Good News for NPS subscribers: अगर आप अपने रिटायरमेंट फंड (Retirement Fund) और पेंशन के लिए NPS में निवेश करते है तो आपके लिए अच्छी खबर है. क्योंकि अब निवेश पर लोगों को ज्यादा रिटर्न मिलेगा. नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System) को रेगुलेट करने वाली बॉडी PFRDA इक्विटी निवेश से जुड़ी नई गाइडलाइंस लेकर आ रही है. निवेश की नई गाइडलाइंस के बाद पेंशन फंड मैनेजर्स कंपनियों के IPO, FPO और ऑफर फोर सेल में निवेश कर पाएंगे. इसके अलावा पेंशन फंड्स का निवेश का भी दायरा बढ़ जाएगा. अब फंड मैनेजर्स BSE 200, NSE 200 के कंपनियों में निवेश कर पाएगी. नए नियमों के बाद पेंशन फंड्स का इक्विटी में हिस्सा बढ़ेगा और सब्सकाइबर्स को निवेश का ज्यादा रिटर्न मिलेगा.

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इक्विटी गाइडलाइंस तैयार कर ली गई है

रेगुलेटर PFRDA के चेयरमैन सुप्रतिम बंद्योपाध्याय के मुताबिक फंड मैनेजर्स के इक्विटी गाइडलाइंस तैयार कर ली गई है और अब इक्विटी निवेश का स्कोप बढ़ जाएगा और पेंशन फंड्स BSE 200, NSE 200 के कंपनियों में निवेश कर पाएगी और आने वाले बड़े IPO में भी पेंशन फंड्स का निवेश होगा. PFRDA का मानना है कि इक्विटी निवेश में जोखिम है लेकिन ज्यादा रिटर्न की संभावना भी रहती है अभी तक NPS ने इक्विटी में 11% का रिटर्न दिया है और फिलहाल 1 लाख करोड़ का निवेश पेंशन फंड्स के जरिए इक्विटी में मौजूद है और नए नियमों के बाद इसमें बढ़ोतरी होगी.

विदेशी निवेशकों का पेंशन फंड्स में रुझान बढ़ेगा

PFRDA ऐक्ट में बदलाव के जरिए FDI लिमिट भी 49% से बढ़ाकर 74% कर दी गई है इसके बाद मौजूदा 7 पेंशन फंड्स मैनेजर्स अपना हिस्सा विदेशी पार्टनर्स को बेच सकते है. ऑन टैप लाइसेंस के जरिए आने वाले नए फंड मैनेजर्स के लिए भी 74% विदेशी निवेश की सीमा होगी. बढ़ी हुई FDI लिमिट के बाद विदेशी निवेशकों का पेंशन फंड्स में रुझान बढ़ेगा और लंबी अवधि में फायदा देखने को मिल सकता है.

NPS के सब्सक्राइबर्स

अभी NPS के जरिए 4.37 करोड़ सब्सक्राइबर्स जुड़े हुए है और मौजूदा साल में 1 करोड़ नए सब्सक्राइबर्स जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें 10 लाख सामान्य NPS से जुड़े और 90 लाख सबसक्राइबर्स से जुड़े. KYC नियमों में बदलाव के बाद आधार के जरिए KYC होने पर अब NPS अकाउंट खोलना काफी आसान हो गया है और ऑनलाइन माध्यम से कुछ मिनटों में NPS अकाउंट खोला जा सकता है.  

पैसे निकालने के लिए डॉक्यूमेंट की जरूरत नहीं

कोरोना काल में अगर आप अपने NPS फंड से जरूरत के लिए पैसा निकालना चाहते हैं तो आपको किसी भी तरह के डॉक्यूमेंट की जरूरत नहीं है. सेल्फ डिक्लेरेशन से अपने कॉन्ट्रिब्यूशन का 25 परसेंट की निकासी कर सकते हैं. सुप्रितम बंधोपाध्याय के मुताबिक आंशिक निकासी के लिए वक्त घर, शादी, मेडिकल से जुड़े दस्तावेज की जरूरत नहीं और सिर्फ सेल्फ डिक्लेरेशन के जरिए सब्सक्राइबर्स बिना दिक्कत से पैसा निकल सकते हैं. इसके अलावा रिटायरमेंट के विड्रॉल का लिमिट 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख किया गया है. यानी पेंशन फंड की राशि 5 लाख रुपए से कम होने की स्थिति में सब्सक्राइबर्स को बिना कोई ऐन्युटी खरीदे समूची राशि निकालने की परमिशन दी है.

निवेश वाले दिन ही NAV मिलने का विकल्प

NPS में निवेश करने में ग्राहक को NAV दो दिन बाद की ग्राहकों के खाते में दर्ज होती थी जिससे बाजार के उतार-चढ़ाव में निवेशक को नुकसान होता था लेकिन D-Remit सुविधा के जरिए निवेश वाले दिन ही NAV मिलने का विकल्प दिया गया है जिसमें सुबह 9:30 am  बजे तक कॉन्ट्रिब्यूशन करने पर उस दिन का NAV निवेशक को दिया जाएगा. D-Remit सुविधा से अभी तक 85 हजार सब्सक्राइबर्स जुड़ कर 450 करोड़ का निवेश कर चुके हैं.

इक्विटी निवेश के अधिकतम हिस्से को धीरे-धीरे बढ़ाया गया है

सुप्रतिम बंद्योपाध्याय का मानना है कि संसद के मॉनसून सत्र में प्रस्तावित नए बिल के बाद अभी जो पेंशन फंड्स रेगुलेटरी अथॉरिटी के अंदर नहीं है वो PFRDA के अंतर्गत आएंगे लेकिन सभी पेंशन फंड्स के लिए एक रेगुलेटर होना चाहिए या नहीं इसका फैसला केंद्र सरकार ही कर सकती है. इक्विटी में निवेश होने की वजह से NPS निवेश में जोखिम भी जुड़ी है लेकिन बेहतर रिटर्न को देखते हुए इक्विटी निवेश के अधिकतम हिस्से को धीरे-धीरे बढ़ाया गया है. पहले सरकारी कर्मचारी इक्विटी अधिकतम 15% ही निवेश कर सकते थे लेकिन अब 50% इक्विटी में निवेश मंज़ूर और प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी 75% तक इक्विटी में निवेश कर सकते हैं.

इंडिविजुअल NPS एजेंट्स की मंजूरी

NPS में निवेशकों का भरोसा बढ़ाने के लिए न्यूनतम रिटर्न प्रोडक्ट के लिए RFP जारी किया जा चुका है. वेरिएबल एन्यूटी महंगाई के साथ लिंक करने पर भी इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI के साथ बातचीत जारी है. NPS की पहुंच को ज्यादा से ज्यादा पहुंचाने के लिए हालफिलहाल में रेगुलेटर ने इंडिविजुअल NPS एजेंट्स की मंजूरी दी है और ये एजेंट्स लाइफ इंश्योरेंस और म्यूचुअल फंड की तर्ज पर ही होंगे. आने वाले दिनों में लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों के जरिए भी NPS प्रोडक्ट्स को बेचने को मंजूरी मिल सकती है.

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