फाइनेंशियल गोल (Financial Goal) को हासिल करने के लिए जरूरी है कि आप सही फाइनेंशियल प्लानिंग करें और फाइनेंशियल प्लानिंग करने के लिए जरूरी है कि आपको प्लानिंग करनी आनी चाहिए. बेहतर फाइनेंशियल प्लानिंग करने के लिए आपको निवेश के गुर सीखने होंगे. 'जी बिजनेस' के खास शो 'मनी गुरु' में हम फौजी इनिशिएटिव के CEO रिटायर्ड कर्नल संजीव गोविला के मुताबिक सही फाइनेंशियल प्‍लानिंग के लिए अगर आप खुद ही प्रयास करते हैं तो आपके फाइनेंशियल गोल जल्‍द पूरे हो सकते हैं. इसके लिए बस आपको फाइनेंशियल प्‍लानिंग के गुर सीखने होंगे. 

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लक्ष्य तय करें

> फाइनेंशियल प्लानिंग की पहली सीढ़ी है लक्ष्य

> कोई भी निवेश बिना लक्ष्य के नहीं करना चाहिए

> लक्ष्य छोटी अवधि और लंबी अवधि के हो सकते हैं

> लक्ष्यों की अवधि के मुताबिक ही निवेश का चुनाव करें

किन लक्ष्यों के लिए प्लानिंग?

> फाइनेंशियल प्लानिंग लक्ष्यों के मुताबिक ही बेहतर

> बच्चों की पढ़ाई और शादी के लिए प्लानिंग करें

> खुद का घर खरीदने, फर्निशिंग का लक्ष्य भी

> विदेश में छुट्टी मनाना भी आपका लक्ष्य हो सकता है

> नई कार/बाइक खरीदना समेत छोटे-छोटे लक्ष्य संभव  

महंगाई की गणना करें

लक्ष्यों के लिए प्लानिंग के वक्त महंगाई भी आंकें

> आज 100 रुपए की जो वैल्यू वह कुछ साल बाद कम होगी

> भविष्य के लिए प्लानिंग में महंगाई की गणना भी करें

> महंगाई बढ़ती है तो आपके खर्चें भी डबल हो जाते हैं

> प्लानिंग आज करें कल के खर्च को ध्यान में रखकर

निवेश जल्द शुरू करें

> निवेश शुरू करने का सही वक्त आज और अभी है

> जितना जल्दी निवेश शुरू करेंगे, उतना ज्यादा फायदा

> जल्दी शुरुआत से बड़े लक्ष्य आसानी से हासिल होंगे

> छोटी-छोटी रकम से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं

> लंबी अवधि में छोटे-छोटे निवेश बड़ा कॉर्पस बनता है

> 25 साल की उम्र में इक्विटी में 5000 रुपए/महीने का निवेश शुरू किया

> आपका यह निवेश 10 साल में 11.6 लाख रुपए हो जाएगा

> 20 साल में आपके पास 50 लाख रुपए होंगे

> 35 साल बाद आपके पास 3.25 करोड़ रुपए होंगे

> ऐसे में 60 की उम्र में अगर रिटायर होते हैं

> आपके पास रिटायरमेंट के लिए अच्छा कॉर्पस होगा

सही जगह निवेश करें

> सिर्फ निवेश करना नहीं, सही जगह निवेश करना भी अहम है

> छोटी अवधि के लक्ष्यों के लिए इक्विटी निवेश सही नहीं

> छोटी अवधि में इक्विटी में उतार-चढ़ाव ज्यादा होता है

> इसी तरह लंबी अवधि के लक्ष्यों के लिए डेट नहीं चुन सकते

> डेट फंड से लक्ष्यों के लिए जरूरी फंड बना पाना मुश्किल होगा  

> आपके जैसे लक्ष्य हैं, वैसे निवेश करना बेहतर होता है

निवेश और जोखिम

> जहां ज्यादा जोखिम होगा, वहां मुनाफा भी ज्यादा

> जहां सुरक्षा ज्यादा, वहां मुनाफा होगा कम

> वित्तीय लक्ष्यों के लिए थोड़ा जोखिम भी जरूरी

> छोटी अवधि के लक्ष्यों के लिए सुरक्षित निवेश

> लंबी अवधि के लिए ज्यादा जोखिम सही रणनीति

> सुरक्षित निवेश के साथ जोखिम का मिश्रण सही

इंश्योरेंस और निवेश

> इंश्योरेंस निवेश नहीं बल्कि सुरक्षा का साधन है

> खुद के लिए इंश्योरेंस लेना एक अच्छा कदम

> निवेश और इंश्योरेंस को अलग-अलग रखें

> इंश्योरेंस के तौर पर टर्म प्लान सबसे बेहतर

> गैर-जरूरी इंश्योरेंस को पोर्टफोलियो से हटाएं

गलतियों से बचें?

> फाइनेंशियल प्लानिंग में कुछ गलतियों से बचना अहम

> गैर-जरूरी खर्च पर लगाम लगाकर निवेश करना बेहतर

> बड़ी रकम सेविंग्स अकाउंट और बैंक FD में रखने से बचें

> MF निवेश दे सकता है सेविंग्स अकाउंट से बेहतर रिटर्न

> शेयर बाजार की समझ नहीं तो निवेश करने से बचें

> बाजार की अच्छी समझ होने के बाद ही निवेश करना है बेहतर

> लोगों की मुफ्त सलाह के आधार पर वित्तीय फैसले न लें

> सबकी जरूरत और लक्ष्य अलग-अलग होते हैं

> ऐसे में उनका निवेश भी अलग ही होना चाहिए

वसीयत बनाएं

> आपके न होने पर आपकी संपत्ति किसे मिलेगी?

> वसीयत के जरिये आप तय कर सकते हैं

> स्पष्ट और अच्छी तरह से लिखी वसीयत बनाएं  

> वसीयत व्यक्ति के वारिसों में झगड़ा होने से बचाती है

> अन्य कई चीजें भी वसीयत से साफ होती हैं