Home Loan: महंगाई के दौर में अगर कुछ पहले से सस्ता मिल रहा है, तो उसे ले लेना चाहिए. मौजूदा समय में होम लोन पहले के मुकाबले काफी सस्ती दरों पर दिए जा रहे है और होम लोन के जरिए घर खरीदना थोड़ा आसान भी हो जाता है. ऐसे में होम लोन से संबंधित सभी फीचर्स के बारे में पहले से जानकारी रखना जरूरी है. कई लोगों के मन में सवाल आता है कि होम लोन के लिए फ्लोटिंग रेट सही है या फिक्स्ड. दोनों ही विकल्पों के अपने फायदे और नुकसान हैं, ऐसे में पहले इन दोनों का अंतर जानना जरूरी है. आज हम आपको इन दोनों में अंतर बताएंगे. 

क्या है फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट?

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जैसा कि नाम से ही समझ आ रहा है, फिक्स्ड रेट (Fixed Rate) यानी ऐसी ब्याज दर जो बाजार की स्थिति पर आधारित नहीं होती या जिस पर बाजार की चाल का कोई असर नहीं पड़ता है. जब आप फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट को चुनते हैं तो आसानी से अपनी EMI का हिसाब-किताब लगा सकते हैं. 

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वहीं अगर आपको लगता है कि समय के साथ ब्याज दरों में बदलाव होगा, तो आप फ्लोटिंग रेट का चुनाव कर सकते हैं. ब्याज दरों के कम होने से आपके लोन पर लागू ब्याज दर भी गिर जाएगी और आपका होम लोन सस्ता हो जाएगा.