इंडस्ट्री के शेयरों को कवर करते हैं. इनमें से कुछ ग्रोथ स्टॉक हैं, कुछ दोहराव वाले हैं और कुछ वैल्यू प्ले हैं. जब आप किसी इंडेक्स फंड (Index Funds investment) में निवेश करते हैं, तो आप खुद ही डाइवर्सिफिकेशन की एक डिग्री हासिल कर लेते हैं क्योंकि आपका निवेश अंडरलाइंग इंडेक्स के अलग-अलग घटकों में फैला होता है.

कम लागत: आम तौर पर, इंडेक्स फंड से जुड़ी लागत इंडेक्स फंड के लिए कुल व्यय अनुपात (टीईआर) के साथ बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) की तरफ से 1.5 प्रतिशत पर तय है. कम लागत इसलिए क्योंकि माना जाता है कि इनका सक्रिय रूप से मैनेजमेंट नहीं किया जाता है और लेन-देन की लागत भी कम होती है.

इंडेक्स के मुताबिक रिटर्न: इंडेक्स फंड उन निवेशकों के लिए उपयुक्त हैं जो इंडेक्स के मुताबिक, रिटर्न जेनरेट करना चाहते हैं. इसका मतलब है कि आप जो जोखिम लेते हैं, वह सिर्फ मार्केट बेस्ड जोखिम है. आप कोई अतिरिक्त जोखिम लेने से बचते हैं.

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SIP की सुविधा: किसी भी सक्रिय रूप से मैनेज किए गए फंड की तरह, निवेशक डेली, साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक या त्रैमासिक एसआईपी ऑप्शन का चुनाव कर सकते हैं. उपरोक्त सभी बेनिफिट नए निवेशकों के लिए इंडेक्स फंड (Index Funds) के जरिये इक्विटी बाजार में अपने पैर जमाने में मददगार सबित होते हैं. लेकिन निवेश करने से पहले यह अच्छी तरह पड़ताल कर लें कि फंड आपकी जोखिम लेने की क्षमता, निवेश की अवधि और वित्तीय लक्ष्य से मेल खाता है या नहीं.

(डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में यहां व्यक्त किए गए विचार/सुझाव/सलाह पूरी तरह से निवेश विशेषज्ञों के हैं. Zee Business अपने पाठकों को कोई भी वित्तीय फैसले लेने से पहले अपने निवेश सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है.)