जब कभी बात आती है टैक्स (Tax) बचाने की, तो लोग हर तरह के टूल्स को इस्तेमाल करना चाहते हैं. तमाम तरह के इन्वेस्टमेंट (investment) करते हैं. कुछ तरह के खर्चे भी करते हैं. लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि आपका इनकम टैक्स (Income Tax) बचाने में आपका परिवार भी आपकी मदद कर सकता है? जी हां, टैक्स बचाने में आपके मां-बाप, आपका जीवनसाथी (पति/पत्नी) और आपके बच्चे, सभी एक बड़ा रोल अदा कर सकते हैं. आइए जानते हैं कैसे आपका परिवार बचा सकता है आपका टैक्स.

पहले जानिए कैसे मां-बाप बचा सकते हैं टैक्स

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मां-बाप आपका टैक्स 3 तरीकों से बचा सकते हैं. आइए जानते हैं आपको क्या करना होगा, ताकि आप ये फायदा उठा सकें.

1- माता-पिता को दें रेंट, क्लेम करें HRA

अगर आप अपने माता-पिता के साथ रहते हैं और एचआरए क्लेम नहीं कर पा रहे हैं तो आप अपने माता-पिता को रेंट चुकाकर एचआरए क्लेम कर सकते हैं. अगर आप सोच रहे हैं कि यह गलत है तो ऐसा नहीं है. आयकर अधिनियन की धारा 80GG के तहत आप अपने माता-पिता को किराएदार दिखाकर एचआरए पर टैक्स डिडक्शन पा सकते हैं. इसके तहत आप ये दिखा सकते हैं कि आप अपने माता-पिता को रेंट यानी घर का किराया देते हैं. हालांकि, अगर आप कोई दूसरा हाउसिंग बेनेफिट ले रहे हैं तो एचआरए क्लेम नहीं कर पाएंगे.

2- टैक्स सेविंग स्कीम मां-बाप के नाम पर लें

अधिकतर टैक्स सेविंग स्कीम में सीनियर सिटीजन को अतिरिक्त फायदा दिया जाता है. अगर आपके माता-पिता सीनियर सिटीजन की कैटेगरी में हैं तो आप उनके नाम पर टैक्स सेविंग स्कीम में निवेश कर सकते हैं. इससे आपको दो फायदे होंगे. एक तो आपको टैक्स का फायदा मिलेगा, वहीं सीनियर सिटीजन को ब्याज भी अधिक मिलता है. सीनियर सिटीजन को एक साल में 50 हजार रुपये तक के ब्याज से हुई कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना होता है.

3- माता-पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लें

आप अपने माता-पिता की हेल्थ का ख्याल रखते हुए भी अपना टैक्स बचा सकते हैं. अगर आप अपने माता-पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेते हैं, तो उसके प्रीमियम की रकम पर आपको टैक्स छूट मिलती है. 65 साल से कम उम्र के माता-पिता के हेल्थ इंश्योरेंस पर आपको 25 हजार रुपये तक के प्रीमियम पर टैक्स छूट मिलेगी. वहीं 65 साल से अधिक उम्र होने पर आपको 50 हजार रुपये तक पर टैक्स छूट का फायदा मिलेगा.

जीवनसाथी कैसे बचा सकता है टैक्स?

अगर आप एक पुरुष हैं तो आपकी पत्नी और अगर आप महिला हैं तो आपके पति, यानी जीवनसाथी भी टैक्स बचाने में मदद कर सकते हैं. पति-पत्नी टैक्स बचाने में एक दूसरे की 3 तरीकों से मदद कर सकते हैं.

1- ज्वाइंट होम लोन से होगा फायदा

अगर आप घर खरीदने की सोच रहे हैं तो उसे ज्वाइंट होम लोन लेकर खरीदें और दोनों के नाम पर रजिस्ट्री करवाएं. ऐसे में आप दोनों ही होम लोन पर मिलने वाले टैक्स बेनेफिट क्लेम कर सकते हैं. इस तरह देखा जाए तो आपको टैक्स में दोगुना फायदा होगा. प्रिंसिपल अमाउंट पर आप दोनों ही 1.5-1.5 लाख रुपये यानी कुल 3 लाख रुपये 80सी के तहत क्लेम कर सकते हैं. वहीं ब्याज पर दोनों को 2-2 लाख रुपये तक का टैक्स बेनेफिट सेक्शन 24 के तहत मिल सकता है. यानी देखा जाए तो आप कुल मिलाकर 7 लाख रुपये तक पर टैक्स का फायदा पा सकते हैं. हालांकि, यह इस बात पर भी निर्भर करेगा कि आपका होम लोन कितने रुपये का है.

2- पत्नी को दें पैसे और शेयर बाजार में कराएं निवेश

अगर आप शेयर मार्केट में लॉन्ग टर्म के लिए पैसे लगाते हैं तो आपको कैपिटल गेन पर 1 लाख रुपये तक पर टैक्स छूट मिलती होगी. ऐसे में अगर आपकी पत्नी की कमाई बहुत कम है या वह हाउस वाइफ हैं तो उन्हें आप कुछ पैसे दे सकते हैं और उनके नाम पर शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं. इस तरह उन पैसों पर जो रिटर्न मिलेगा, उस पर आपकी पत्नी को 1 लाख रुपये तक के कैपिटल गेन पर टैक्स छूट मिलेगी. वहीं अगर आप ये पैसे खुद ही निवेश करते और आपको पहले से ही 1 लाख रुपये का कैपिटल गेन होता तो आपका कुल गेन 2 लाख रुपये हो जाता है. ऐसे में आपको 1 लाख रुपये पर टैक्स चुकाना पड़ता. 

3- पत्नी की पढ़ाई के लिए एजुकेशन लोन

बहुत सी लड़कियां ऐसी होती हैं जो परिवार के दबाव में शादी तो कर लेती हैं, लेकिन बाद में उन्हें लगता है कि उन्हें आगे भी पढ़ाई करनी है. ऐसे में अगर आप अपनी पत्नी के लिए एजुकेशन लोन लेते हैं और उससे वह पढ़ाई करती हैं तो आपको उस लोन पर लगने वाले ब्याज पर टैक्स छूट मिलेगी. एजुकेशन लोन के ब्याज पर आप 8 सालों तक टैक्स छूट पा सकते हैं. यह छूट आपको सेक्शन 80E के तहत मिलती है. हालांकि, आपको लोन लेते वक्त यह ध्यान रखना होगा कि आप स्टूडेंट लोन लें और किसी ऐसे बैंक या संस्थान से लें जो सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त हो. 

4- हेल्थ इंश्योरेंस

आप चाहे तो पत्नी का हेल्थ इंश्योरेंस अलग से करवा सकते हैं या फिर फैमिली फ्लोटर इंश्योरेंस के तहत हेल्थ इंश्योरेंस ले सकते हैं. सेक्‍शन 80D के तहत खुद के लिए, पति/पत्नी और निर्भर बच्चों के हेल्थ इंश्योरेंस के लिए चुकाए गए प्रीमियम पर अधिकतम 25 हजार रुपये  तक के टैक्स डिडक्शन का फायदा ले सकते हैं.

बच्चे भी बचा सकते हैं टैक्स

सिर्फ मां-बाप या पति-पत्नी ही नहीं, बच्चे भी टैक्स बचाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं. आइए जानते हैं कैसे बच्चे बचा सकते हैं टैक्स.

​1- बच्चों की स्कूल/कॉलेज फीस

अगर आपके बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं तो आप उनकी स्कूल या कॉलेज की फीस पर सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक का डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं. यह फायदा पूरी स्कूल/कॉलेज फीस पर नहीं मिलता, बल्कि सिर्फ उसकी ट्यूशन फीस पर टैक्स छूट मिलती है. यह छूट भी अधिकतम दो बच्चों तक मिल सकती है.

2- हेल्थ इंश्योरेंस

जो फैमिली फ्लोटर स्कीम आप अपने और अपने जीवनसाथी के लिए लेंगे, उसी में बच्चा भी शामिल होगा. इन सभी पर सेक्शन डी के तहत 25 हजार रुपये तक के प्रीमियम पर टैक्स छूट मिलती है.

​3- बच्चों के नाम पर निवेश

अगर आप चाहे तो बच्चों के नाम पर निवेश भी कर सकते हैं. इसके लिए आप पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि खाता, म्यूचु्अल फंड्स खाता, ट्रेडिशनल इंश्योरेंस पॉलिसी की मदद ले सकते हैं. इसमें आप जो निवेश करेंगे, उस पर सेक्शन 80सी के तहत डिडक्शन मिलता है. 

4- बच्चों के लिए एजुकेशन लोन

जिस तरह आप पत्नी के लिए एजुकेशन लोन लेकर सेक्शन 80ई के तहत टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं. उसी तरह बच्चे की पढ़ाई के लिए एजुकेशन लोन लेकर सेक्शन 80ई के ही तहत टैक्स बचा सकते हैं. यह लोन आप खुद के लिए, पत्नी के लिए, बच्चे के लिए या फिर ऐसे स्टूडेंट के लिए ले सकते हैं, जिसके आप कानूनी अभिभावक हों.