वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) आज बजट (Budget 2024) पेश करने वाली हैं. हर बजट में सबसे ज्यादा फोकस इस चीज पर रहता है कि आखिर टैक्स (Income Tax) से जुड़े क्या बदलाव हुए हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि अगर टैक्स में छोटी सी भी राहत मिल जाती है तो करदाता की जेब में कुछ अतिरिक्त पैसे बच जाते हैं यानी उसकी पर्चेजिंग पावर थोड़ी बढ़ जाती है. इस बजट से उम्मीद की जा रही है कि स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) में कोई बड़ा बदलाव किया जा सकता है.

1 लाख रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इस बार के बजट से उम्मीद की जा रही है कि स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाया जा सकता है. उम्मीद की जा रही है कि इसे 1 लाख रुपये तक कर देना चाहिए, तो अभी 50 हजार रुपये है. ज़ी बिजनेस से बात करते हुए टैक्स एक्सपर्ट बलवंत जैन ने भी यही कहा है कि इसे बढ़ाकर 1 लाख रुपये तो करना ही चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि सैलरी वालों के पास टैक्स बचान के बहुत ही कम तरीके होते हैं. बिजनेस चलाने वाले तो टैक्स बचाने के कई तरीके ढूंढ लेते हैं, लेकिन सैलरी वाले लोगों के पास कम विकल्प हैं.

कब आया था स्टैंडर्ड डिडक्शन?

स्टैंडर्ड डिडक्शन की शुरुआत साल 2018-19 में हुई. हालांकि, उस वक्त स्टैंडर्ड डिडक्शन 40 हजार रुपये हुआ करता था. 2019 में इसे बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया गया. इसके लिए किसी को कोई भी इन्वेस्टमेंट प्रूफ या रिसीप्ट कुछ नहीं देना होता है. पिछले 5 सालों से इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है, जबकि महंगाई काफी बढ़ चुकी है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि सरकार इस बार लोगों को कोई बड़ी राहत दे. 

कैसे काम करता है स्टैंडर्ड डिडक्शन?

स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत अभी आपको 50 हजार रुपये पर टैक्स छूट मिलती है. आप अपनी सैलरी से बिना कुछ सोचे-समझे 50 हजार रुपये कम कर सकते हैं. इससे आपकी टैक्सेबल इनकम कम हो जाती है. कुछ लोगों की टैक्सेबल इनकम तो इसकी वजह से इतनी कम होती है कि 87ए के रिबेट के साथ उन पर कोई टैक्स नहीं लगता.

एक उदाहरण से समझते हैं

मान लीजिए कि आपकी टैक्सेबल इनकम 5.50 लाख रुपये है. ऐसे में 50 हजार रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन के बाद आपकी टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये बचेगी और आप पर इफेक्टिव रूप से कोई टैक्स नहीं लगेगा. वहीं अगर आप नए टैक्स रिजीम में हैं तो आपक 7.50 लाख रुपये तक पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि 50 हजार रुपये का तो आपको स्टैंडर्ड डिडक्शन मिल जाएगा और आपकी टैक्सेबल इनकम 7 लाख रुपये हो जाएगी. बता दें कि नए टैक्स रिजीम में 7 लाख रुपये तक की टैक्सेबल इनकम होने पर 87ए के रिबेट के साथ कोई टैक्स नहीं देना होता है.