कोरोना वायरस महामारी (Covid-19 Pandemic) ने लोगों को फिर से हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) के बारे में नए सिरे से सोचने पर मजबूर कर दिया है. खासतौर पर सीनियर सिटीजंस  के लिए हेल्थ इंशोयरेंस बहुत जरूरी है.  ऊपर से मेडिकल से जुड़े खर्च आजकल लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. इसलिए हर किसी के पास एक हेल्थ कवर जरूर होना चाहिए.

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बाजार में ढेर सारे हेल्थ पॉलिसी के प्लान हैं. सभी कंपनियां अपनी-अपनी पॉलिसी को एकदूसरे से बेहतर होने का दावा करती हैं. लेकिन कोई भी प्लान खरीदने से पहले कुछ ऐसी खास बातें हैं जिसको पहले ही समझ लेना चाहिए. अगर बाद में अच्छे से पड़ताल किए बिना पॉलिसी खरीदेंगे तो मौके पर परेशान हो सकते हैं. अगर किसी वजह से आप बीमार पड़ते हैं या फिर किसी दुर्घटना में घायल होते हैं तो हेल्थ इंश्योरेंस कवर आपको आर्थिक तौर पर इंस्टेंट राहत देता है.

हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इनके बारे में जानते हैं-

हेल्थ इंश्योरेंस लेने से पहले ये जानना जरूरी है कि पॉलिसी में मौजूदा बीमारी कवर हो रही है या नहीं. कुछ कंपनियां तो अपनी पॉलिसीज में बीमाधारक की मौजूदा बीमारी को कवर करती है और कुछ नहीं करती. हमेशा उस इंश्योरेंस पॉलिसी का चुनाव करना अच्छा होता है, जो ग्राहक की मौजूदा बीमारी को कवर करती हो, साथ ही जिसमें कम वेटिंग पीरियड हो.

अगर आप किसी कंपनी की मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसी खरीद रहे हैं तो उसकी दूसरी कंपनियों की पॉलिसी से तुलना जरूर करें. पॉलिसी की तुलना करने के लिए आप या तो इंटरनेट की मदद ले सकते हैं या फिर किसी इंश्योरेंस एडवाइजर की.

हमेशा गंभीर बीमारी, पहले से मौजूद बीमारी और एक्सीडेंट के मामले में कंपनी की देनदारी क्या होगी, इन्हें समझने के बाद ही पॉलिसी खरीदें.

अगर आप शुरुआती उम्र में ही मेडिकल पॉलिसी ले लेते हैं तो आपको कम प्रीमियम चुकाना होता है. अगर आप 40 साल की उम्र से पहले कवर लेते हैं तो आपको बिना शर्त के अधिकतम फायदा मिल सकता है. समय से पॉलिसी रिन्यू कराने पर बोनस और दूसरे फायदे भी मिलते हैं.

जब आप पॉलिसी खरीद रहे हों तो पहले से हुई बीमारी की जानकारी कंपनी को देने से न हिचकें. भले ही प्रीमियम थोड़ा ज्यादा देना पड़े, लेकिन इसे छुपाने पर आपका ही नुकसान हो सकता है. गलत जानकारी देने पर कंपनी आपको क्लेम देने से मना कर सकती है. इससे आपकी परेशानी और ज्यादा बढ़ सकती है.

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अगर आपने कोई क्रिटिकल इलनेस प्लान लिया है जिसमें लंबी समय तक इलाज की जरूरत है तो ऐसे में क्लेम करने का मतलब है कि आपका प्रीमियम लगातार बढ़ता जाएगा. नई पॉलिसी लेने के इस जाल में न फंसें. ऐसी स्थिति में वह पॉलिसी लें जिसे जीवन में किसी भी समय रिन्यू कराया जा सकता है.