ESI Scheme: मुफ्त इलाज से लेकर फैमिली पेंशन तक, ईएसआई बीमित कर्मचारी को मिलते हैं 5 बड़े फायदे
ईएसआई का लाभ उन कर्मचारियों को मिलता है जिनकी मासिक आय 21 हजार या इससे कम होती है. ये स्कीम कर्मचारी राज्य बीमा निगम की तरफ से चलाई जाती है.
कर्मचारी राज्य बीमा निगम (Employees State Insurance Corporation-ESIC) की तरफ से ईएसआई स्कीम उन कर्मचारियों के लिए चलाई जाती है, जिनकी आय कम होती है. इसमें कर्मचारियों के लिए एक ESI कार्ड जारी किया जाता है. ESI कार्ड या फिर कंपनी से लाए गए दस्तावेज के जरिए कर्मचारी ESI डिस्पेंसरी या हॉस्पिटल में मुफ्त इलाज प्राप्त कर सकते हैं. देशभर में ईएसआईसी के 150 से भी अधिक अस्पताल हैं, जहां सामान्य से लेकर गंभीर बीमारियों तक के इलाज की सुविधा उपलब्ध है.
कौन से कर्मचारी होते हैं इस ESI के पात्र
ईएसआई का लाभ उन कर्मचारियों को मिलता है जिनकी मासिक आय 21 हजार या इससे कम होती है. वहीं शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों के लिए न्यूनतम मजदूरी सीमा 25000 रुपए महीना है. ESI स्कीम में कर्मचारी और नियोक्ता, दोनों की ओर से योगदान किया जाता है. इसमें कर्मचारी की तरफ से सैलरी का 1.75 फीसदी और नियोक्ता की ओर से कर्मचारी की सैलरी के 4.75 फीसदी के बराबर योगदान देने का नियम है.
ये मिलते हैं फायदे
- ईएसआई योजना के तहत आने वाले कर्मचारियों को पहला फायदा मुफ्त इलाज का मिलता है. इस स्कीम के जरिए बीमित व्यक्ति के अलावा उस पर निर्भर पारिवारिक सदस्यों को भी फ्री में इलाज की सुविधा दी जाती है. बीमाकृत व्यक्ति और उसके परिजनों के उपचार पर व्यय की कोई अधिकतम सीमा नहीं है.
- रिटायर्ड कर्मचारी और स्थायी रूप से अपंग बीमाकृत व्यक्ति और उसके जीवनसाथी को 120 रुपए के वार्षिक प्रीमियम पर चिकित्सा देखरेख प्रदान की जाती है.बीमित व्यक्ति को बीमारी के दौरान छुट्टी के लिए 91 दिनों के लिए नकद भुगतान किया जाता है. ये भुगतान मजदूरी के 70 फीसदी की दर से होता है.
- ईएसआई के जरिए मैटरनिटी लीव का भी लाभ मिलता है. इसमें महिलाओं को डिलीवरी में 26 सप्ताह तक और गर्भपात की स्थिति में छह सप्ताह तक औसत वेतन का 100 फीसदी भुगतान किया जाता है.
- यदि किसी बीमित व्यक्ति की रोजगार के दौरान मृत्यु हो जाए तो उसकी अंत्येष्टि के लिए मूल व्यय या अधिकतम 10 हजार रुपए तक ईएसआईसी की तरफ से दिए जाते हैं. इसके अलावा आश्रितों को नियत अनुपात में मासिक पेंशन दी जाती है. पेंशन को 3 भागों में बांटा जाता है- पहला बीमित व्यक्ति की पत्नी, दूसरा बच्चों और तीसरा उसके माता-पिता की पेंशन.
- ईएसआई बीमित व्यक्ति को टेंपरेरी डिसेबिलिटी की स्थिति में पूरी तरह स्वस्थ होने तक और परमानेंट डिसेबिलिटी की स्थिति में पूरे जीवन मासिक पेंशन दी जाती है. वहीं आश्रितों को पेंशन, बेरोजगारी भत्ता, रिटायरमेंट के बाद मुफ्त इलाज की सुविधा भी मिलती है.