आने वाले समय में इनकम टैक्स (Income Tax) से जुड़ी सभी प्रक्रियाओं के लिए अब फेसलेस असेसमेंट (Faceless Assessment) शुरू हो सकती हैं. सरकार ने इस संबंध में प्रस्ताव दिया है. इनकम टैक्स से जुड़ी इन प्रक्रियाओं में टैक्स कलेक्शन, वसूली और जानकारी इकट्ठा करना भी शामिल है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, फेसलेस प्रोसेस में किसी भी क्षेत्र के टैक्सपेयर का टैक्स असेसमेंट देशभर के किसी भी इनकम टैक्स ऑफिस में किया जाता है. 

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उदाहरण के लिए चेन्नई के टैक्सपेयर का टैक्स असेसमेंट सूरत के इनकम टैक्स ऑफिस में हो सकता है और सूरत के टैक्सपेयर का टैक्स आकलन गुवाहाटी में किया जा सकता है. खबर के मुताबिक, मौजूदा वक्त में टैक्स असेसमेंट इस प्रक्रिया के तहत शुरू हुआ है और 25 सितंबर से अपील के मामले भी इसी प्रक्रिया के तहत आगे बढ़ेंगे.

सरकार ने बीते शुक्रवार को लोकसभा में टैक्सेसन और दूसरे कानून (कुछ प्रावधानों में छूट एवं संशोधन) विधेयक-2020 पेश किया. इसमें इनकम टैक्स कानून के तहत आने वाली कम से कम आठ प्रक्रियाओं के लिए चेहराविहीन आकलन (फेसलेस असेसमेंट) का प्रपोजल दिया है.

इस विधेयक में इनकम छिपाने, रिवीजन, संशोधन, नोटिस जारी करने आदि के लिए फेसलेस असेसमेंट का प्रस्ताव किया गया है. इसके अलावा टैक्स कलेक्शन, टैक्स वूसली, परमिशन या रजिस्ट्रेशन और ऑर्डर के प्रभाव का आकलन भी फेसलेस तरीके से करने को कहा गया है. फेसलेस असेसमेंट एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक तरीका होता है. यह एक सॉफ्टवेयर बेस्ड होता है.

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फेसलेस असेसमेंट के कई फायदे हैं. टैक्सपेयर्स को किसी इनकम टैक्स अधिकारी के पास या ऑफिस नहीं जाना पड़ता है. टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स स्क्रूटनी असेसमेंट नोटिस के लिए किसी भी तरह की भागदौड़ नहीं करनी होगी. चार्टर्ड अकाउंटेंट के चक्कर लगाने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी. सरकार की इस कोशिश के पीछे भ्रष्टाचार को खत्म करना है. इसकी सीमित शुरुआत में नतीजे देखने को मिले थे.