Money Guru: निवेश में एसेट एलोकेशन स्ट्रैटेजी बेहद मायने रखती है. अगर आपके पोर्टफोलियो में सही एसेट एलोकेशन होगा तो आपको रिटर्न भी ज्यादा मिलेगा. लेकिन क्या आप एसेट एलोकेशन स्ट्रैटेजी (Strategy of Asset Allocation) को समझते हैं? क्या आपको पता है कि किस एसेट क्लास में कितना निवेश सही है? क्वांटम AMC के सीआईओ चिराग मेहता और आनंदराठी वेल्थ मैनेजमेंट के डिप्टी सीईओ फिरोज अजीज से जानते हैं कि आखिर एसेट एलोकेशन की 12:20:80 स्ट्रैटेजी क्या है और यह कैसे निवेश की रणनीति तय करता है. 

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एसेट एलोकेशन स्ट्रैटेजी

निवेश को अलग-अलग असेट क्लास में बांटना

रिस्क कंट्रोल का बेहतर जरिया है असेट एलोकेशन

हर असेट क्लास पर बदलावों का अलग-अलग असर

महंगाई, अनिश्चित बाजार, ब्याज दरों असर निवेश पर

गिरते बाजार में अगर इक्विटी गिरेगा तो सोना चढ़ेगा

ब्याज दरों में गिरावट का डेट पर असर

ग्रोथ ओरिएंटेड-इक्विटी और रियल एस्टेट

डिफेंस ओरिएंटेड-डेट और कमोडिटी

एसेट एलोकेशन

एसेट क्लास        3 साल का रिटर्न    रिस्क फैक्टर

स्टॉक                 10-18%            15%

इक्विटी MF         12-14%            13%

PMS                14-30%            15-18%

डेट MF              5-7%              1.5%

FD                     3-6%              NIL

PPF                  7%                  NIL

गोल्ड                  8-12%            7-9%

एसेट एलोकेशन का आधार

-लक्ष्य

-निवेश अवधि

-जोखिम क्षमता

-लिक्विडिटी

अस्थिर बाजार में स्ट्रैटेजी

निवेश जारी रखें और गिरावट में बेचे नहीं

एसेट एलोकेशन स्ट्रैटेजी पर बने रहें

हर गिरावट पर एकमुश्त निवेश करें

एसेट एलोकेशन बिगड़ने पर रीबैलेंस

एसेट एलोकेशन (Asset Allocation) से बेहतर रिटर्न

लो इनकम है तो डेट MF,PPF,FD में निवेश करें

हाई इनकम है तो डेट म्यूचुअल फंड में निवेश करें

इक्विटी में निवेश के लिए म्यूचुअल फंड चुनें

नजरिया 5 साल से ऊपर-80% इक्विटी,20% डेट चुनें

नजरिया 3-5 साल-70% इक्विटी,30% डेट चुनें

जोखिम का सॉल्यूशन

एसेट एलोकेशन

इक्विटी रिस्क-जोखिम के अनुसार एसेट क्लास चुनें

इन्फ्लेशन रिस्क-60% इक्विटी,40% डेट मिक्स रखें

एसेट एलोकेशन के फायदे

-डायवर्सिफिकेशन से जोखिम मैनेज करना

-उतार-चढ़ाव में भी बेहतर रिटर्न कमाना

-बार-बार रीबैलेंसिंग से बचाव

एसेट एलोकेशन-12:20:80 फॉर्मूला

इमरजेंसी फंड

कम से कम 12 महीने का इमरजेंसी फंड रखें

इमरजेंसी की रकम बैंक खाते में रख सकते हैं

लिक्विड फंड में इमरजेंसी जरूरत की रकम रखें

निवेश से पहले इमरजेंसी फंड बनाना जरूरी

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सोने में निवेश

गोल्ड का इक्विटी से उल्टा कनेक्शन

मंदी में चमकता है सोना

सोना महंगाई और उथल-पुथल से बचाता है

पोर्टफोलियो में 20% सोने को एलोकेट करें

गोल्ड ETF,गोल्ड FoF में निवेश कुछ विकल्प

इक्विटी में निवेश

पोर्टफोलियो का 80% इक्विटी में रखें

डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड को चुनें

निवेश में मार्केट कैप बायस से बचें

इक्विटी एलोकेशन से जोखिम कम करना आसान.