Muthoot Fincorp NCD: कैपिटल मार्केट में हाई रिटर्न देने वाली किसी स्कीम की तलाश में हैं तो आपके पास बेहतरीन मौका है. Muthoot Fincorp NCD ने अपना नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर (NCD) जारी किया है, जिसमें 26 अक्टूबर तक निवेश करने का मौका है. Muthoot Fincorp नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर के जरिए 400 करोड़ रुपये जुटाएगी. सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड NCD के तहत इसमें निवेश के अलग अलग 10 विकल्प हैं. इनकी मेच्योरिटी 27 महीने से 87 महीने तक की है. NCD में अलग अलग ​​निवेश के विकल्पों में 10.2 फीसदी तक ब्याज मिल रहा है. यह फिक्स्ड डिपॉजिट या रिकरिंग डिपॉजिट की तुलना में 4 फीसदी से भी ज्यादा है.

400 करोड़ रुपये जुटाने की योजना

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Muthoot Fincorp की NCD का बेस साइज 200 करोड़ रुपये का है. वहीं इसमें ग्रीनशू आप्सन के जरिए कंपनी 200 करोड़ रुपये और जुटा सकती है. यानी NCD के जरिए कुल 400 करोड़ रुपये तक जुटाने का विकल्प है. कंपनी सिक्योर और अनसिक्योर्ड डेट के जरिए ये पैसे जुटाएगी.

कितना मिल रहा है ब्याज

Muthoot Fincorp की NCD में 27 महीने, 38 महीने, 60 महीने, 72 महीने और 87 महीने की मेच्योरिटी वाली अलग अलग सीरीज हैं, जिनमें फिक्स्ड ब्याज दर हैं. इसमें आप मंथली या फिर एक साथ ब्याज पाने का ऑप्शन चुन सकते हैं. 87 महीने की मेच्योरिटी वाली NCD के लिए ब्याज दर 10.2 फीसदी है. यानी 87 महीने में पैसे डबल करने का विकल्प कंपनी दे रही है. अन्य विकल्पों में 8.25 फीसदी, 8.50 फीसदी, 8.75 फीसदी, 9.50 फीसदी और 9.75 फीसदी ब्याज है.

कितना करना होगा निवेश

एक NCD का इश्यू प्राइस 1000 रुपये है. निवेशकों को कम से कम 10 NCD के लिए पैसे लगाने होंगे. यानी कम से कम 10,000 रुपये. इसके बाद 1 के मल्टीपल में पैसे लगा सकते हैं. इसकी लिस्टिंग बीएसई पर होगी.

NCD रेटिंग

Muthoot Fincorp की NCD को CRISIL से A+/Stable (स्टेबल आउटलुक) की रेटिंग मिली है. कंपनी की रेटिंग बेहतर है, हालांकि NCD को पूरी तह से सुरक्षित नहीं कहा जा सकता है.  

क्‍या होता है NCD

नॉन-कन्‍वर्टिबल डिबेंचर यानी एनसीडी फाइनेंशियल इंस्‍ट्रूमेंट होते हैं. इन्‍हें कंपनी जारी करती है. इनके जरिये वह निवेशकों से पैसा जुटाती है. इसके लिए पब्लिक इश्‍यू लाया जाता है. इनमें निवेश करने वालों को एक तय दर से ब्‍याज मिलता है. एनसीडी की अवधि फिक्‍स होती है. इनकी मैच्‍योरिटी पर निवेशकों को ब्‍याज के साथ अपनी मूल रकम मिलती है. ये बैंक एफडी की तरह डेट इंस्‍ट्रूमेंट होते हैं.

सिक्‍योर्ड एनसीडी का मतलब इसमें कंपनी की सिक्‍योरिटी होती है. कंपनी अगर किसी वजह से निवेशकों को पैसे पेमेंट नहीं कर पाती तो निवेशक उसके एसेट को बेचकर अपना पैसा निकाल सकते हैं. अनसिक्‍योर्ड एनसीडी में कंपनी की सिक्‍योरिटी नहीं होती हैं. इस‍में जोखिम ज्यादा होता है.