What is Flexi account/ Sweep in facility: बैंकों के बचत खाते (Savings Accounts) पर मिलने वाला ब्‍याज हाल के कुछ सालों में लगातार घट रहा है. बड़े कॉमर्शियल बैंक जैसेकि SBI सेविंग्‍स अकाउंट पर कस्‍टमर्स को महज 2.70 फीसदी सालाना ब्‍याज दे रहे हैं. इसी तरह, PNB 2.90 फीसदी और HDFC बैंक व ICICI 3-3.50 फीसदी सालाना ब्‍याज दे रहे हैं. सेविंग्‍स अकाउंट चूंकि एक लिक्विड अकाउंट है, इसलिए इसमें डिपॉजिट रखना भी चाहिए. लेकिन, ब्‍याज दर और महंगाई दर को देखें तो आखिर में कस्‍टमर्स को नुकसान ही हो रहा है. ऐसे में कई बैंक अपने कस्‍टमर्स को सेविंग्‍स अकाउंट पर भी ज्‍यादा ब्‍याज कमाने का एक ऑप्‍शन देते हैं. इसे फ्लेक्‍सी अकाउंट या स्‍वीप इन फैसिलिटी कहा जाता है.  SBI, HDFC बैंक, ICICI बैंक, एक्सिस समेत ज्‍यादातर बैंकों में यह सुविधा मौजूद है. हर बैंक में अलग-अलग नाम से यह अकाउंट होता है. 

स्‍वीप इन फैसिलिटी: सेविंग्‍स अकाउंट और FD दोनों का ब्‍याज 

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बैंकों में सेविंग्‍स अकाउंट पर आपका डिपॉजिट कितना भी हो, उस पर सालाना ब्‍याज की रकम फिक्‍स रहती है. ऐसे में यह घाटे का सौदा होता है. बैंकों में यह सुविधा है कि आप सेविंग्‍स या करंट अकाउंट को फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट अकांट से लिंक कर देते हैं. इसमें एक सेविंग्‍स के लिए एक रकम फिक्‍स कर देते हैं. बैंक भी यह रकम तय कर सकते हैं कि सेविंग्‍स अकाउंट में कितनी लिमिट से ज्‍यादा डिपॉजिट एफडी में चला जाएगा. 

इसका मतलब कि कस्‍टमर का सेविंग्‍स अकाउंट डिपॉजिट लिमिट से ज्‍यादा हो जाने पर अतिरिक्‍त अमांउट को बैंक ऑटोमेटिकली FD में कन्‍वर्ट कर देते हैं और उस पर बैंक में FD के लिए तय ब्‍याज दर के हिसाब से ब्‍याज मिलता है. इसे ही स्‍वीप इन फैसिलिटी कहते हैं. इस सुविधा से कस्‍टमर को सेविंग्‍स अकाउंट पर तो ब्‍याज मिलता ही रहता है, साथ ही अतिरिक्‍त राशि पर FD का ब्‍याज भी कस्‍टमर को मिलने लगता है. इस तरह कस्‍टमर को डबल फायदा होता है.

फ्लैक्‍सी अकाउंट में इन बातों का रखें ख्‍याल 

बैंक में जब आप फ्लैक्‍सी अकाउंट का ऑप्‍शन चुनते हैं तो आपको बैलेंस रकम का जरूर ध्‍यान रखना चाहिए. सेविंग्‍स अकाउंट में डिपॉजिट लिमिट से ज्‍यादा रहने पर FD ऑटोमेटिकली चलती रहेगी. लेकिन सेविंग्‍स अकाउंट का बैलेंस लिमिट के अंदर आने पर सरप्‍लस अमाउंट की FD खत्‍म हो जाती है. इसे स्‍वीप आउट कहते हैं. आपको FD का ब्‍याज सरप्‍लस अमाउंट पर ही मिलता है और तब तक ही मिलता है, जब तक सेविंग्‍स अकाउंट बैलेंस लिमिट से ज्‍यादा रहता है.

स्‍वीप इन फैसिलिटी में FD के लिए भी एक तय डिपॉजिट लिमिट होती है. यानी उस FD में एक लिमिट से ज्‍यादा अमाउंट नहीं जा सकता. ऐसे में आपके पास स्‍वीप इन के तहत एक से ज्‍यादा FD का भी ऑप्‍शन रहता है. यानी सरप्‍लस अमाउंट बढ़ते जाने पर आप एक से ज्‍यादा FD रखकर ज्‍यादा ब्‍याज का फायदा ले सकते हैं.

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SBI, ICICI, HDFC बैंक दे रहे ऑप्‍शन 

अमूमन हर बड़े कॉमर्शियल बैंक में कस्‍टमर को यह सुविधा अलग-अलग नाम से मिलती है. कुछ बैंक नॉर्मल सेविंग्‍स अकाउंट को ही इस सुविधा से लिंक कर देते हैं लेकिन कुछ में इसके लिए अलग से सेविंग्‍स अकाउंट होते हैं. SBI कस्‍टमर्स को सेविंग्‍स प्‍लस अकाउंट के तहत ज्‍यादा ब्‍याज का लाभ लेने की सुविधा दे रहा है. HDFC में स्‍वीप इन फैसिलिटी, ICICI बैंक में मनी मल्‍टीप्‍लायर अकाउंट समेत कई बैंकों में यह सुविधा अलग-अलग नाम उपलब्‍ध है.