रिटायरमेंट प्लानिंग (Retirement Planning) तो बहुत सारे लोग करते हैं, लेकिन चंद ही लोग उसका असली फायदा उठा पाते हैं. रिटायरमेंट प्लानिंग का एक नियम ये होता है कि इसे जल्द से जल्द शुरू कर देना चाहिए. जब लोगों की पहली नौकरी लगती है तो लोग सोचते हैं अभी कुछ साल बाद रिटायरमेंट प्लानिंग करेंगे और यही सबसे बड़ी गलती होती है. दरअसल, आपको पहली नौकरी के वक्त ही रिटायरमेंट की प्लानिंग शुरू कर देनी चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि आपके निवेश (Investment) को बढ़ने के लिए जितना वक्त मिलेगा, कंपाउंडिंग की ताकत की बदौलत वह उतना ही ज्यादा बढ़ेगा. आइए समझते हैं क्या होती है कंपाउंडिंग पावर (Power of Compounding) और क्यों पहली नौकरी से ही रिटायरमेंट प्लानिंग है जरूरी.

पहली नौकरी से रिटायरमेंट प्लानिंग क्यों करें?

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अगर आप पहली नौकरी से ही रिटायरमेंट की प्लानिंग शुरू कर देते हैं तो आपके पास निवेश करने के लिए एक लंबा वक्त होगा. मान लीजिए कि 25 साल की उम्र में आपकी नौकरी लगती है तो 60 साल की उम्र यानी रिटायर होने तक आपके पास 35 सालों का वक्त है. इस तरह आपके पहले निवेश पर 35 सालों तक ब्याज मिलता रहेगा. अगर आप 5-10 साल बाद निवेश शुरू करेंगे तो आपको उतने ही पैसों की निवेश पर 25-30 साल तक ही ब्याज मिलेगा. अगर आप अपने रिटायरमेंट के लिए एक अमाउंट सोचकर उसके हिसाब से पैसे जुटाएंगे तो भी पहली नौकरी से प्लानिंग बहुत फायदेमंद रहेगी. ऐसी सूरत में आपको हर महीने बहुत ही कम पैसे जमा करने पड़ेंगे. जैसे-जैसे आप देर करते जाएंगे, आपको अधिक पैसे जमा करने पड़ेंगे.

कंपाउंडिंग की पावर भी जान लीजिए

कंपाउंडिंग का मतलब यहां कंपाउंडिंग इंट्रेस्ट से है, जिसे चक्रवृद्धि ब्याज भी कहा जाता है. इसके तहत आपको अपने निवेश के ब्याज पर भी ब्याज मिलता है. मान लीजिए आपने पहले साल 1 लाख रुपये जमा किए, जिस पर आपको 10 फीसदी यानी 10 हजार रुपये ब्याज मिला. अब अगले साल आपको पूरे 1.10 लाख रुपये पर 10 फीसदी ब्याज मिलेगा. इसी तरह ब्याज के साथ-साथ आपकी रकम बढ़ती चली जाएगी और उस पर ब्याज मिलता रहेगा.

एक उदाहरण से समझते हैं

अगर हर महीने 1,000 रुपये बचाएं तो 10 साल में आपके पास 1.20 लाख रुपये जमा हो जाएंगे. अब अगर आपको इन पैसों पर साधारण ब्याज की दर से 7 फीसदी सालाना ब्याज मिलता है तो आपके पैसे ब्याज समेत 1,28,400 रुपये हो जाएंगे. वहीं दूसरी ओर अगर आपको इन पैसों पर कंपाउंडिंग इंट्रेस्ट मिलेगा तो 7% की दर से 10 साल बाद आपके पास 1.74 लाख रुपये जमा हो जाएंगे. ऐसा इसलिए होगा क्योंकि आपको हर साल के ब्याज पर भी ब्याज मिलेगा.

रिटायरमेंट पर चाहिए डेढ़ करोड़ रुपये तो क्या करें?

मान लेते हैं कि रिटायरमेंट के वक्त आपको सेविंग पर कम से कम 4-5 फीसदी रिटर्न तो मिलेगा ही. ऐसे में अगर आपको 50-60 हजार रुपये हर महीने चाहिए तो उसके लिए आपको 60 साल की उम्र में करीब 1.5 करोड़ रुपये के रिटायरमेंट कॉर्पस की जरूरत होगी.

हर महीने करें 7500 रुपये का निवेश

अगर आपकी उम्र अभी 30 साल है तो आपको 60 साल की उम्र तक 1.5 करोड़ रुपये जमा करने के लिए 7500 रुपये हर महीने निवेश करने होंगे, जिस पर 10 फीसदी ब्याज मिले. 10 फीसदी का ब्याज आपको एनपीएस में निवेश कर के मिल सकता है. अगर आपकी उम्र 30 साल से अधिक है तो उसी हिसाब से हर महीने किया जाने वाला अपना निवेश भी बढ़ा दें, ताकि आपको रिटायरमेंट तक ज्यादा पैसे मिल सकें.