अमीर बनने की चाह किसे नहीं होती. रातों-रात करोड़पति बनने के चक्कर में कई लोग गलत जगह निवेश कर बैठते हैं. सही निवेश की रणनीति और सही जगह निवेश से आप पा सकते हैं बंपर मुनाफा. आज आपको Groww के को-फाउंडर और सीओओ हरीश जैन ऐसे 10 ऑपशन के बारे में यहां बताएंगे, जहां धैर्य और अनुशासन के साथ निवेश कर आप भी करोड़पति बन सकते हैं. 

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1. स्टॉक मार्केट

शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन

शेयर चुनने से पहले कंपनी के बिजनेस के बारे में जानकारी लें

साथ ही शेयरों का वैल्युएशन भी देखनी चाहिए

निवेशक अच्छे फंडामेंटल्स वाली कंपनियों में पैसा लगाएं

नए निवेशक छोटे निवेश से शुरुआत करें

एक ही सेक्टर की ज्यादा कंपनियों में भी पैसा न लगाएं

स्टॉक मार्केट किसके लिए

शेयर बाजार निवेश के खिलाड़ियों के लिए

शेयर मार्केट कमजोर दिल वालों के लिए नहीं

बाजार में उतार-चढ़ाव से न घबराएं

बैंक एकाउंट, डीमैट एकाउंट, ट्रेडिंग एकाउंट बनाएं

ज्यादा रिटर्न के लिए हाई रिस्क वाले शेयर खरीदें

अग्रेसिव नीति से 22-33% रिटर्न संभव

2. म्यूचुअल फंड

नियमित निवेश से बन सकते हैं करोड़पति

निवेशक 12-28% तक रि़टर्न पा सकते हैं

म्यूचुअल फंड में आप SIP शुरू कर सकते हैं

एकमुश्त निवेश भी म्यूचुअल फंड में संभव है

SIP यानि सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान

साप्ताहिक, मासिक, तिमाही स्तर पर निवेश

डेट, इक्विटी में से चुनने का होता है विकल्प

बैंक FD,RD की तरह तय रिटर्न नहीं मिलता

 

डेट म्यूचुअल फंड

डेट म्यूचुअल फंड ट्रेजरी बिल, सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं

कमर्शियल पेपर, मनी मार्केट और बॉन्ड्स में भी निवेश होता है

डेट म्यूचुअल फंड्स में बैंक FD के मुकाबले बेहतर रिटर्न

इक्विटी म्यूचुअल फंड के मुकाबले डेट में जोखिम कम होता है

डेट फंड्स में इंटरेस्ट रेट बॉन्ड प्राइस पर निर्भर करता है

बॉन्ड के प्राइस घटते हैं तो डेट इंस्ट्रूमेंट पर इंटरेस्ट रेट बढ़ेंगे

अगर बॉन्ड के प्राइस बढ़ते हैं तो इंटरेस्ट रेट घटते हैं

डेट फंड किसके लिए?

छोटी अवधि के लक्ष्य के लिए डेट फंड में निवेश बेहतर

डेट फंड में ओवरनाइट फंड, लिक्विड फंड भी शामिल

लक्ष्य अगर 1 से 5 साल के लिए तो डेट फंड चुनना अच्छा

इक्विटी म्यूचुअल फंड के मुकाबले कम रिटर्न-कम जोखिम

इक्विटी म्यूचुअल फंड

इक्विटी म्यूचुअल फंड कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं

इक्विटी में ज्यादा जोखिम के साथ ज्यादा रिटर्न मिलता है

शेयरों का प्रदर्शन अगर अच्छा रहा तो ज्यादा रिटर्न मिलेगा

कंपनी के शेयरों में गिरावट है तो आपका रिटर्न कम होगा

इक्विटी फंड किसके लिए?

छोटी अवधि में इक्विटी स्कीम जोखिम भरी हो सकती हैं

लंबी अवधि में इक्विटी से अच्छे रिटर्न मिलने की उम्मीद

लंबी अवधि के लक्ष्यों के लिए इक्विटी MF में निवेश सही

7 से 10 साल, उससे ज्यादा वक्त के लक्ष्यों के लिए बेहतर

ELSS

ELSS यानि इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम

ELSS एक डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड है

कम से कम 80% निवेश इक्विटी फंड में होता है

80C के तहत टैक्स छूट भी मिलती है

स्कीम में 3 साल का लॉक-इन पीरियड है

ELSS के फायदे

पारंपरिक इंस्ट्रूमेंट के मुकाबले ज्यादा रिटर्न

निवेश के लिए कई कंपनियों के विकल्प हैं

घर बैठे एजेंट की मदद से कर सकते हैं निवेश

सिर्फ `500 प्रति माह से कर सकते हैं शुरुआत

अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं होती है

3. पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (POMIS)

POMIS में मासिक आधार पर इंटरेस्ट भुगतान की सुविधा

पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम कोई भी खोल सकता है

अधिकतम `4.5 लाख की रकम का निवेश

यह पांच साल की अवधि के लिए होता है

इंटरेस्ट की रकम हर महीने सेविंग अकाउंट में ऑटो क्रेडिट

इसे 2-3 लोग निवेश के बराबर हिस्से के साथ खोल सकते हैं

4. NPS

NPS एक पेंशन योजना है

रिटायरमेंट के बाद मिलती है पेंशन

60% रकम एक मुश्त निकालने का विकल्प

40% रकम से एन्युटी प्लान खरीदना होता है

स्कीम EEE कैटेगरी के तहत आती है

इसमें `50,000 की अतिरिक्त टैक्स छूट

80CCD(1b) के तहत मिलती है अतिरिक्त टैक्स छूट

NPS की गणित

आपने खाते में 60 साल तक `10 लाख जमा किए

10 लाख में 6 लाख एक मुश्त निकाल सकते हैं

4 लाख की रकम से एन्युटी प्लान खरीदना जरूरी

आपके खाते में 10 लाख रुपए हैं

उस समय एन्युटी की ब्याज दर 6% है

बीमा कंपनी से आपको हर साल 60,000 मिलेंगे

आप इसे मंथली पेंशन के रूप में भी ले सकते हैं

मंथली पेंशन में हर महीने 5,000 मिलेंगे

यहां पर उम्र की कोई सीमा नहीं है

निवेशक के जीवित रहने तक पेंशन मिलेगी

5. PPF

निवेश करने पर मिलती है टैक्स में छूट

हर साल 1.5 लाख का टैक्स बेनिफिट

80C के तहत मिलती है टैक्स में छूट

मेच्योरिटी की रकम पर कोई टैक्स नहीं

स्कीम EEE कैटेगरी के तहत आती है

बैंक या पोस्ट ऑफिस में खाता खोल सकते हैं

PPF खाते पर ब्याज दर 7.9%

PPF खाते की मैच्योरिटी कब?

एक वित्त वर्ष में कम से कम `500

1.5 लाख से अधिक जमा नहीं कर सकते

1 साल में अधिकतम 12 बार जमा कर सकते हैं

हर बार एक सामान राशि जमा करने की ज़रुरत नहीं

बच्चों के लिए भी PPF खाता खोल सकते हैं

खाता खोलने के 15 साल बाद मैच्योरिटी

मैच्योरिटी पर मिलते हैं 3 विकल्प

मैच्योरिटी पर खाता बंद करने का विकल्प

बिना योगदान 5 साल के लिए खाता बढ़ाने का विकल्प

योगदान के साथ 5 साल के लिए खाता बढ़ाने का विकल्प

6. फिक्स्ड डिपॉजिट (FD)

फिक्स्ड डिपॉजिट मासिक आय योजनाएं में सबसे प्रचलित

स्कीम और बैंकों के आधार पर, FD MIS की अवधि 10 वर्ष तक

गारंटी रिटर्न का अच्छा जरिया

FD पर मिले ब्याज पर लगता है टैक्स

प्री-मैच्योर विड्रॉल पर पेनल्टी

सीनियर सिटीजन के लिए ज्यादा ब्याज

ब्याज दर- 4.50-9%

FD किसके लिए?

निवेश में आप जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं

कुछ सालों तक आपको पैसे की जरूरत नहीं

आप ब्याज से आय कमाना चाहते हैं

ऐसे में FD आपके लिए अच्छा विकल्प

7. SCSS

SCSS: सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम

नियमित इंटरेस्ट इनकम के लिए इस स्कीम में निवेश कर सकते है

स्कीम 60 साल या उससे अधिक आयु के लोगों के लिए

80C के तहत `1.50 लाख तक के निवेश पर टैक्स छूट

प्री-मैच्योर विड्रॉल पर पेनल्टी

`1000-`15 लाख का निवेश संभव

ब्याज दर- सालाना 8.60%

8. रिजर्व बैंक बॉन्ड

RBI बॉन्ड टैक्सेबल है

बॉन्ड में 7.75 फीसदी का ब्याज मिल रहा है

बॉन्ड्स की ट्रेडिंग सेकेन्ड्री मार्केट में नहीं कर सकते

इन बॉन्ड्स की मैच्योरिटी 7 साल है

7 साल से पहले इनसे बाहर नहीं निकल सकते हैं

सिर्फ सीनियर सिटीजन 5,6 साल के बाद इस स्कीम से बाहर निकल सकते हैं

9. रियल एस्टेट

नियमित कमाई के लिए रियल एस्टेट में निवेश

रेंटल इनकम से हो सकती है कमाई

कुछ वक्त बाद बेचने पर मिलेगी अच्छी रकम

रहने के अलावा खरीदी गई प्रॉपर्टी निवेश मानी जाती है

10. गोल्ड

सोना आप किस रूप में खरीद रहे हैं? इस पर सुरक्षा निर्भर

सोने के गहने/क्वॉइन के लिए सुरक्षा का इंतजाम जरूरी है

गोल्ड बॉन्ड्स, गोल्ड ETF जैसे विकल्प ज्यादा सुरक्षित

पेपर फॉर्म गोल्ड में प्रबंधन का खर्च भी बहुत कम है

लंबी अवधि के लक्ष्यों के लिए पेपर गोल्ड खरीदना सही

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गोल्ड- कब निवेश सही?

बाजार में ज्यादा उतार-चढ़ाव, निवेश का सही समय

गोल्ड फंड को हेज फंड की तरह इस्तेमाल करें

पोर्टफोलियो में गोल्ड 5-10% से ज्यादा न रखें

इक्विटी के मुकाबले गोल्ड में निवेश में जोखिम कम

पोर्टफोलियो में गोल्ड फंड्स को शामिल करना चाहिए

पोर्टफोलियो के डायवर्सिफिकेशन से मिलता है फायदा.