अक्‍सर लोगों का मानना होता है कि आमदनी जब बहुत ज्‍यादा हो, तभी इनकम टैक्‍स भरना चाहिए. लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है. इनकम टैक्‍स रिटर्न कोई भी फाइल कर सकता है. आर्थिक सलाहकार शिखा चतुर्वेदी की मानें तो इनकम टैक्‍स रिटर्न आपको दाखिल करना ही चाहिए, भले ही आप टैक्‍स स्‍लैब में आते हों या न आते हों. दरअसल टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल होने पर एक सर्टिफिकेट मिलता है. ये सरकारी प्रमाण होता है, जिससे व्यक्ति की सालाना आय का पता चलता है, साथ ही ये साबित होता है कि आप देश के जिम्‍मेदार नागरिक हैं. इसके अलावा आईटीआर फाइल करने के तमाम फायदे आपको और आपके परिवार को भविष्‍य में मिल सकते हैं. यहां जानिए ऐसे 5 बड़े फायदे.

आसानी से मिलता लोन

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आज के समय में मकान, जमीन, कार या किसी व्‍यवसाय को शुरू करने के लिए ज्‍यादातर लोग लोन लेते हैं. लोन के समय आपसे आपकी इनकम का सबूत मांगा जाता है. ऐसे में नौकरीपेशा लोग तो फिर भी कंपनी की सैलरी स्लिप दिखा सकते हैं, लेकिन जो नौकरी नहीं करते, वो आमदनी का प्रमाण कैसे देंगे? ऐसे में पिछले 2 या 3 वर्षों के इनकम टैक्स रिटर्न की कॉपी उनके काम आती है और इससे लोन मिलना आसान हो जाता है.

वीजा के लिए जरूरी है ITR

जब आप किसी दूसरे देश की यात्रा करने जाते हैं तो आपको वीजा बनवाने की जरूरत होती है. अमेरिका और कुछ विकसित पश्चिम देश, वीजा जारी  करने की प्रक्रिया में इनकम टैक्‍स रिटर्न की कॉपी मांगते हैं. ITR के जरिए ये चेक किया जाता है कि जो व्यक्ति उनके देश में आ रहा है या आना चाहता है उसका फाइनेंशियल स्टेटस क्‍या है. जो लोग खुद नहीं कमाते हैं, उनके माता-पिता या अभिभावक के आईटीआर की कॉपी  दी जा सकती है.

एक्‍सीडेंटल डेथ के मुआवजे में मददगार

थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस के मामले में, किसी दुघर्टना में व्‍यक्ति की मौत होने पर, उसके परिवार को मदद करने के लिए बीमा की रकम मृतक की आमदनी के हिसाब से निर्धारित की जाती है. अदालती कार्रवाई के दौरान बीमा कंपनी परिवार से मृतक की आमदनी संबंधी प्रमाण मांगती है. आईटीआर की कॉपी ऐसे में मददगार साबित होती है. इससे मृतक के परिवार को बीमा क्‍लेम आसानी से मिल जाता है. 

बिजनेस शुरू करने में सहायक

अगर आप कोई ऐसा बिजनेस शुरू कर रहे हैं जिसमें आप किसी सरकारी विभाग से कॉन्‍ट्रैक्‍ट हासिल करना चाहते हैं, तो आपके लिए आईटीआर फाइल करना बहुत जरूरी है. किसी सरकारी विभाग में कॉन्ट्रेक्ट लेने के लिए भी पिछले 5 साल का ITR जरूरी होता है.

बड़ी रकम की बीमा पॉलिसी के लिए

जब आप 50 लाख, 1 करोड़ रुपए या इससे ज्‍यादा रकम की कोई भी बीमा पॉलिसी को खरीदते हैं तो आपको इसके लिए आईटीआर रसीद दिखाने की जरूरत पड़ती है. एलआईसी में तो खासतौर पर 50 लाख या इससे अधिक की टर्म पॉलिसी लेने पर आपसे आईटीआर दस्‍तावेज मांगे जाएंगे. इससे ये तय होता है कि आप इतनी बड़ी रकम का बीमा करवाने के योग्‍य हैं या नहीं.