हम भारतीय लोगों को सोने में लंबे समय से दिलचस्‍पी रही है. खास तौर से शादी-विवाह के समय तो इसकी खरीदारी जोर-शोर से की जाती है. वैसे भी पारंपरिक तौर पर सोने में निवेश करने का चलन रहा है. म्‍युचुअल फंड, शेयर आदि जैसे विकल्‍प तो इस जमाने के हैं. सोने की एक खासियत यह है कि चाहे कुछ भी हो जाए लेकिन यह महंगाई से आपके निवेश की रक्षा रकता है. मतलब महंगाई जितनी बढ़ती है, सोने की कीमत में भी उसी हिसाब से बढ़ोतरी होती है. यह आपके निवेश के मूल्‍य को बरकरार रखता है. अब सवाल उठता है कि आज जब बाजार में निवेश के तमाम विकल्‍प उपलब्‍ध हैं तो आपको सोने में निवेश करना चाहिए या नहीं? और अगर निवेश करना चाहिए तो कितना और इसका माध्‍यम क्‍या होना चाहिए?

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सोने में निवेश करना चाहिए या नहीं?

जाने माने टैक्‍स एक्‍सपर्ट और इन्‍वेस्‍टमेंट एडवाइजर बलवंत जैन कहते हैं कि सोने का वास्‍तविक रिटर्न लंबे समय में भी अन्‍य एसेट्स के मुकाबले कम होता है. इसलिए, सोने में कभी भी बहुत अधिक निवेश नहीं करना चाहिए. महंगाई को मात देने में यह सहायक है लेकिन इसका वास्‍तवित महंगाई समायोजिट रिटर्न कम होता है. इसलिए अगर आप निवेश करना ही चाहते हैं तो ध्‍यान रखें कि यह आपके कुल निवेश पोर्टफोलियो का अधिकतम 10 फीसदी तक ही हो.

गहने खरीदें या गोल्‍ड ईटीएफ या सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड?

सोने में निवेश करने के आज तमाम माध्‍यम उपलब्‍ध हैं. पारंपरिक तौर पर लोग सोने के गहने खरीदते आए हैं. जैन कहते हैं कि सोने के गहनों में निवेश करना उचित निर्णय नहीं है. हम आपको इसकी वजह बताते हैं. जब आप इसे बेचने जाते हैं तो आपको गहनों का मेकिंग चार्ज नहीं मिल पाता. बलवंत जैन के अनुसार आप सोने में अगर निवेश करना ही चाहते हैं तो म्‍युचुअल फंडों के गोल्‍ड ईटीएफ के जरिए निवेश करें. वह यह सलाह भी देते हैं कि सोने में एकमुश्‍त निवेश कभी न करें क्‍योंकि इसकी कीमतें घटती बढ़ती रहती हैं. खरीद का मूल्‍य औसत हो इसके लिए आप समय-समय पर थोड़ा-बहुत गोल्‍ड ईटीएफ खरीद सकते हैं. सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड्स भी सोने में निवेश का अच्‍छा विकल्‍प है.