आज भारत के लगभग हर घर में गैस सिलेंडर का कनेक्शन है. लेकिन हम में से कई लोगों को गैस सिलेंडर से जुड़े कंज्यूमर राइट के बारे में पता नहीं रहता है. वैसे तो गैस डीलर को ही कस्टमर्स के गैस कनेक्शन से जुड़े अधिकारों के बारे में बताना चाहिए. लेकिन अधिकतर मामलों में ये देखा जाता है कि डीलर्स कस्टमर्स को गैस कनेक्शन देते हुए इसके बारे में नहीं बताते हैं.  इसलिए ग्राहकों को खुद ही अपने अधिकारों के बारे में सजग रहना चाहिए. LPG गैस का कनेक्शन लेने वालों को 50 लाख रुपए तक का बीमा होता है. इस पॅालिसी को एलपीजी इंश्योरेंस कवर कहते हैं. ये गैस सिलेंडर की वजह से होने वाली किसी भी प्रकार की दुर्घटना में जान-माल के नुकसान के लिए दिया जाता है. आप जैसे ही गैस का कनेक्शन लेते हैं, उसके साथ ही आप इस पॅालिसी के लिए इंश्योर्ड हो जाते हैं. नया कनेक्शन लेते ही ये इंश्योरेंस आपको मिल जाता है.

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क्या है ये पॅालिसी

आप जब सिलेंडर खरीदते हैं उस समय ही आपका एलपीजी इंश्योरेंस हो जाता है. आपको हमेशा एक्सपायरी डेट देखकर ही सिलेंडर लेना चाहिए. क्योंकि ये इंश्योरेंस सिलेंडर की एक्सपायरी डेट से लिंक होता है.  गैस कनेक्शन के लेते ही आपका 40 लाख रुपए का एक्सीडेंटल बीमा हो जाता है. इसके साथ ही अगर सिलिंडर फटने से किसी इंसान की मृत्यु होती है तो 50 लाख रुपए तक का क्लेम किया जा सकता है. आपको इसके लिए किसी भी तरह का कोई एक्सट्रा मंथली प्रीमियम नहीं भरना होता है. अगर गैस सिलेंडर से हादसा होता है तो पीड़ित फैमिली के मेंबर इसके लिए क्लेम कर सकते हैं.  

कैसे करें क्लेम

कस्टमर को दुर्घटनाग्रस्त होने के 30 दिनों के अंदर अपने  ड्रिस्ट्रीब्यूटर और पास के पुलिस स्टेशन को दुर्घटना के बारे में सूचना देनी होती है. पुलिस से हादसे की एफआईआर की कॅापी लेना जरुरी है. क्लेम के लिए पुलिस स्टेशन में रजिस्टर्ड FIR की कॉपी के साथ ही मेडिकल की रसीद, हॅास्पिटल का बिल, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और डेथ सर्टिफिकेट की भी जरुरत होती है. इस बात का ध्यान रखें कि सिलेंडर जिसके नाम पर है सिर्फ उसी को इंश्योरेंस की राशि मिलती है. आप किसी को भी इस पॉलिसी में नॉमिनी नहीं बना सकते. क्लेम का फायदा सिर्फ उन्हीं लोगों को मिलता है जिनके सिलेंडर का पाइप, चूल्हा और रेगुलेटर आईएसआई (ISI) मार्क का होता है. क्लेम के लिए आपको सिलेंडर और स्टोव का रेगुलर चेकअप कराते रहना चाहिए. 

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कहां से मिलता है क्लेम का पैसा

आपका डिस्ट्रीब्यूटर ऑयल कंपनी और इंश्योरेंस कंपनी को हादसे की इंफॅार्मेशन देता है. सिलेंडर के कारण एक्सीडेंट होने पर मिलने वाले इंश्योरेंस का पूरा खर्चा इंडियन ऑयल (Indian OIL), HPCL, BPCL जैसी तेल कंपनियां ही करती हैं.