टैक्सपेयर्स (taxpayers) की सुविधा के लिए आयकर रिटर्न (ITR) जांच के लिए चुने गए मामलों की संख्या हर साल घट रही है. जांच के लिए ITR का आंकड़ा 2018-19 में कुल दायर आयकर रिटर्न के मुकाबले घटकर 0.25 प्रतिशत रह गया.

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वित्त मंत्रालय का कहना है कि इससे पहले 2017-18 में यह अनुपात 0.55 प्रतिशत था. वित्त मंत्रालय ने Tweet में कहा-आयकर विभाग अब केवल आयकर कानून का प्रवर्तन करने वाली इकाई से आगे बढ़कर टैक्‍स पेमेंट सेवाओं को बेहतर बनाने वाले विभाग के तौर पर अपने में बदलाव ला रहा है. बीते कुछ साल में जांच के लिए चुने जाने वाले आयकर रिटर्न की संख्या में भारी कमी आई है.

2015-16 में ऐसे कुल रिटर्न की संख्या 0.71 प्रतिशत थी जो 2016-17 में कम होकर 0.40 प्रतिशत, 2017-18 में 0.55 प्रतिशत और 2018-19 में 0.25 प्रतिशत रह गई. मंत्रालय ने सभी राज्यों में दाखिल रिटर्न की संख्या और कुल दाखिल रिटर्न में से Scrutiny में आए रिटर्न का प्रतिशत दिया गया है.

पिछले 4 साल में जांच की दर सबसे कम है. 2016-17 में, दाखिल 0.40% रिटर्न की Scrutiny की गई जबकि 2017-18 में 0.55% मामलों की जांच की गई.

यही नहीं 2018-19 में दाखिल रिटर्न की संख्या 2017- 18 के मुकाबले बढ़ी है. मसलन Odisha में 2018-19 के दौरान स्‍क्रूटनी वाले मामलों की संख्या घटकर 0.12 प्रतिशत रह गई जो एक साल पहले 0.37 प्रतिशत पर थी. पंजाब में यह इस दौरान 0.40 प्रतिशत से घटकर 2018-19 में 0.14 प्रतिशत रह गई.

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Odisha में 2018-19 में 10.29 लाख रिटर्न भरे गए जबकि 2017-18 में यह संख्या 8.31 लाख थी. पंजाब में इस दौरान 27.65 लाख और 23.44 लाख रिटर्न दाखिल हुए.