Long term capital gain tax: अगर आपकी कमाई ज्यादा है तो सरकार आपसे टैक्स (income tax) भी ज्यादा लेती है. इक्विटी, इक्विटी म्युचुअल फंड आदि में ज्यादा पैसा वाले ही निवेश करते हैं. इनसे इनकी कमाई भी बहुत है और आखिर में अच्छी बचत होती है. ऐसे में सरकार इस तरह के निवेश से होने वाली कमाई पर भी टैक्स लेती है. इस टैक्स को कैपिटल गेन टैक्स (capital gain tax) कहते हैं.

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क्या है एलटीसीजी

एलटीसीजी का मतलब है- लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (long term capital gain) टैक्स है. इनकम टैक्स की वेबसाइट के मुताबिक, पूंजीगत संपत्ति के ट्रांसफर होने पर होने वाले प्रॉफिट पर कैपिटल गेन (पूंजीगत फायदा) मद के तहत टैक्स लगाया जाता है. कैपिटल गेन्स से हुई इनकम को दो कैटेगरी - शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) में रखा जाता है. 

इन दोनों के लिए टैक्स की दरें भी अलग होती हैं. पहले लॉन्ग टर्म कैपिटल टैक्स आसान था. इसमें अगर आपने 1 साल तक कुछ नहीं बेचा तो कुछ भी टैक्स नहीं लगेगा. लेकिन 2018 से सरकार ने इसमें कुछ बदलाव किए हैं. इसमें अब स्टॉक मार्केट से होने वाली कमाई को भी शामिल कर लिया है. 

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इनपर लगता है एलटीसीजी

लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स शेयर मार्केट, घर, संपत्ति, जेवर, कार, बैंक एफडी, एनपीएस और बॉन्ड की बिक्री से होने वाले मुनाफे पर कैपिटल गेन टैक्‍स (Capital Gain Tax) वसूलती है. इनकम डिपार्टमेंट की वेबसाइट के मुताबिक, आम तौर पर, लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ पर (लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन) 20% (प्लस अधिभार और उपकर के रूप में) टैक्स लगाया जाता है, लेकिन कुछ विशेष मामलों में, प्रॉफिट होने पर 10 प्रतिशत (प्लस अधिभार और उपकर जो लागू हो) पर टैक्स लगाया जाता है.