अगर आपको भी एडवांस टैक्स (Advance Tax) जमा करना होता है तो 15 दिसंबर का दिन आपके लिए बेहद अहम है. वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही के लिए 15 दिसंबर तक एडवांस टैक्स की दूसरी किस्त जमा करनी है. अगर आप एडवांस टैक्स भरने से चूकते हैं तो फिर आपको पेनाल्टी (Penalty) चुकानी पड़ेगी. इतना ही नहीं, आपको देरी के लिए ब्याज भी चुकाना पड़ेगा. आइए जानते हैं क्या होता है एडवांस टैक्स और साल में कब-कब आपको ये चुकाना होता है.

क्या होता है एडवांस टैक्स?

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एडवांस टैक्स एक तरह का इनकम टैक्स ही होता है, जो वित्त वर्ष खत्म होने से पहले ही आयकर विभाग के पास जमा करना होता है. इसे सामान्य टैक्स की तरह सालाना आधार पर एकमुश्त नहीं चुकाया जाता, बल्कि किस्तों में जमा किया जाता है. इसके तहत टैक्सपेयर्स एडवांस में ही टैक्स आयकर विभाग के पास जमा करते हैं.

किसे चुकाना होता है एडवांस टैक्स?

आयकर अधिनियम की धारा 208 के मुताबिक एडवांस टैक्स उन लोगों को चुकाना होता है, जिनकी टैक्स देनदारी 10 हजार रुपये से अधिक होती है. यह नौकरीपेशा लोग, फ्रीलांसर, व्यापारियों और अन्य किसी तरह से पैसे कमाने वाले लोगों पर लागू होता है. हालांकि, अगर आपकी उम्र 60 साल से अधिक है, जो किसी तरह की बिजनेस नहीं करते हैं, उन्हें एडवांस टैक्स से छूट मिली हुई है.

कब चुकाना होता है एडवांस टैक्स?

एडवांस टैक्स को सामान्य टैक्स की तरह साल में एक बार एकमुश्त नहीं देना होता, बल्कि किस्तों में चुकाना होता है. इसे हर तिमाही के हिसाब से चुकाना पड़ता है. इसकी तारीख इनकम टैक्स विभाग की तरफ से तय की जाती है. वित्त वर्ष 2022-23 और 2023-24 के लिए यह तारीखें 15 जून, 15 सितंबर, 15 दिसंबर और 15 मार्च हैं.

कितना एडवांस टैक्स चुकाना होता है?

एडवांस टैक्स चुकाया भले ही किस्तों में जाता है, लेकिन उसकी गणना पूरे साल के हिसाब से की जाती है. आपको एडवांस में ये कैल्कुलेट करना होगा कि आप पर साल में करीब कितना टैक्स लग सकता है. अपनी इनकम से आप डिडक्शन हटाकर बची हुई इनकम पर अपने टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स का कैलकुलेशन कर सकते हैं. 

इसके बाद आपको 15 जून को अपने एडवांस टैक्स का कम से कम 15 फीसदी चुकाना होगा. वहीं 15 सितंबर तक एडवांस टैक्स का 45 फीसदी, 15 दिसंबर तक एडवांस टैक्स का 75 फीसदी और 15 मार्च तक एडवांस टैक्स का 100 फीसदी चुकाना होता है.

एडवांस टैक्स नहीं चुकाया तो क्या होगा?

नौकरीपेशा लोगों के मामले में कई बार नौकरी बदलने की सूरत में अक्सर कंपनियों की तरफ से टीडीएस सही से नहीं कट पाता और एडवांस टैक्स की लाएबिलिटी बन जाती है. ऐसे में आपको चेक करना होगा और एडवांस टैक्स जमा करना होगा, वरना आप पर एक चार्ज भी लगेगा और आपको ब्याज भी चुकाना पड़ेगा. एडवांस टैक्स के भुगतान में चूक होने पर धारा 234बी और 234सी के तहत पेनाल्टी लगती है. प्रत्येक सेक्शन में हर महीने 1% का पेनाल्टी ब्याज लगता है. एडवांस टैक्स भुगतान में देरी या टैक्स भुगतान में कमी के लिए धारा 234बी लगाई जाती है. वहीं धारा 234सी व्यक्तिगत एडवांस टैक्स किस्तों का भुगतान न करने या कम भुगतान करने पर लागू होती है.