तेल की ऊंची कीमतों के बीच बिहार के उपमुख्‍यमंत्री और जीएसटी पर मंत्रीसमूह के चेयरपर्सन सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि पेट्रो उत्‍पादों पर जीएसटी की दरें तय की जा चुकी हैं. बस, तारीख का ऐलान बाकी है जब से यह लागू होगा. उन्‍होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल की बैठक 28 सितंबर को होगी लेकिन इसमें पेट्रोल को जीएसटी दायरे में लाने पर कोई चर्चा नहीं होगी. यह सरकार को तय करना है कि वह कब से पेट्रोल-डीजल पर जीएसटी दरें लागू करती है.

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पेट्रोल-डीजल सस्‍ता होने की बात सिर्फ एक भ्रम

मोदी ने कहा कि राज्‍यों और केंद्र सरकार का फोकस अभी राजस्‍व बढ़ाने पर है. पेट्रोल-डीजल पर जीएसटी लागू करने की तारीख बाद में तय होगी. मोदी ने कहा कि लोगों को यह भ्रम है कि जीएसटी दायरे में आने से पेट्रोल-डीजल सस्‍ता हो जाएगा. लेकिन ऐसा कुछ नहीं होने जा रहा, क्‍योंकि इसके जीएसटी में आने के बाद भी केंद्र या राज्‍य सरकारें क्‍या कर लगाएंगी, यह तय नहीं है. मौजूदा कर व्‍यवस्‍था में जीएसटी के साथ अन्‍य कर लगाने का भी प्रावधान है. ऐसा वैश्विक स्‍तर पर हो रहा है. तमाम देश जीएसटी के साथ अतिरिक्‍त कर भी लगा रहे हैं. अभी राज्‍य और केंद्र मिलकर पेट्रोल-डीजल पर 50% टैक्‍स लगाते हैं.

छोटे व्‍यापारियों के लिए अलग सॉफ्टवेयर आएगा

टाइम्‍स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक मोदी ने मंत्रीसमूह की 10वीं बैठक के बाद बताया कि 18 कंपनियों को छोटे व्‍यापारियों के लिए एकीकृत अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर का विकास करने के लिए चुना गया है. इस सॉफ्टवेयर के जरिए छोटे व्‍यापारी जीएसटी रिटर्न आसानी से भर पाएंगे. काउंसिल ने ई-कॉमर्स कंपनियों को अब जीएसटी के तहत आपूर्तिकताओं को किये गये किसी भी भुगतान पर एक प्रतिशत टीसीएस लेने की जरूरत होगी. राज्य भी स्टेट जीएसटी (एसजीएसटी) कानून के तहत एक प्रतिशत टीसीएस लगा सकते हैं.  

रिटर्न भरने की प्रक्रिया होगी आसान

जीएसटी काउंसिल रिटर्न की फाइलिंग आसान करने के लिए नया फॉर्म लॉन्‍च करेगी. मोदी ने बताया कि सॉफ्टवेयर वेंडर इंफोसिस को नया फॉर्म डिजाइन करने के लिए कहा गया है. इसका प्रस्‍ताव काफी पहले किया गया था. फॉर्म 4 से 6 महीने में बनकर आ जाएगा. इससे नेटवर्क के जरिए अप्रत्‍यक्ष्‍ा कर चुकाने वाले व्‍यापारियों को सहूलियत होगी.