पिछले कुछ सालों में आयकर विभाग (Income Tax Department) ने अपनी प्रोसेस को बहुत फास्ट कर दिया है. अब लोग काफी आसानी से टैक्स रिटर्न फाइल (ITR Filing) कर पा रहे हैं और उन्हें रिफंड (Refund) भी चंद दिनों में मिल जा रहा है. हालांकि, कुछ लोगों के लिए आयकर विभाग की ये चुस्ती-फुर्ती ही मुसीबत का सबब बन सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि जब तक टैक्सपेयर को यह पता चलता है कि उसने आईटीआर फाइल करने में कोई गलती कर दी है और वह उसे सुधार पाए, उससे पहले ही आयकर विभाग आईटीआर को प्रोसेस कर के रिफंड भी भेज देता है. ऐसे में करदाता को अपनी गलती सही करने का मौका ही नहीं मिल पाता.

करदाता के खाते में आ जाता है ज्यादा रिफंड

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ऐसी सूरत में होता ये है कि लोगों के खाते में असल रिफंड से ज्यादा पैसे आ जाते हैं. ये इसलिए होता है क्योंकि लोगों को अपने आईटीआर की गलती सही करने में कुछ वक्त लग जाता है, वहीं इनकम टैक्स विभाग इतनी फास्ट काम करने लगा है कि गलती ठीक होने से पहले ही वह रिफंड प्रोसेस कर देता है. अगर ऐसा आपके साथ हो जाए तो अतिरिक्त रिफंड अमाउंट वापस ना करने की गलती बिल्कुल ना करें, वरना आपको आयकर विभाग की तरफ से नोटिस आ सकता है.

नोटिस आने पर क्या करें?

बहुत से लोग हैं, जिन्हें अतिरिक्त रिफंड मिल जाने के बावजूद आयकर विभाग का नोटिस नहीं आया है. ऐसे में अगर आप ये सोचते हैं कि आपको भी नोटिस नहीं आएगा तो ऐसी गलती बिल्कुल ना करें. अतिरिक्त रिफंड आते ही आपको जल्द से जल्द रिवाइज्ड आईटीआर फाइल कर देना चाहिए और अतिरिक्त रिफंड को वापस आयकर विभाग को लौटा देना चाहिए. अगर इस बीच आपको टैक्स विभाग से नोटिस आ भी जाता है तो आप अपनी सफाई दे सकते हैं और रिवाइज्ड आईटीआर दिखा सकते हैं.

रिवाइज्ड आईटीआर फाइल करने में देरी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि अगर उससे पहले ही टैक्स ऑफिसर ने नोटिस जारी कर दिया तो आप पर कुछ पेनाल्टी भी लग सकती है. आयकर विभाग का टैक्स ऑफिसर आपको सेक्शन 143(3), 147 या 144 के नोटिस जारी कर सकता है. आपको अतिरिक्त टैक्स रिफंड पर ब्याज भी चुकाना पड़ेगा, ऐसे में जितनी जल्दी वह पैसे वापस चुकाएंगे, उतना ही बेहतर रहेगा.

आईटीआर फाइल करने से पहले जरूर चेक करें ये 7 चीजें

आइए जानते हैं इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से पहले आपको कौन सी 7 चीजें चेक कर लेनी चाहिए.

1- सबसे पहले फॉर्म-16

एक नौकरी पेशा को आईटीआर फाइल करने के लिए सबसे पहले जरूरत पड़ती है फॉर्म-16 की. यह आपको आपकी कंपनी की तरफ से मिलेगा, जिसमें आपकी सैलरी पर लगे टैक्स की सारी जानकारी होती है. बता दें कि जून महीने के दूसरे-तीसरे हफ्ते में तमाम कंपनियां फॉर्म-16 जारी करती हैं.  हालांकि, अगर आपने अपने नियोक्ता यानी अपनी कंपनी से कोई जानकारी छुपाई होगी तो वह फॉर्म-16 में नहीं होगी. ध्यान रहे, अगर आपके पास फॉर्म-16 है, जिसमें आपकी सैलरी पर लगे टैक्स की पूरी जानकारी है तो आपके लिए आईटीआर फाइल करना चंद मिनटों का काम बन जाता है.

2- 26एएस फॉर्म में चेक करें टीडीएस-टीसीएस 

आयकर रिटर्न फाइल करने से पहले आपको एक बार 26एएस फॉर्म भी जरूर चेक करना चाहिए. एक बार चेक कर लें कि फॉर्म-16 में आप पर लगे टैक्स की जो जानकारियां हैं, वह सही हैं या नहीं. अगर कोई गलती हो तो उसे समय रहते सही करवा लें. ध्यान रहे कि अगर कोई जानकारी गलत है और आप उसे सही करवाते हैं तो इसमें 7-10 दिन तक का समय लग सकता है.

3- AIS फॉर्म में इनकम और टीडीएस-टीसीएस चेक करें

फॉर्म 26एएस चेक करने के बाद आपको एआईएस यानी एनुअल इनफॉर्मेशन स्टेटमेंट फॉर्म भी चेक करना चाहिए. इससे आपको पता चलेगा कि आपने पूरे साल में क्या-क्या ट्रांजेक्शन की हैं. अगर आपकी कमाई सैलरी के अलावा दूसरे तरीकों यानी रेंट या ब्याज आदि से भी हुई है, तो उसकी जानकारी भी एआईएस फॉर्म में मिल जाएगी. साथ ही आपको ये भी पता चल जाएगा कि आपने क्या-क्या बेचा है यानी सेल किया है, जिससे आपको पैसे मिले हैं. ये चेक करना जरूरी है कि कोई ट्रांजेक्शन छूट ना जाए. अगर कुछ छूटता है तो उसे समय रहते सही करवा लें.

4- कैपिटल गेन स्टेटमेंट चेक करें

यह फॉर्म सिर्फ उन्हें चेक करना जरूरी है, जिन्हें कैपिटल गेन हुआ है. अगर आपने किसी शेयर या म्यूचुअल फंड में पैसे लगाए हैं तो आपको ये फॉर्म चेक करना जरूरी है. अगर आपको 1 लाख रुपये से अधिक का कैपिटल गेन होता है तो उस पर आपको 10 फीसदी टैक्स चुकाना होगा. वहीं अगर आपको शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन हुआ है तो आपको उस पर 15 फीसदी टैक्स चुकाना होगा. इस टैक्स की कैल्कुलेशन खुद ब्रोकरेज फर्म की तरफ से कर के ग्राहकों को भेज दी जाती है. अगर आपको ये फॉर्म नहीं मिला है तो अपने ब्रोकरेज फर्म से बात कर सकते हैं.

5- ब्याज से हुई कमाई को चेक करें

ऐसे बहुत से करदाता होते हैं जो अन्य स्रोतों से हुई कमाई को रिपोर्ट नहीं करते हैं. इसमें सबसे कॉमन कमाई है, ब्याज से हुई कमाई. अगर आपने कोई एफडी कराई है या फिर सेविंग अकाउंट के ब्याज से आपको कमाई हुई है, तो उसे भी अपनी इनकम में दिखाना जरूरी है. एआईएस फॉर्म में भी आपको ये जानकारी मिल जाएगी, क्योंकि उसमें आपके पैन कार्ड से जुड़ी हर ट्रांजेक्शन का रेकॉर्ड होता है. ध्यान रहे, अगर आप गलत इनकम दिखाते हैं तो आपको आयकर विभाग की तरफ से नोटिस आ सकता है.

6- क्रिप्टो असेट्स से हुई कमाई जरूर दिखाएं

अगर आपने किसी क्रिप्टो असेट में पैसे लगाए हैं तो आपको उससे हुई कमाई को दिखाना भी बहुत जरूरी है. क्रिप्टो असेट से हुई कमाई पर आपको 30 फीसदी टैक्स चुकाना होगा. आईटीआर फाइल करते वक्त इसके बारे में जरूर बताएं, वरना आयकर विभाग का नोटिस आना तय समझें.

7- विदेशी असेट्स और इनकम के बारे में भी बताएं

ऐसे भी बहुत सारे लोग हैं, जिनकी विदेशों तक में संपत्ति है. अगर आपकी भी विदेश में कोई संपत्ति है और उससे आपकी कमाई होती है तो आपको इसके बारे में भी आयकर टैक्स रिटर्न फाइल करते वक्त बताना होगा. अगर आपने किसी विदेशी बैंक खाते में पैसे रखे हैं, तो उसके बारे में भी आपको आयकर टैक्स रिटर्न फाइल करते हुए बताना होगा.