भारत में चलाए जा रहे BBC मीडिया ग्रुप के अलग-अलग संस्थाओं द्वारा दिखाए गए इनकम और प्रॉफिट के आंकड़े उनके परिचालन के लिहाज से ठीक नहीं हैं. शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान में ये दावा किया गया. ये बयान ब्रिटिश मीडिया यूनिट के खिलाफ तीन दिनों तक चले आयकर अधिकारियों के ‘सर्वे’ के एक दिन बाद आया है. आयकर विभाग के प्रशासनिक निकाय केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने अपने बयान में मीडिया संगठन का नाम लिए बगैर कहा कि एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मीडिया कंपनी की विदेशी इकाइयों ने विदेश भेजी गई कुछ रकम पर टैक्स का भुगतान नहीं किया है. हालांकि, इनकम टैक्स अधिकारियों ने ये साफ किया कि इस बयान का संबंध ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (बीबीसी) के भारत स्थित परिसरों पर हुए सर्वे से संबंधित है.

दिल्ली और मुंबई ऑफिस में 60 घंटों तक चला सर्वे

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बीबीसी से जुड़े सूत्रों ने कहा कि इस बारे में टैक्स डिपार्टमेंट से कोई भी औपचारिक सीधी सूचना मिलने पर वे उसका समुचित ढंग से जवाब देंगे. बीबीसी के दिल्ली और मुंबई स्थित दफ्तरों में आयकर विभाग का सर्वे ऑपरेशन करीब 60 घंटों तक चला. 14 फरवरी को शुरू हुआ ये ऑपरेशन गुरुवार रात को खत्म हुआ था. सीबीडीटी के बयान में ब्रिटिश मीडिया कंपनी के खिलाफ अलग-अलग टैक्स संबंधी अनियमितताओं का आरोप लगाने के साथ ही सर्वे के दौरान ‘देर करने की रणनीति’ अपनाने की बात भी कही गई है.

बीबीसी पर टैक्स का भुगतान नहीं करने का आरोप

बयान के मुताबिक, ‘सर्वे से पता चला है कि अलग-अलग भारतीय भाषाओं (अंग्रेजी के अलावा) में सामग्री की पर्याप्त खपत के बावजूद ग्रुप के अलग-अलग यूनिट्स द्वारा दिखाई गई आय और लाभ भारत में परिचालन के पैमाने के अनुरूप नहीं है. डिपार्टमेंट ने इसके परिचालन से संबंधित कई सबूत इकट्ठे किए हैं जिनसे संकेत मिलता है कि कुछ विदेशी धन-प्रेषण पर टैक्स का भुगतान नहीं किया गया है और इस राशि को ग्रुप की विदेशी संस्थाओं द्वारा भारत में आय के रूप में नहीं दिखाया गया है.’

सामने आए साक्ष्यों पर आगे होगी जांच

सीबीडीटी ने कहा कि आयकर सर्वे में बीबीसी द्वारा ‘स्थानापन्न कर्मचारियों’ की सेवाओं का उपयोग किया गया और इसके लिए भारतीय इकाई द्वारा संबंधित विदेशी संस्था को प्रतिपूर्ति भी की गई. बयान के मुताबिक, ‘इस तरह के धन-प्रेषण पर कर्मचारी के पारिश्रमिक से कर काटने का प्रावधान है लेकिन ऐसा नहीं किया गया है. इसके अलावा सर्वे में ट्रांसफर प्राइसिंग (संबंधित पक्षों के बीच लेन-देन) दस्तावेज के संबंध में कई विसंगतियां भी सामने आई हैं.’ इस बयान के मुताबिक, आयकर अधिकारियों के सर्वे में कर्मचारियों के बयान, डिजिटल साक्ष्य और दस्तावेजों के माध्यम से ‘महत्वपूर्ण साक्ष्य’ सामने आए हैं जिनकी आगे जांच की जाएगी.

भाषा इनपुट्स के साथ