Kisan Vikas Partra: पैसा लगाना है तो क्यों न सुरक्षित और बेहतर रिटर्न मिलने वाली स्कीम्स पर लगाएं. आज हम आपके लिए ठीक ऐसी ही एक स्कीम लेकर आए हैं. यहां आप अपनी बचत की रकम जमा कर सकते हैं, जिसे खोने का डर कभी नहीं रहेगा. इंडियन पोस्ट ऑफिस की तरफ से पेश की जाने वाली किसान विकास पत्र स्कीम (Kisan Vikas Patra) जमाकर्ता को बेहतर रिटर्न (Best Return Schemes) के साथ उसके डिपॉजिट पर सरकारी सुरक्षा का बेनिफिट भी देती है. ये स्कीम ग्राहकों को 10 साल और 4 महीने (124 महीने) में जमा की गई रकम दोगुनी करने का दावा करती है. आइए जानते हैं कैसे मिलेगा डबल फायदा.

किसान विकास पत्र योजना क्या है?

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इस स्कीम की अवधि 124 महीने यानी 10 साल 4 महीने है. अगर आपने इस स्कीम में 1 अप्रैल 2021 से 30 जून 2021 तक इन्वेस्ट किया है, तो आपकी तरफ से जमा की गई एकमुश्त रकम (lump sum amount) 10 साल और 4 महीने में दोगुनी हो जाती है. किसान विकास पत्र पर पर आपको 6.9 परसेंट का सालाना कंपाउंड ब्याज मिलता है. किसान विकास पत्र (KVP) में सर्टिफिकेट के रूप में निवेश होता है. 1000 रुपए, 5000 रुपए, 10,000 रुपए और 50,000 रुपए तक के सर्टिफिकेट हैं, जिन्हें खरीदा जा सकता है.

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कौन खुलवा सकता है KVP में अकाउंट

इसके तहत कोई भी भारतीय व्यक्ति जिसकी उम्र 18 साल से ज्यादा है वो अपना अकाउंट इसमें खुलवा सकते हैं. हालांकि, अकाउंट खुलवाने की कोई भी ऊपरी आयु सीमा निर्धारित नहीं की गई है. लेकिन इसके तहत नाबालिग के नाम से भी KVP सर्टिफिकेट खरीद सकते हैं. NRI इस स्कीम के लिए पात्र नहीं है.

इन्वेस्टमेंस की लिमिट

आप किसान विकास पत्र सर्टिफिकेट को 1,000 रुपए के मिनिमम इन्वेस्टमेंट से खरीद सकते हैं, इस स्कीम में इन्वेस्ट की कोई अधिकतम लिमिट नहीं है, यानी आप जितना चाहें इस स्कीम में पैसा डाल सकते हैं. इस स्कीम की शुरुआत 1988 में हुई थी, तब इसका मकसद था किसानों के निवेश को दोगुना करना, लेकिन अब इसे सभी के लिए खोल दिया गया है. अब ये कह सकते हैं कि किसान विकास पत्र का फिलहाल किसानों से कोई लेना देना नहीं है.

किन डॉक्यूमेंट्स की पड़ेगी जरूरत

निवेश की कोई सीमा नहीं होने से मनी लॉन्ड्रिंग का खतरा भी है, इसलिए सरकार ने 2014 में 50,000 रुपए से ज्यादा के निवेश पर PAN कार्ड अनिवार्य कर दिया था. अगर 10 लाख या इससे ज्यादा निवेश करते हैं तो इनकम प्रूफ भी जमा करना होगा, जैसे ITR, सैलरी स्लिप और बैंक स्टेटमेंट. इसके अलावा पहचान पत्र के तौर पर आधार भी देना होता है.