Income Tax Return: आपने आईटीआर फाइलिंग के पहले सबसे पहला काम क्या किया था? AIS या Form16 चेक किया था? और फाइलिंग के बाद क्या किया था? AIS चेक किया था? नहीं? आपकी गलती नहीं है. फाइलिंग के बाद AIS बहुत लोग नहीं चेक करते हैं. अधिकतर लोग तो टैक्स फाइलिंग के वक्त ही अपना AIS चेक करते हैं, लेकिन ये बड़ी गलती है. AIS चेक करना बहुत जरूरी है, क्यों? आइए बताते हैं.

AIS है क्या और क्यों है जरूरी?

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AIS यानी Annual Information Statement आपके सालभर के फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन का लेखा-जोखा होता है. इसमें आपके टैक्स डिडक्शन, टैक्स लायबिलिटी से लेकर पूरी समरी होती है. लेकिन ऐसा नहीं है कि आईटीआर फाइलिंग के वक्त आप जो AIS देखते हैं, वही फाइनल समरी होती है, ये ऐसा डॉक्यूमेंट है जो पूरे साल अपडेट होता रहता है और इसलिए ये बहुत जरूरी हो जाता है कि आपका आईटीआर अपडेटेड AIS के हिसाब से फाइल हुआ हो.

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AIS क्यों चेक करना है जरूरी?

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट लगातार आपके फाइनेंशियल ट्रांजैक्शंस पर जानकारी अपडेट करता रहता है. AIS में अलग-अलग डेटा पॉइंट्स से जानकारी अपडेट होती रहती है और डिपार्टमेंट AI Tools की मदद से डेटा इकट्ठा करता रहता है. हो सकता है कि आपके इन्वेस्टमेंट या किसी भी दूसरे तरह के ट्रांजैक्शन पर फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन की ओर से लेट इन्फॉर्मेशन आए, तो ऐसे में अगर आपके ITR और आपके AIS की डीटेल्स मैच नहीं होती हैं, तो इसके लिए आपको नोटिस भेजा जा सकता है.

AIS में बदलाव है तो क्या करें?

अब अगर आपने अपना AIS चेक किया तो पता लगा कि डीटेल्स तो बदल गई हैं तो अब क्या करेंगे? इसके लिए आपको रिवाइज्ड आईटीआर भरना पड़ेगा, ITR रेक्टिफाई करना पड़ेगा, ताकि आपके आईटीआर और AIS की डीटेल्स मैच हो सकें.