अगर अचानक कोई मुसीबत आ जाए, पैसों की जरूरत हो तो ज्‍यादातर लोग या तो अपनी पॉलिसी को खत्‍म करके पैसा निकाल लेते हैं या पर्सनल लोन का सहारा लेते हैं. लेकिन अगर आपने भारतीय जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corporation-LIC) में पॉलिसी करवाई है, तो आप इस पॉलिसी पर भी लोन ले सकते हैं. बीमा पॉलिसी पर लिए गए लोन का ब्‍याज आमतौर पर पर्सनल लोन की तुलना में कम होता है. ऐसे में आपका काम भी सस्‍ते में हो जाएगा और आपको अपनी पॉलिसी को सरेंडर करने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी.

लोन के लिए नियम

  • इंश्योरेंस पॉलिसी के एवज में लोन सिर्फ कुछ चुनिंदा पॉलिसी जैसे कि ट्रेडिशनल और एंडोमेंट पॉलिसी के एवज में ही मिलता है. 
  • लोन की राशि सरेंडर वैल्‍यू के हिसाब से तय की जाती है. आपको पॉलिसी की सरेंडर वैल्‍यू का 80 से 90 फीसदी तक लोन मिल सकता है.
  • लोन पॉलिसी की ब्‍याज दर पॉलिसी होल्‍डर के प्रोफाइल पर निर्भर करती है. आमतौर पर ये 10 से 12 फीसदी तक होती है.
  • पॉलिसी पर लोन देते समय बीमा कंपनी आपकी पॉलिसी को गिरवी रख लेती है.
  • लोन वापस न करने पर या लोन की बकाया राशि पॉलिसी की सरेंडर वैल्यू से अधिक हो जाने पर कंपनी को आपकी पॉलिसी समाप्‍त करने का अधिकार है.
  • अगर आपकी बीमा पॉलिसी लोन चुकाने से पहले मैच्‍योर हो जाती है है तो आपकी राशि से बीमा कंपनी लोन की राशि काट सकती है.

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लोन के लिए ऐसे करें अप्‍लाई

पॉलिसी के बदले लोन लेने के लिए आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से अप्‍लाई कर सकते हैं. ऑफलाइन के लिए आपको एलआईसी ऑफिस में जाकर केवाईसी डॉक्‍यूमेंट्स के साथ लोन के लिए आवेदन करना होगा.

वहीं ऑनलाइन अप्‍लाई करने के लिए LIC ई-सेवाओं के लिए रजिस्ट्रेशन करें. इसके बाद अपने अकाउंट में लॉग-इन करें. इसके बाद चेक करें कि आप बीमा पॉलिसी बदले लिए जाने वाले लोन को प्राप्त करने के लिए योग्य है या नहीं. यदि हैं, तो लोन की नियम, शर्तें, ब्याज दरें आदि के बारे में अच्‍छे से पढ़ लें. इसके बाद एप्लीकेशन सबमिट करें और KYC दस्‍तावेजों को ऑनलाइन अपलोड करें.