पिछले 5 सालों से अधूरे पड़े ई-फाइलिंग टैक्स रिटर्न के मामलों को निपटाने के आपके पास एक और आखिरी मौका है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने पिछले 5 सालों से अधूरे पड़े रिटर्न के मामलों को पूरा करने की आखिरी तारीख बढ़ा कर 30 सितंबर कर दी है. 

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CBDT ने यह राहत उन मामलों के लिए दी है जो फिजिकल वेरिफिकेशन के चक्कर में पिछले 5 साल से लटके पड़े हैं. बोर्ड ने वन-टाइन रिलेक्सेशन स्कीम (one-time relaxation) के तहत इन मामलों के निपटाने की बात कही है. इस दौरान वर्ष 2015-16 से 2019-20 के दौरान पेंडिंग पड़े मामलों को निपटाया जाएगा.

CBDT का कहना है कि ITR-V फॉर्म की कमी के चलते ये मामले लंबित पड़े हुए हैं. इनकम टैक्स की ई-फाइलिंग के दौरान ऐसे बहुत सारे मामले हैं जिनमें ITR-V फॉर्म नहीं भरा गया है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (IT Department) के पास ऐसे बहुत सारे मामले पेंडिंग पड़े हुए हैं.

CBDT ने अब ऐसे रिटर्न का वैरिफिकेशन करने की अनुमति देता है. इसके लिए ITR-V की कॉपी 30 सितंबर तक जमा कराई जा सकती है.

आईटीआर की फिजिकल वेरिफिकेशन के मामले में आपको अपने रिटर्न की ई-फाइलिंग के 120 दिनों के भीतर बेंगलुरु में आईटी विभाग के सीपीसी में प्रिंट व हस्ताक्षरित आईटीआर-वी फॉर्म को भेजना होता है.

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इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने का अंतिम चरण उसका वेरिफिकेशन है. अगर आपने आयकर रिटर्न फाइल कर दिया और 120 दिन के अंदर इसका वेरिफिकेशन नहीं किया तो इनकम टैक्स के नियमों के मुताबिक इसे वैध नहीं माना जायेगा. आयकर विभाग फॉर्म को प्राप्त करने की पुष्टि करेगा. इस तरह यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. अगर आपने ITR-V फिजिकल तरीके से भेजा है तो आपको प्राप्ति मिलने में समय लग सकता है.

आईटीआर वेरीफाई करने के पांच तरीके इलेक्ट्रॉनिक हैं और एक तरीका फिजिकल है.