इनकम टैक्स (Income Tax) के बाद अब GST में भी डॉक्युमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर (DIN) का इस्‍तेमाल होगा. इससे GST टैक्‍सपेयर का हित सुरक्षित रहेगा. सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्‍साइज एंड कस्‍टम (CBEC) इसका इस्‍तेमाल शुरू करने वाला है.

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आपको बता दें कि इसे पहले इनकम टैक्‍स विभाग ने यह मुहिम शुरू की थी. इसमें इनकम नोटिस का जवाब देने के लिए टैक्‍स पेयर को इनकम टैक्स ऑफिस (IT Office) जाने की दिक्‍कत खत्‍म हो गई.

CBEC के आदेश के मुताबिक DIN का इस्‍तेमाल उन GST केस में होगा, जिनकी इन्‍क्‍वायरी चल रही है और उनमें अरेस्‍ट और सर्च वारंट जारी हो चुका है. बोर्ड के मुताबिक 8 नवंबर के बाद जो भी कागज जारी होगा उस पर DIN दर्ज होगा.

8 अक्‍टूबर को शुरू हुई योजना

फाइनेंशियल एक्‍सप्रेस की खबर के मुताबिक यह पहल फाइनेंस मिनिस्‍ट्री की है. सरकार ने पहले करदाता को राहत देते हुए नेशनल ई असेसमेंट सिस्टम (E-assessment Scheme) शुरू किया. इससे करदाता अब घर बैठे ही इनकम नोटिस का जवाब दे सकता है. ई-असेसमेंट स्कीम 8 अक्टूबर को दशहरे के मौके पर शुरू हुई थी.

क्‍या है ई असेसमेंट

ई असेसमेंट सिस्टम (E-assessment Scheme) शुरू होने के बाद अब किसी भी करदाता (Tax Payers) को इनकम टैक्स ऑफिस में व्यक्तिगत तौर पेश नहीं होना पडेगा. 

डॉक्यूमेंटेशन ID नंबर जरूरी

ई-असेसमेंट के लिए सभी कम्युनिकेशंस और नोटिस में डॉक्युमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर (DIN) मौजूद होगा. इन नंबर के आधार पर कागजातों को देखकर ये पता चल पाएगा कि उन्हें किसने जारी किया है. इससे हर कम्युनिकेशन का एक रिकॉर्ड दर्ज होगा. इसके बिना किसी भी तरह का कम्युनिकेशन गलत माना जाएगा.