Money Making Tips: पैसों की जरूरत आपके किसी भी वक्त पड़ सकती है. ऐसे में अगर आपने पहले से ही अगर इन्वेस्टमेंट्स कर रखी है, तो आपके लिए फायदे की बात है. जरूरी है कि आपको अपने लिए लिक्विडिटी का इंतजाम बनाए रखना चाहिए. लेकिन आपको अपने सेविंग्स किए हुए पैसों को घर में या फिर बेहद कम रिटर्न देने वाले सेविंग्स अकाउंट में नहीं पड़े रहने देना चाहिए. क्योंकि ऐसे कई ऑप्शंस हैं, जहां आप अपना पैसा डबल कर सकते हैं. ऐसी कई योजनाएं हैं, जहां निवेश करके आप जरूरत पड़ने पर कैश करा सकते हैं. हम आपके लिए यहां कुछ ऐसे ऑप्शंस लेकर आए हैं, जो इंडिया पोस्ट और अलग अलग बैंकों की वेबसाइट और डाटा वैल्यू रिसर्च से लिया गया है.

7 दिन से शुरू होता है शॉर्ट टर्म FD

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कई सरकारी और निजी बैंक 7 दिन से 45 दिन तक फिक्स्ड डिपॉजिट करने की सुविधा देते हैं. 1 साल से कम की एफडी के और भी विकल्प हैं. जैसे SBI में 7 दिन से 45 दिन, 46 दिन से 179 दिन और 180 दिन से 210 दिन की FD की सुविधा है. बैंक 7 दिन से 45 दिन के FD में आम आदमी को 2.90 फीसदी और सीनियर सिटीजंस को 3.40 फीसदी ब्याज दे रहा है. वहीं 46 दिन से 179 दिन की FD में यह ब्याज 3.90 फीसदी और 4.40 फीसदी है. जबकि 180 दिन से 210 दिन की FD में यह ब्याज 4.40 फीसदी और 4.90 फीसदी है.

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1 साल के लिए FD

अलग अलग बैंक और डाकघर 1 साल के लिए FD करने का भी विकल्प है. यहां 4.5 फीसदी से 5.5 फीसदी ब्याज मिल रहा है. डाकघर की 1 साल की FD बेहतर विकल्प है, यहां 5.5 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है.

1 दिन की मेच्योरिटी का विकल्प

सुरक्षित रिटर्न चाहने वालों के लिए ओवरनाइट फंड भी एक विकल्प है. यह डेट फंड है, जहां मेच्योरिटी 1 दिन की होती है. 1 दिन की मेच्योरिटी होने से रिस्क कम होता है. हालांकि 1 दिन मेच्योरिटी होने से इनमें रिटर्न कुछ कम है. यहां ट्रेडिंग की शुरूआत पर बॉन्ड खरीदे जाते हैं जो अगले कारोबारी दिन मेच्योर होते हैं. इस कटेगिरी में रिटर्न कम है, लेकिन यहां रोज मेच्योरिटी से आपका पैसा नहीं फंसता है.

3 महीने की मेच्योरिटी वाले विकल्प

लिक्विड फंड भी डेट कटेगिरी में आते हैं, जहां मेच्योरिटी 91 दिनों की होती है. ये डेट और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट में पैसे लगाते हैं. यहां भी मेच्योरिटी पीरियड शॉर्ट होने से रिटर्न कम है. लेकिन कुछ फंड ने सालाना आधार पर 4.5 फीसदी तक रिटर्न दिया है.

3 महीने के 6 महीने के लिए

इसमें अल्ट्रा शॉर्ट टर्म और शॉर्ट ड्यूरेशन फंड आते हैं. अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फंड की मेच्योरिटी 3 महीने के लिए होती है. जबकि शॉर्ट ड्यूरेशन फंड में पैसा 6 महीने से 1 साल के लिए लगाया जाता है. शॉर्ट ड्यूरेशन फंड का 1 साल में औसत रिटर्न 5.5 फीसदी रहा है. जबकि अल्ट्रा शॉर्ट टर्म ने 4.5 फीसदी औसत रिटर्न दिया है. अलग अलग फंडों का रिटर्न इससे ज्यादा है.