CGST and excise duty on tobacco: कर्नाटक हाई कोर्ट ने कहा है कि तम्बाकू (tobacco) और तम्बाकू से बने प्रोडक्ट्स (tobacco products) पर केंद्र सरकार केंद्रीय माल एवं सेवा कर (CGST) और एक्साइज ड्यूटी (excise duty) लगा सकती है. अदालत ने टैक्स लगाने को चुनौती देने वाली तम्बाकू प्रोड्यूशरों की याचिकाएं खारिज कर दीं. भाषा की खबर के मुताबिक, न्यायमूर्ति एमआई अरुण ने हाल में एक फैसले में कहा कि तम्बाकू और तम्बाकू उत्पादों पर एक्साइज ड्यूटी लगाना सरकारी नीति का विषय है और इस मामले में अदालत हस्तक्षेप नहीं करेगी.

एक याचिका की सुनवाई में कोर्ट ने किया स्पष्ट

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खबर के मुताबिक, सीजीएसटी तम्बाकू और तम्बाकू उत्पादों पर उत्पाद शुल्क (CGST and excise duty on tobacco and tobacco products) लगाने पर विचार करता है,इसके अलावा उन पर सीजीएसटी के प्रावधानों के तहत टैक्स लगाया जाता है. हाई कोर्ट (Karnataka High Court) की धारवाड़ पीठ केंद्रीय वित्त मंत्रालय और सीजीएसटी और केंद्रीय उत्पाद शुल्क के संयुक्त आयुक्त के आदेश के खिलाफ तम्बाकू उत्पादकों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी.

सीजीएसटी कानून, 2017 के तहत है व्यवस्था

संयुक्त आयुक्त ने 25 मार्च 2021 को बेलागावी क्षेत्र में बनने और बिकने वाले तम्बाकू उत्पादों पर एक्साइज ड्यूटी (excise duty) और राष्ट्रीय आपदा आकस्मिक शुल्क (NCCD) लगाने का आदेश जारी किया था. जीएसटी आने से पहले तक तम्बाकू उत्पादों पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क कानून के तहत कर लगाया जाता था. 

अदालत (Karnataka High Court) ने कहा कि केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम भले खत्म कर दिया गया है लेकिन तम्बाकू और तम्बाकू उत्पादों पर सीजीएसटी कानून, 2017 के प्रावधानों के तहत टैक्स लगाने के अलावा उत्पाद शुल्क भी लगाया जा सकता है.