राष्ट्रीय पेंशन योजना (National Pension Scheme-NPS) भारत सरकार की ओर से शुरू की गई एक पेंशन स्‍कीम (Pension Scheme) है. ये मार्केट बेस्‍ड योजना है, जिसमें दो तरह से पैसा निवेश किया जाता है. पहला टियर-1 जोकि एक रिटायरमेंट अकाउंट होता है और दूसरा टियर-2 जोकि एक वॉलंटरी अकाउंट है. इसमें निवेश की गई कुल राशि का 60 फीसदी आप रिटायरमेंट के समय एकमुश्‍त ले सकते हैं, वहीं 40 फीसदी को एन्‍युटी के तौर पर इस्‍तेमाल किया जाता है. इसके जरिए आपको पेंशन मिलती है.

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पहले ये स्‍कीम सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू की गई थी, लेकिन साल 2009 के बाद से सरकार ने नेशनल पेंशन स्कीम को प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए भी शुरू कर दिया. लेकिन कई बार लोगों के मन में सवाल होता है कि अगर NPS अकाउंट होल्‍डर की किसी कारणवश मृत्‍यु हो जाए तो क्‍या उसके नॉमिनी को पेंशन का लाभ दिया जाता है? अगर नहीं तो इस स्थिति में पैसों को क्‍लेम करने का तरीका क्‍या है? यहां जानिए इसके बारे में.

जानिए क्‍या कहता है नियम

नियम के मुताबिक अगर अकाउंट होल्‍डर की मृत्‍यु हो जाती है तो 100% एनपीएस कॉर्पस का भुगतान नॉमिनी को किया जाता है. अगर नॉमिनी पेंशन लेने का इच्‍छुक है तो उसे इसके लिए एन्‍युटी खरीदने का विकल्‍प भी दिया जाता है. ऐसे में उसे एन्‍युटी सर्विस प्रोवाइडर (ASP) और डेथ विड्रॉल फॉर्म पर एन्‍युटी स्कीम को चुनना होगा.

अगर नहीं है कोई नॉमिनी

अगर किसी खाताधारक ने नॉमिनी बनाया ही नहीं है, तो इस स्थिति में उसके कानूनी उत्‍तराधिकारी या परिवार के सदस्‍य को जमा की हुई रकम दे दी जाती है. इसके लिए परिवार को उत्तराधिकार प्रमाण पत्र (Succession Certificate) दिखाना होगा. इस सर्टिफिकेट को राज्य के रेवेन्यू विभाग में जमा करना होता है, इसके बाद वेरिफिकेशन किया जाता है; वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद खाते में जमा राशि को परिवार को सौंप दिया जाता है.

कैसे क्‍लेम करें एनपीएस की राशि

नॉमिनी या उत्तराधिकारी को एनपीएस की राशि को क्‍लेम करने के लिए कुछ दस्‍तावेजों को डेथ विड्रॉल फॉर्म भरना होता है. ये फॉर्म www.npscra.nsdl.co.in की वेबसाइट से आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है. इस फॉर्म में सभी जरूरी कागजी कार्रवाई की एक सूची दी गई होती है, इस सूची में दिए गए दस्‍तावेजों को फॉर्म के साथ अटैच करना होता है. इसमें मृत्यु प्रमाण पत्र, कानूनी उत्तराधिकारी प्रमाणपत्र/उत्तराधिकार प्रमाणपत्र, केवाईसी दस्तावेज व बैंक खाता प्रमाण (नॉमिनी और कानूनी उत्तराधिकारी) आदि शामिल हैं.

फंड के लिए क्‍लेम करने वाले नॉमिनी या उत्‍तराधिकारी को पॉइंट ऑफ प्रेजेंस (POP) के पास सारे दस्‍तावेज जमा करने होते हैं. इसके बाद वेरिफिकेशन किया जाता है. वेरिफिकेशन के बाद निकासी की अर्जी को प्रोटियन सीआरए पर आगे बढ़ा दिया जाता है. इसके बाद लंप-सम अमाउंट दावेदार के खाते में भेज दिया जाता है. अगर नॉमिनी या उत्‍तराधिकारी ने एन्युटी का चयन किया है तो इसकी जानकारी उनके द्वारा चुने गए एन्युटी सर्विस प्रोवाइडर के साथ शेयर की जाएगी.