टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट (tax saving investment) को लेकर लोगों में अक्सर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिलती है. कुछ लोग इसे बेहतर भविष्य के लिए एक बढ़िया विकल्प मानते हैं, वहीं कुछ लोग कम रिटर्न होने के चलते या फिर इन्वेस्टमेंट से जुड़ी अन्य समस्याओं के चलते इनमें निवेश नहीं करते हैं. ऐसे में जरूरी है कि आपको टैक्स सेविंग से जुड़ी कुछ सामान्य बातों की जानकारी हो ताकि आप अपने लिए बेहतर प्लान का चुनाव कर पाएं.

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सैलरी और नॉन-सैलरी दोनों ही तरह टैक्सपेयर्स के लिए टैक्स सेविंग (tax saving) सीजन 1 अप्रैल से शुरू होता है. एक समझदार निवेशक होने के नाते, आपको ऐसे इन्वेस्टमेंट में निवेश करना चाहिए जो आपको एक टैक्स फ्री इनकम दे सके. 

ऐसे प्लान करें टैक्स सेविंग प्लान

लोग अक्सर इन्वेस्टमेंट को बाद के लिए टाल देते हैं, जबकि समझदारी ये है की आप वित्तीय वर्ष शुरू होने शुरुआती महीनों में ही इन्वेस्टमेंट प्लान शुरू कर दें. इसका फायदा ये होगा कि आपको बेहतर रिटर्न वाले प्लान को समझने और निवेश करने का मौका मिलेगा. निवेश करने से पहले इन बातों का ध्यान रखें

1. जरूरी है कि पहले पुराने इन्वेस्टमेंट, जैसे कि इंश्योरेंस प्रीमियम, EPF खाते में आपका योगदान, बच्चों की पढ़ाई, होम लोन के रीपेमेंट आदि खर्च को ध्यान में रखा जाए. ये सोच कर ही नए प्लान कमिटमेंट करें.

2. अगर आपका टैक्स सेविंग (tax saving) खर्च 1.5 लाख की लिमिट कवर करता है, तो आपको सारे अमाउंट को इन्वेस्ट करने की जरूरत नहीं है.

3. अपने रिस्क प्रोफाइल को ध्यान में रखते हुए आप कुछ टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट जैसे कि PPF, ELSS funds, Bank FDs and NPS आदि में निवेश कर सकते हैं.

 

बेहतर रिटर्न और लॉक इन पीरियड को ध्यान में रखते हुए आप टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट शुरू कर सकते हैं.