ITR Filing 2022: वित्‍त वर्ष 2021-22 के लिए इनकम टैक्‍स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2022 है. इंडिविजुअल टैक्‍सपेयर जिनकी टैक्‍सेबल इनकम 2.50 लाख रुपये सालाना से ज्‍यादा है, उनके लिए ITR फाइल करना जरूरी है. वहीं, अगर टैक्‍सेबल इनकम छूट की लिमिट से कम है, तो आईटीआर फाइल करना अनिवार्य नहीं है. बावजूद इसके अगर आप इनकम टैक्‍स रिटर्न फाइल करते हैं, तो आपको इसके कई फायदे मिलते हैं. हालांकि, यह जान लें कि अगर आपके बिजली बिल की खपत हर साल 1 लाख रुपये से ज्‍यादा है या आपने 2 लाख रुपये से ज्‍यादा विदेशी यात्रा पर खर्च किया है, तो आपको आईटीआर फाइल करना होता है. एक्‍सपर्ट का कहना है कि ITR एक ऐसा डॉक्‍यूमेंट है, जो अलग-अलग फाइनेंशियल अप्‍लीकेशंस में बतौर प्रूफ काम आता है. लोन हासिल करने के अलावा, आईटीआर क्रेडिट कार्ड, इंश्‍योरेंस पॉलिसी लेने की प्रॉसेस में भी मदद करता है. तरह यह आपकी इनकम के प्रूफ के तौर पर काम आता है.

आसानी से मिल जाएगा लोन 

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बिजस्‍ट्रीट कंसल्‍टिंग ग्रुप के CA ऋषभ सावनसुखा का कहना है, अगर आप इंडिविजुअल टैक्सपेयर हैं और किसी वजह से आपकी इनकम छूट सीमा से कम है, तो भी आपको अपना ITR भरना चाहिए. रिटर्न फाइल हर साल करना चाहिए. कन्‍टिनियुटी में रिटर्न फाइल करने का फायदा आपको लोन या किसी सरकारी बेनेफिट को लेते समय होता है, जहां पर तीन साल की ITR अनिवार्य रूप से मांगी जाती है. आप gem पोर्टल पर अपनी सर्विसेज लिस्ट करके अपनी आय बढ़ा सकते हैं. आप मुद्रा लोन की सहायता से नया कारोबार शुरू कर सकते हैं. 

होम, कार, बाइक लोन, लाइफ इंश्‍योरेंस कॉम्प्यूटेशन में भी 3 साल की ITR का बहुत बड़ा रोल है. लोन के लिए अप्‍लाई करते समय बैंकर आपके इनकम सोर्स को वेरिफाई करने के लिए टैक्स रिटर्न की कॉपी मांगते हैं.

इनकम प्रुफ होता है ITR  

CA ऋषभ सावनसुखा कहते हैं, जो लोग अपना बिजनेस है, उनके लिए इनकम टैक्‍स रिटर्न इनकम और खर्च की डीटेल के साथ इनकम प्रुफ के तौर पर काम आता है. जिन लोगों का खुद का व्यवसाय है, वे आईटीआर को अपने इनकम प्रुफ डॉक्‍यूमेंट के तौर पर पेश कर सकते हैं. सैलरीड क्लास लोगों को कंपनी की तरफ से फॉर्म 16 का फायदा मिलता है, जो उनका इनकम प्रुफ होता है. 

 

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आसानी से मिल जाएगा रिफंड 

एक्‍सपर्ट का कहना है, अगर आप किसी तरह का टैक्स रिफंड क्लेम करना हैं, तो आपको आईटीआर फाइल करना होता है. कई बार इनकम स्लैब टैक्स के दायरे में नहीं होता है, फिर भी TDS (टैक्‍स डिडक्‍शन एट सोर्स) कट जाता है. ऐसे में अगर टीडीएस का कटा हुआ पैसा रिफंड चाहते हैं, तो उसके लिए आपको रिटर्न फाइल करना जरूरी है. आईटीआर फाइल करने के बाद अगर आपका रिफंड बन रहा है तो इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट आपके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर देता है.

VISA और विदेश में नौकरी में मदद 

सावनसुखा कहते हैं, VISA के लिए आवेदन करते समय देश से बाहर जॉब या बिजनेस के मकसद से जाने के लिए आपको वीजा (VISA) की जरूरत होती है. वीजा के लिए अप्लाई करते समय ITR  से संबंधित डॉक्‍यूमेंट मांगा जाता है. अक्‍सर कई देशों की एम्‍बेसी वीजा के लिए आवेदन करने वालों का टैक्स रिटर्न रिकॉर्ड देखती हैं. आईटीआर के जरिए यह देखा जाता है कि जो व्यक्ति उनके देश में आ रहा है उसका फाइनेंशियल स्टेटस क्या है. साथ ही उसके देश में उस व्‍यक्ति का टैक्‍स कम्‍प्‍लायंस रिकॉर्ड कैसा है. इस तरह, रेगुलर ITR का फायदा आपको VISA और विदेश में नौकरी के लिए मिलता है.