प्रोविडेंट फंड (PF) टैक्‍स बचाने के साथ-साथ निवेश का भी एक लोकप्रिय माध्‍यम है. इसकी ब्‍याज दरें समय-समय पर सरकार द्वारा तय की जाती हैं. यह भी तीन तरह का होता है - कर्मचारी भविष्‍य निधि (EPF), लोक भविष्‍य निधि (PPF) और जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF). एक आम आदमी के लिए इन तीनों में फर्क कर पाना मुश्किल होता है. आज हम आपको बताएंगे कि EPF, PPF और GPF खातों में क्‍या फर्क होता है और फिलहाल इस पर कितना ब्‍याज मिल रहा है.

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EPF

जिन कंपनियों में 20 से ज्‍यादा कर्मचारी काम करते हैं उन्‍हें इस स्‍कीम में शामिल किया जाता है. मतलब, EPF नौकरीपेशा लोगों के लिए खोला जाता है. इसमें आपके वेतन का एक निश्चित हिस्‍सा नियोक्‍ता की तरफ से इस खाते में डाला जाता है. इस खाते का विनियमन कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन करता है. फिलहाल इस पर 8.55 फीसदी का ब्‍याज दिया जा रहा है.

PPF

PPF सरकार की एक लघु बचत योजना है. PPF खाता आप किसी भी डाकघर या चुनिंदा बैंकों में खुलवा सकते हैं. PPF खाते में आपको हर साल कम से कम 500 रुपये जमा करवाने होंगे. इस खाते में जमा की गई रकम पर आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत आयकर में कटौती का लाभ मिलता है.  अक्टूबर से दिसंबर तिमाही के लिए इस पर आपको 8 फीसदी ब्याज मिलेगा.

GPF

GPF अकाउंट एक प्रकार का प्रोविडेंट फंड है. फिलहाल इसमें केवल सरकारी कर्मचारी ही पैसे जमा कर सकते हैं. यानी यह प्राइवेट नौकरी करने वालों के लिए नहीं है. अच्‍छी बात यह है कि इसमें जमा पैसा रिटायरमेंट के वक्‍त सरकारी कर्मचारी को मिल जाता है. तो वहीं यदि कर्मचारी चाहे तो बीच में भी इस पैसे को जरुरत के समय निकाल सकता है. सरकार ने GPF की ब्‍याज दरें अक्‍टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए 7.6 फीसदी से बढ़ाकर 8 फीसदी कर दी है.