इनकम टैक्स रिटर्न भरने का वक्त आ गया है. सैलरीड प्रोफेशनल्स ने अपने इन्वेस्टमेंट प्रूफ जमा कर दिए होंगे या कर रहे होंगे. इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म भी नोटिफाई हो चुके हैं. अभी टैक्सपेयर्स टैक्स कैलकुलेशन वगैरह करके ये चेक कर सकते हैं कि आपके लिए किस इनकम टैक्स रिजीम में कम टैक्स बन रहा है, यानी किस रिजीम में ज्यादा बचत हो रही है. इसके लिए सैलरीड प्रोफेशनल्स को उनके ऑफिस की ओर से प्रोविजनल सैलरी स्लिप मिल सकती है, जिसके जरिए वो अपना इनकम टैक्स स्लैब और टैक्स कैलकुलेशन देख सकते हैं.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अगर आपने भी अपना स्लैब और टैक्स लायबिलिटी कैलकुलेट कर लिया है तो आपको अंदाजा लग गया होगा कि आप इस बार न्यू टैक्स रिजीम से टैक्स रिटर्न फाइल करना चाहते हैं या फिर ओल्ड टैक्स रिजीम में. अगर आपको लगता है कि इस बार आपको ओल्ड टैक्स रिजीम में आईटीआर फाइल करने पर ही ज्यादा फायदा है तो आपको इसके लिए इस बार एक एक्स्ट्रा स्टेप लेना होगा.

फाइल करिए Form 10 IEA

ये आपको भी पता होगा कि पिछले साल के बजट में न्यू टैक्स रिजीम को डिफॉल्ट रिजीम बना दिया गया था, इससे टैक्सपेयर्स ऑटोमेटिकली न्यू टैक्स रिजीम में चले गए, यानी कि ओल्ड टैक्स रिजीम के लिए उन्हें अलग से इसे एक फॉर्म के जरिए चूज़ करना होगा. 

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने असेसमेंट ईयर 2024-25 (FY-2023-24) टैक्सपेयर्स के लिए जो टैक्स रिटर्न फॉर्म जारी किया है, इसमें न्यू टैक्स रिजीम को डिफॉल्ट रिजीम बताया गया है. इसके चलते जिन टैक्सपेयर्स को ओल्ड टैक्स रिजीम में आईटीआर फाइल करना है, उन्हें एक नया फॉर्म Form 10-IEA फाइल करना है.

कब तक भरना है Form 10-IEA?

सैलरीड प्रोफेशनल्स को ये फॉर्म 31 जुलाई, 2024 के पहले भर लेना है. ये टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन है. आपको अपना आईटीआर इस तारीख के पहले अपना रिटर्न फाइल करना है, तो ऐसे में आपको इसके पहले ये फॉर्म डालना होगा. यूं तो आप अपना टैक्स रिटर्न 31 दिसंबर, 2024 तक बिलेटेड रिटर्न के तौर पर भी फाइल कर सकते हैं, जिसके लिए आपको लेट फीस देनी होगी. लेकिन ये ध्यान रखें कि अगर आप बिलेटेड रिटर्न फाइल करते हैं, तो आप टैक्स रिजीम नहीं बदल पाएंगे. आपको टैक्स रिजीम बदलने के लिए फॉर्म 31 जुलाई तक ही डालना होगा.

इस फॉर्म में आपसे आपकी PAN डीटेल्स मांगी जाएंगी. इसके साथ आपको अपना टैक्स स्टेटस (इंडिविजुअल, HUF, रेजिडेंट वगैरह) भरना होगा. इसके साथ ही आपसे ये भी पूछा जाएगा कि आपने इसके पहले टैक्स रिजीम स्विच किया था या नहीं. 

अगर आपको सेक्शन 80C, सेक्शन 80D, के तहत मेडिकल इंश्योरेंस, होम लोन डिडक्शन, ट्यूशन, रेंट, लीव ट्रैवल अलाउंस वगैरह चीजों पर टैक्स छूट चाहिए तो आपको ओल्ड टैक्स रिजीम में आईटीआर फाइल करना चाहिए. न्यू टैक्स रिजीम में आपको 50,000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन और कम टैक्स रेट का ही फायदा मिलेगा.