GST: रिफंड मिलना होगा आसान, अगस्त से नई व्यवस्था लागू करेगी मोदी सरकार
अगस्त से लागू हो रही नई व्यवस्था के तहत अब कारोबारियों को रिफंड मिलना आसान हो जाएगा. अब ये नई प्रोसेस कारोबारियों के लिए कितनी फायदेमंद होगी?
माल एवं सेवा कर के तहत रिफंड क्लेम करने में कारोबारियों को आ रही दिक्कत को कम करने के लिए सरकार ने एक नई पहल की है. अगस्त से लागू हो रही नई व्यवस्था के तहत अब कारोबारियों को रिफंड मिलना आसान हो जाएगा. अब ये नई प्रोसेस कारोबारियों के लिए कितनी फायदेमंद होगी? इससे कारोबारियों के लिए रिफंड पाना आसान होगा या नहीं? और फिर मोदी सरकार के 5 साल में कितना बदलेगा GST? GST एक्सपर्ट संजीव मल्होत्रा ने इन सभी सवालों के जवाब दिए.
GST लेन-देन कैसे होता है?
- GST लेन-देन में 3 चीजें शामिल होती हैं.
- CGST, SGST और IGST
- CGST: केंद्रीय वस्तु और सेवा कर
- SGST: राज्य वस्तु और सेवा कर
- IGST: एकीकृत वस्तु और सेवा कर
- CGST और IGST केंद्र सरकार के अधीन आता है.
- SGST का जिम्मा राज्य सरकार के पास रहता है.
मौजूदा रिफंड प्रक्रिया
- करदाता राज्य के क्षेत्राधिकारी के पास जाता है.
- क्षेत्राधिकारी के पास रिफंड क्लेम करता है.
- अधिकारी पूरे रिफंड में से 50% रकम देता है.
- बची राशि जांच पड़ताल के बाद जारी करता है.
- रिफंड क्लेम केंद्रीय कर अधिकारियों को भेजता है.
- स्वीकृति के बाद बची राशि करदाता को मिलती है.
- CGST में भी रिफंड की प्रक्रिया ऐसी ही है.
मौजूदा प्रक्रिया में खामियां
- कारोबारियों को दो जगह क्लेम करना पड़ता है.
- इस प्रक्रिया से रिफंड मिलने में समय लगता है.
- निर्यातकों के लिए नकदी का संकट हो जाता है.
- इससे कारोबारियों का कारोबार प्रभावित होता है.
कारोबार पर असर
- रिफंड क्लेम में करदाता का पैसा फंसा होता है.
- पूंजी कारोबार की रोजमरा की जरूरतों के लिए है.
- इस पूंजी के मिलने में जितनी ज्यादा देर होगी.
- रोजमरा का कारोबार उतना ज्यादा प्रभावित होगा.
- इससे कारोबार ठप पड़ने की आशंका भी रहती है.
अभी किसको मिलता है जल्दी रिफंड?
- मौजूदा वक्त में स्वत: रिफंड की सुविधा कुछ को ही मिलती है.
- निर्यात के वक्त एकीकृत वस्तु और सेवा कर का भुगतान किया.
- GST नेटवर्क प्रणाली का सीमा शुल्क के साथ एकीकरण है.
- ऐसे निर्यातकों को रिफंड एक पखवाड़े के भीतर मिल जाता है.
- इन निर्यातकों का रिफंड सीधे इनके बैंक खाते में आता है.
क्या है नई प्रक्रिया?
- नई व्यवस्था से रिफंड लेना काफी आसान होगा.
- एक ही अथॉरिटी रिफंड प्रोसेस करेगी, मंजूरी देगी.
- अगर राज्य स्तर पर रिफंड की एप्लिकेशन आती है.
- ऐसे में अधिकारी राज्य के हिस्से का रिफंड देगा.
- इसके साथ ही केंद्र के हिस्से का रिफंड भी दे देगा.
- अगस्त से लागू होगी ये नई व्यवस्था.
नई प्रक्रिया के फायदे
- मौजूदा प्रक्रिया में 50% रिफंड पहले मिलता है.
- 50% रिफंड के लिए इंतजार करना पड़ता है.
- नई प्रक्रिया में ये इंतजार खत्म हो जाएगा.
- रिफंड क्लेम पहले के मुकाबले जल्दी मिलेगा.
- इससे कारोबार में तेजी बनी रहेगी.
इंटरनेशनल फर्म के लिए प्रक्रिया
- अंतरराष्ट्रीय कंपनियों/संस्थानों के लिए व्यवस्था में बदलाव नहीं.
- इनके लिए पहले से ही रिफंड की एकीकृत व्यवस्था लागू है.
- बाजार से जो सामान लेते हैं, उस पर जीएसटी चुकाते हैं.
- इस सामान पर ये बाद में रिफंड क्लेम करते हैं.
- यह रिफंड इन्हें केंद्रीय जीएसटी अधिकारी जारी करता है.
- बाद में इसे राज्य कर विभाग से समायोजित करता है.
- अब यही सुविधा सभी करदाताओं को दी जा रही है.